tanha Safar: jajbaton ki chhanv mein bheega Ishq - 15 in Hindi Love Stories by Babul haq ansari books and stories PDF | तन्हा सफ़र: जज़्बातों की छांव में भीगा इश्क़ - 15

Featured Books
  • પરીક્ષા

    પરીક્ષા એક એવી વ્યવસ્થા છે, જેમાંથી સૌએ ક્યાંક ને ક્યાંક આ વ...

  • ટ્રેન ની મુસાફરી - ભાગ 2

    સાત વર્ષ વીતી ગયા હતા.આરવ હવે જાણીતા કવિ બની ગયા હતા. તેમનું...

  • The Glory of Life - 5

    પ્રકરણ 5 : એક વખત એક માણસ પોતે પોતાના જીવન માં સર્વસ્વ ત્યાગ...

  • તલાશ 3 - ભાગ 56

    ડિસ્ક્લેમર : આ એક કાલ્પનિક વાર્તા છે. તથા તમામ પાત્રો અને તે...

  • જીવન પથ - ભાગ 29

    જીવન પથ-રાકેશ ઠક્કરભાગ-૨૯         એક ભાઈ પૂછે છે,‘માણસ જીવનમ...

Categories
Share

तन्हा सफ़र: जज़्बातों की छांव में भीगा इश्क़ - 15

                           भाग:15          
               रचना: बाबुल हक़ अंसारी

              “खून का आख़िरी फ़ैसला”.   

[लहू की जंग…]

छुरा गिरते ही प्लेटफ़ॉर्म पर खून की लकीर खिंच गई।
रिया की साँसें थम गईं, उसकी आँखें फटी रह गईं।

रूद्र खून से सना खड़ा था, उसकी हंसी गूंज रही थी —

“देखा! इश्क़ सिर्फ़ दर्द देता है।
तेरे अयान को बचाकर भी तेरा क्या हुआ, रिया? फिर से मौत ने उसे छीन लिया।”



लेकिन तभी अयान ने काँपते हुए हाथ से छुरा थाम लिया।
उसकी हथेली लहूलुहान थी, मगर आँखों में मौत नहीं, जिद चमक रही थी।


[अयान का पलटवार…]

अयान बमुश्किल खड़ा हुआ।
उसकी साँसें तेज़ थीं, मगर दिल पहले से मज़बूत।

वो गरजा —

 “तूने सोचा नफ़रत इश्क़ को मिटा देगी?
नहीं रूद्र… इश्क़ मिटता नहीं, वो तो और मज़बूत होता है।
और आज… तेरा अंधेरा इसी खून में डूबकर ख़त्म होगा।”



इतना कहकर उसने छुरा पलट दिया और रूद्र की तरफ झपटा।

रूद्र ने रोकने की कोशिश की, लेकिन अयान की चोट सीधी उसके सीने में धंस गई।


[रूद्र का अंत…]

रूद्र की आँखें फैल गईं।
उसकी साँसें तेज़ हुईं और फिर डगमगा गईं।

 “न-नहीं… ये… कैसे…”


उसकी आवाज़ गले में ही अटक गई।
वो ज़मीन पर गिर पड़ा, आँखों में डर और हार लिए।

आख़िरी साँस के साथ उसने चीख़ मारी —
“इश्क़… मेरी मौत… बन गया!”

और उसकी देह बिल्कुल निर्जीव हो गई।


[इश्क़ की जीत…]

रिया ने दौड़कर अयान को थाम लिया।
उसके आँसू अयान के चेहरे पर गिरते रहे।

अयान मुस्कुराया और फुसफुसाया —

 “रिया… आज ये लड़ाई नहीं जीती… आज इश्क़ जीता है।
ये खून मेरी हार नहीं, तेरे नाम की जीत है।”



रिया उसकी बाँहों में सिमट गई।
आर्यन ने चैन की साँस ली और आसमान की ओर देखते हुए बुदबुदाया —
“शुक्र है… आज नफ़रत का आख़िरी साँस टूट गया।”


[क्लिफहैंगर…]

लेकिन तभी प्लेटफ़ॉर्म की टूटी दीवारों से हल्की गड़गड़ाहट गूंजी।
जैसे इस जंग का अंत अभी बाकी हो।

क्या रूद्र सचमुच मर चुका है?
या उसके अंधेरे ने कोई और जाल बुन रखा है?



“नफ़रत का साया”



[खामोश प्लेटफ़ॉर्म…]

रूद्र का शव ज़मीन पर पड़ा था।
चारों तरफ़ टूटी ईंटें, बारूद की गंध और खून से भीगी पटरी।

रिया ने अयान का हाथ कसकर थाम लिया।
उसकी साँसें अभी भी तेज़ थीं, लेकिन आँखों में सुकून की चमक थी—
जैसे वो सोच रही हो कि अब सब कुछ ख़त्म हो गया है।

लेकिन तभी हवा में अजीब-सी सरसराहट गूंजी।
टूटी दीवारों से अचानक एक हल्की गड़गड़ाहट सुनाई दी।

आर्यन चौकन्ना हो गया—
“रिया, अयान… पीछे हटो। ये सन्नाटा किसी तूफ़ान से पहले का है।”


[नफ़रत का साया…]

अचानक रूद्र का शरीर हल्का-सा हिला।
उसकी निर्जीव आँखें आधी खुलीं और होंठ बुदबुदाए—

 “मैं… इतनी आसानी से… कैसे हार सकता हूँ?


रिया की रगों में खून जम-सा गया।
“न-नहीं! ये तो मर चुका था…”

लेकिन आर्यन गरजा—
“ये रूद्र नहीं… इसका अंधेरा है। नफ़रत का वो साया, जो मरने के बाद भी इसे छोड़ नहीं रहा।”

रूद्र का शरीर धीरे-धीरे काला पड़ने लगा।
उससे उठता धुआँ जैसे हवा में फैलकर पूरे प्लेटफ़ॉर्म को निगलने लगा।


[इश्क़ की अग्निपरीक्षा…]

अयान लड़खड़ाते हुए खड़ा हुआ।
उसने रिया को अपने पीछे कर दिया।

 “रिया… ये आख़िरी इम्तिहान है।
रूद्र तो मर चुका, लेकिन उसकी नफ़रत अब भी जिंदा है।
अगर हमें जीना है… तो इस साए को ख़त्म करना होगा।”


रिया ने काँपते हाथों से अयान की बाँह थाम ली।
“अगर तू लड़ेगा तो मैं तेरे साथ रहूँगी।
इश्क़ अधूरा नहीं रह सकता… चाहे सामने मौत ही क्यों न हो।”

अयान ने उसकी ओर देखा, और होंठों पर एक हल्की मुस्कान उभरी।
“बस यही तो मेरी जीत है, रिया… तू मेरे साथ है।”



[साया और उजाला…]

नफ़रत का साया धीरे-धीरे उनका घेराव करने लगा।
दीवारें काली छाया में डूब गईं, साँस लेना मुश्किल हो गया।

रूद्र की आवाज़ गूंजी—

“प्यार सिर्फ़ धोखा है… और धोखा कभी अमर नहीं होता।”



अयान ने गहरी साँस ली और ज़मीन से गिरा हुआ छुरा उठाकर आसमान की ओर उठा दिया।
“इश्क़ अमर है… और आज तेरे इस अंधेरे को मेरा उजाला चीर देगा!”

रिया ने आँखें बंद करके दुआ की।
आर्यन ने भी दोनों की ओर हाथ फैलाकर कहा—
“तुम्हारा इश्क़ ही अब इस नफ़रत का अंत कर सकता है।”




[क्लिफहैंगर…]

अयान और रिया ने हाथ मिलाकर छुरा कसकर थाम लिया।
जैसे ही वो दोनों मिलकर नफ़रत के साए पर झपटे—
पूरा प्लेटफ़ॉर्म तेज़ रौशनी से जगमगाने लगा।

साया चीख़ता हुआ पीछे हटा,
लेकिन उसकी गूंज अब भी हवा में तैर रही थी।

क्या सचमुच ये अंधेरा ख़त्म हो जाएगा?
या रूद्र का यह साया उनके इश्क़ को और बड़ी क़ीमत चुकाने पर मजबूर करेगा?




 अगले भाग में:
इश्क़ और नफ़रत की इस टक्कर का सच क्या सामने आएगा?
क्या रिया और अयान इस साए को मिटा पाएंगे,
या उनकी मोहब्बत को फिर एक नई आग की परख से गुज़रना होगा?

 भाग 16: “उजाले की क़सम”
रचना: बाबुल हक़ अंसारी