(हॉस्टल में छुट्टी का दिन अचानक रहस्यमय घटनाओं से भरा था। आद्या नींद से उठती है तो पता चलता है कि उसकी सहपाठी रूचिका गायब है। आद्या की तेज़ नज़र और छिपी शक्तियाँ उसे सच का पता लगाने के लिए प्रेरित करती हैं। वह रूचिका के कमरे में जाती है, अजीब परछाइयाँ और रहस्यमय अनुभव महसूस करती है। अचानक दो नकाबपोश उसे पकड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन आद्या अपनी अद्भुत ताकत से उन्हें मात देती है। उसकी आँखों में सर्प जैसी चमक और आवाज़ में गर्जन डर और शक्ति का प्रतीक है। कहानी रहस्य, थ्रिल और सुपरनेचुरल तत्वों से भरी है। अब आगे)
रूचिका की खोज
आद्या के सामने दो आदमी बेहोश पड़े थे। वह एक पल के लिए स्तब्ध खड़ी रही, उसके मन में हलचल मची हुई थी। पल पहले जो गुस्सा उसकी आँखों में चमक रहा था, अब धीरे-धीरे डर में बदल रहा था। "हे भगवान! इस बार तो पूरी मैथ्स की किताब सॉल्व करवाएंगी…"—वह खुद से बड़बड़ाई। मिसेज सक्सेना की सख्ती और उनकी सजा देने की आदत याद आते ही उसके पेट में तितलियाँ उड़ने लगीं।
तभी—टप्प… टप्प…—किसी की एड़ी की आवाज़ गलियारे में गूँज उठी। आद्या फौरन एक कोने में छिप गई, सांसें रोककर। मिसेज सक्सेना गेट के पास ठिठक गईं, सामने का दृश्य देखकर। गार्ड बेहोश पड़ा था और दो अजनबी धीरे-धीरे होश में आ रहे थे। "गार्ड!! ये सब क्या हो रहा है?" उनकी आवाज़ बिजली की तरह गूँजी। दो चोर हड़बड़ाकर भाग खड़े हुए। मिसेज सक्सेना ने तुरंत मोबाइल निकाला—"सर! हॉस्टल में घुसपैठ हुई है। बच्चियों की सुरक्षा खतरे में है!"
कोने में खड़ी आद्या ने राहत की साँस ली, लेकिन मन ही मन जान चुकी थी—खतरा केवल बाहर नहीं, उसके चारों ओर मंडरा रहा है।
आद्या ने अचानक ही नंबर लगाया जो सनी का था। "पापा! "
......
जंगल के बीच एक छोटा सा क्वार्टर था, जहां निशा बगीचे में गमलों को पानी दे रही थी। उसके हाथों में हल्की थकान थी, मगर चेहरे पर एक अजीब खुशी थी—जैसे अपनी दुनिया में खोई हुई हो। 41 साल की निशा, काले बालों के बीच सफेद लकीर लिए, नीली साड़ी में बेहद आकर्षक लग रही थी।
तभी एक जीप आकर रुकी। सनी उतरे—ताकतवर, रोमांटिक और चंचल—गेट के पास खड़े होकर मुस्कुराए, "जानू, आज बहुत खुश लग रही हो।"
निशा पलटी और मुस्कान छुपाते हुए बोली, "क्यों न हूं? आज हमारी शादी की 19वीं सालगिरह है।" हल्के गुस्से में जुबान टेढ़ी कर कहा—"मत कहना कि भूल गए।"
सनी हंसते हुए इधर-उधर ताका झाँकी, सच में भूल चुका था।
निशा ने चिढ़ते हुए कहा, "अद्दु के बाद से बस वही याद रहता है। मैं जैसे हूं ही नहीं।" पानी का केन साइड में रखते हुए बोली, " "हे भगवान, अपनी बेटी से जलती है मेरी बीवी। वैसे जलकर बहुत हॉट लग रही हो।" सनी ने नटखट होकर जवाब दिया —
"रहने दीजिए, और चाय बनाइए। जाइए, किचन में।" निशा ने शर्माते हुए कहा।
उसने मज़ाक करते हुए कहा —"अभी रिटायर होने में वक्त है, लेकिन लग रहा है जैसे पहले से ही घर के काम करवा रही हो।"
निशा तुनक कर बोली —"ज्यादा न नौटंकी करने की।"
तभी फोन बजा। सनी उछल पड़ा, "अद्दु का फोन!"—आद्या का था।
"शादी की सालगिरह मुबारक, पापा-मम्मी!"
निशा हंसते हुए बोली, "थैंक्यू बेटा।"
आद्या गंभीर हुई—"ठीक नहीं होगा तो यहां से ले जाओंगे।"
निशा-सनी का चेहरा उतर गया। आद्या हंस पड़ी, "मज़ाक कर रही हूं। सब ठीक है।" और फोन काट दिया।
निशा की आँखें नम थीं, सनी के चेहरे पर तनाव। आद्या दूर रहकर माता-पिता की याद में रो रही थी। छुट्टियों में भी दादी के घर जाती, पेरेंट्स के घर केवल फोटो में देखी थी। आद्या ने कभी शिकायत नहीं की, बस नागचिह्न और आंसू उसके साथी थे।
स्नेहा-सुरभि पास नहीं थीं। रूचिका की याद में बेचैनी बढ़ रही थी—सीधी-सादी, बातूनी, जोक्स वाली लड़की, जिसकी हँसी अब आद्या की यादों में गूँज रही थी।
तभी नागों की फुसफुसाहट सुनाई दी। आद्या गंभीर हुई, नीली आँखें और चमकता नागचिह्न—"रूचिका कहां है, बताओ।"
नागों ने सिर हिलाया, जैसे जवाब दे रहे हों।
दूर से कोई चुपचाप देख रहा था। आद्या उसकी ओर देख हँसी—"इतने लोग यहाँ हैं, फिर भी कोई गायब।"
और परछाई अचानक गायब हो गई, जैसे आद्या सब जानती हो।
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1. आद्या की छुपी शक्तियों का रहस्य क्या है, और क्या वह वास्तव में केवल एक सामान्य लड़की है?
2. रूचिका अचानक गायब क्यों हुई, और उसका असली खतरा क्या है?
3. नागों और परछाइयों की फुसफुसाहट का मतलब क्या है—क्या आद्या आने वाले खतरे को पहले से जान रही है?
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए "विषैला इश्क"