O Mere Humsafar - 18 in Hindi Love Stories by NEELOMA books and stories PDF | ओ मेरे हमसफर - 18

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ओ मेरे हमसफर - 18

(प्रिया को कमरे में रिया बेहोश मिलती है, जिससे उसे किडनैपिंग की याद आ जाती है और टोनी के खिलाफ सज़ा का संकल्प लेती है। अगले दिन ललिता के घर नाश्ते के दौरान प्रिया और कुणाल के बीच टोनी को लेकर तनाव होता है। कुणाल उसे भरोसा दिलाता है कि टोनी घर में कदम नहीं रखेगा, लेकिन तकरार बनी रहती है। शाम को प्रिया मिलने जाती है, जहाँ कुणाल ने पूरा रेस्टोरेंट बुक किया है। डांस के दौरान उनकी नज़दीकियां बढ़ती हैं, मगर सही समय न मानकर कुणाल रुक जाता है। दोनों के मन में चाहत और संकोच के बीच खिंचाव बना रहता है। अब आगे)

शरारती प्रिया

राठौड़ मेंशन

"क्या बकवास है?" कुणाल की आवाज़ पूरे हॉल में गूँज उठी।

आदित्य ने जैसे अनजान बनने की कोशिश की, "यार, यह सच है। टोनी की ज़मानत हो गई है। उसे सज़ा दिलाने के लिए प्रिया को कोर्ट में बयान देना होगा।"

कुणाल ने बिना सोचे जवाब दिया, "ठीक है, प्रिया बयान देगी।"

"प्रिया कोई बयान नहीं देगी।" ललिता की आवाज़ में कड़क आदेश था। "इस घर की बहू पर किसी ने हाथ डालने की कोशिश की, तो बाहर वाले क्या कहेंगे? और देखा, पूजा के दिन कैसे वह सबसे कटी-कटी घूम रही थी?"

"पर मां—" कुणाल ने कहना चाहा, लेकिन ललिता ने बीच में काटा, "बस। अब और कोई बहस नहीं।"

कुणाल के चेहरे पर गुस्सा साफ दिख रहा था, वह तेज़ क़दमों से बाहर निकल गया।

आदित्य ने ललिता की तरफ देखते हुए धीमे से कहा, "पहली बार कुणाल आप पर गुस्सा हुआ है।"

ललिता ने ठंडे स्वर में उत्तर दिया, "हाँ, और वो भी उस प्रिया की वजह से। वह इस घर की बहू नहीं बननी चाहिए। वरना हम सब कुछ खो देंगे।"

आदित्य ने चुपचाप सहमति में सिर हिला दिया।

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डोगरा हाउस

प्रिया अपने मोबाइल पर मूवी देख रही थी, चेहरे पर हल्की-सी शरारती मुस्कान थी।

रिया ने उसे गौर से देखते हुए पूछा, "तुझे क्या हुआ?"

प्रिया ने हँसते हुए कहा, "आपके मतलब की बात नहीं, आप अभी बच्ची हो।" और बाहर चली गई।

रिया हैरान रह गई, "क्या?"

अकेले में प्रिया खुद से बुदबुदाई, "किस तो होकर ही रहेगा हमारा।"

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नदी किनारा

कुणाल और प्रिया हाथों में हाथ थामे नदी के बहते पानी को चुपचाप निहार रहे थे। कुणाल के मन में उथल-पुथल मची थी—टोनी के खिलाफ बयान दिलवाए या ललिता की बात माने? माँ की बात उसके लिए पत्थर की लकीर थी, मगर प्रिया के साथ अन्याय भी नहीं कर सकता था।

उसने नजरें घुमाईं तो प्रिया पास नहीं थी। इधर-उधर देखा तो वह पानी में डूब रही थी।

"प्रिया!" कुणाल ने बिना देर किए छलांग लगा दी। बेतहाशा तैरकर उसे किनारे खींचा और हिलाने लगा।

जैसे ही उसका चेहरा प्रिया के पास आया, कुणाल को सब समझ आ गया। उसने जोर से उसके गाल खींचे।

प्रिया चीखी, "ऐसे होश में कौन लाता है?"

"मैं," कुणाल मुस्कुराया, "और देखो, होश में आ गई न?"

"मतलब तुम्हें पता था मैं नाटक कर रही हूँ?"

"नहीं… लेकिन एंड टाइम में तुम ही भूल गई कि तुम नाटक कर रही हो, और अपने होंठ—"

"ठीक है, ठीक है… नहीं चाहिए तुम्हारा—"

"किस चाहिए," कुणाल ने चुटकी ली।

प्रिया के चेहरे पर चमक आ गई। कुणाल ने झट उसके माथे पर किस कर दिया।

प्रिया ने होंठों की तरफ इशारा किया, "यहाँ चाहिए था।"

"यहाँ शादी के बाद मिलेगा," कुणाल ने उसके होंठों को उंगलियों से हिलाते हुए कहा।

प्रिया नाराज़ होकर कार में जा बैठी।

कुणाल जोर से हंसा।

"चलो, मॉल चलते हैं… कपड़े भी बदल लेंगे। पागल हो तुम," कुणाल ने स्टीयरिंग संभालते हुए कहा।

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डोगरा हाउस – शाम

घर लौटते ही प्रिया ने देखा, रिया काम में लगी है। पास जाकर पूछा, "दी! आज तो जीजू से मिलने गई थी न?"

रिया ने सिर हिलाया, "हाँ, लेकिन तबीयत ठीक नहीं थी, तो जल्दी आ गई।"

प्रिया ने सीधा सवाल किया, "दी! आप यह शादी करना चाहती तो हैं न?"

रिया थोड़ी चौंकी, "हाँ, क्यों?"

"क्योंकि आप जीजू के साथ कम्फर्टेबल नहीं लगतीं… चेहरे पर खुशी भी नहीं है। और काफी दिन हो गए आपको पढ़ते भी नहीं देखा। क्या हो रहा है? क्या छुपा रही हैं हमसे?"

रिया ने हँसकर टाल दिया, "अभी बच्ची हूँ न, इसलिए।"

"सच बताइए," प्रिया ने आँखों में आँख डालते हुए कहा।

"हाँ मेरी माँ… हाँ। बस तुम्हारी तरह 24 घंटे रोमांटिक नहीं हो सकती," रिया ने मुस्कुराकर जवाब दिया।

"और पढ़ाई?"

"वाह! तुम शादी की तैयारियों का मज़ा लो और मैं पढ़ाई करूँ? वैसे तैयारी बहुत अच्छी है मेरी।"

"सच?"

रिया ने कमर पर हाथ रखकर उसे घूरा।

प्रिया डरकर कमरे की ओर भागी।

दूर खड़े वैभव और कुमुद यह सब देख रहे थे—उनकी आँखों से आँसू बह रहे थे।

....

1. क्या ललिता की चाल प्रिया और कुणाल के रिश्ते को तोड़ देगी?

2. टोनी की ज़मानत के बाद प्रिया की सुरक्षा कौन संभालेगा?

3. रिया अपने दिल का सच कब और किसके सामने खोलेगी?

आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए "ओ मेरे हमसफ़र"