(प्रिया को भानु से पता चलता है कि कुणाल उससे मजबूरी में शादी कर रहा है। वह कुणाल से प्यार का सच पूछती है, पर जवाब नहीं मिलता। पूजा के दौरान टोनी उसकी बेअदबी करता है। बाद में वेटर के बहाने उसे अलग बुलाकर बेहोश कर दिया जाता है। होश आने पर वह खुद को बंधा हुआ पाती है, जहाँ टोनी उसका अपमान करने की कोशिश करता है। तभी कुणाल आकर उसे बचाता है और अपने जुनूनी प्यार का इज़हार करता है और प्रिया उसके गले लग उसके प्यार को स्वीकार लेती है। उधर, ललिता, आदित्य और भानु, टोनी को प्रिया और कुणाल की शादी रोकने की नई चाल चलने का आदेश देते हैं। खतरा अब भी टला नहीं है। अब आगे)
प्रिया की अधूरी कसक
कुणाल ने प्रिया को एक कमरे में छोड़ दिया। अंदर गई तो बिस्तर पर रिया थी—गहरी नींद में या शायद बेहोश, कहना मुश्किल था। उसी पल प्रिया को याद आया, कल जब उसे किडनैप किया गया था, रिया दी और आदित्य जीजू दोनों बेहोश पड़े थे। उसकी मुट्ठियाँ कस गईं—टोनी को वह हर हाल में सज़ा दिलाकर रहेगी।
सुबह आंख खुली तो रिया उसे उठा रही थी।
"बस उठ गई," प्रिया ने धीमे से कहा।
रिया बोली, "कल पता नहीं कब आंख लग गई… सुबह देखा तो हम यहां। चल, घर चलते हैं।"
प्रिया ने टोकते हुए कहा, "आपको याद नहीं, कल क्या हुआ था?"
रिया ने माथा सिकोड़ते हुए याद करने की कोशिश की, "कुणाल ने कहा था तेरे साथ रहूं… फिर हम तीनों ने ड्रिंक पी, उसके बाद कुछ याद नहीं।"
"हां दीदी… चलते हैं," प्रिया ने बात खत्म की।
...
दोनों बाहर निकलीं तो ललिता ने आवाज दी, "नाश्ता करके जाओ।"
सामने आदित्य और कुणाल इंतज़ार में खड़े थे।
रिया ने कहा, "थैंक्यू, लेकिन घर में बताया नहीं है।"
आदित्य मुस्कुराया, "मैंने रात को इंफॉर्म कर दिया था।"
रिया ने प्रिया का हाथ पकड़कर आगे बढ़ाया। नौकरों ने उनकी प्लेट भर दी, लेकिन निवाला गले से नीचे नहीं उतर रहा था। बड़ी मुश्किल से दो निवाले निगले और रिया ने कहा, "तबीयत ठीक नहीं… हमें चलना चाहिए।"
"रुक जाओ, यही," आदित्य बोला।
ललिता ने आंखों से इशारा किया और कुणाल से कहा, "जाओ, इन्हें घर छोड़ आओ।"
कुणाल ने रिया के लिए पीछे का दरवाज़ा खोला, लेकिन प्रिया झट से पीछे बैठ गई। रिया मुस्कुराई और उसके बगल में बैठ गई।
रिया बोली, "हमारे वजह से तुम्हें तकलीफ हो रही है।"
कुणाल ड्राइविंग सीट पर बैठा, फ्रंट मिरर से प्रिया को देखते हुए मुस्कुराया, "इट्स ओके, भाभी।"
प्रिया ने उसकी तरफ देखा तक नहीं।
घर पहुंचते ही प्रिया ने दरवाज़ा खोला, कुणाल ने कहा, "एक मिनट।"
रिया बोली, "मैं आगे जाती हूं, तुम बात कर लो।"
कुणाल ने प्रिया को ध्यान से देखा, "क्या हुआ?"
"कुछ नहीं।"
"कल ही प्रपोज किया, आज नखरे?"
"जिस घर में टोनी आता-जाता है, वहां मैं और दी बहू बनकर—"
कुणाल की आंखों में सख्ती उतर आई, "तुम भूल रही हो, तुम मुझे नहीं छोड़ सकती। और टोनी… उस घर में कदम नहीं रखेगा।"
प्रिया ने नरम पड़ते हुए कहा, "मैं तुम्हें छोड़ना नहीं चाहती, लेकिन—"
"लेकिन ज़रूरत पड़ी तो छोड़ दोगी," कुणाल ने बीच में काटा।
"मेरा मतलब वो नहीं—"
कुणाल ने उसे घूरा, कार स्टार्ट की और चला गया।
....
घर पहुंचते ही कुमुद ने कहा, "तुम दोनों को वहां नहीं रुकना चाहिए था। ललिता जी कैसी हैं, जानती हो न।"
प्रिया अपने कमरे में चली गई। बार-बार उसके मन में टोनी के शब्द गूंज रहे थे—वह कुणाल से क्यों कह रहा था कि प्रिया उसकी होगी?
उसने कुणाल को मैसेज किया—मिलते हैं?
थोड़ी देर बाद जवाब आया—ओके।
शाम को दोनों एक रेस्टोरेंट में मिले।
"यहां सिर्फ हम ही क्यों?" प्रिया ने वेटर से पूछा।
"सर ने पूरा रेस्टोरेंट बुक किया है," वेटर ने कुणाल की तरफ इशारा किया।
"क्या?" प्रिया चौंकी।
"बोलो, क्या कहना चाहती हो?" कुणाल ने सीधा पूछा।
प्रिया मन ही मन सोच रही थी—मैं तो मनाने आई थी, पर ये तो…
कुणाल बोला, "तुम मेरे घर नहीं आओगी, तुम्हें डर है कि कोई सुन लेगा। यहां बातें कर सकते हैं?"
प्रिया बस मुस्कुरा दी, "बहुत सुंदर है ये सब।"
कुणाल के इशारे पर म्यूज़िक बजा। उसने प्रिया की ओर हाथ बढ़ाया।
प्रिया ने अपना हाथ उसके हाथ में दे दिया और दोनों डांस करने लगे। उनकी नज़दीकियां बढ़ने लगीं—कुणाल उसके बाल सहला रहा था, और प्रिया उसकी छुअन महसूस कर रही थी। उसकी आंखों में प्यार साफ झलक रहा था, जिसे देख कुणाल संतुष्ट था।
प्रिया ने अपने होंठ उसके करीब लाए, लेकिन कुणाल उसके बालों में उलझा रहा। वह मायूस हुई, तो कुणाल ने इशारे से पूछा।
"कुछ नहीं," कह प्रिया ने सिर झुका लिया।
कुणाल सब समझ रहा था, लेकिन उसे ये सब अभी सही वक्त नहीं लगा।
प्रिया ने मन में सोचा—मैं इसे रिझा भी नहीं सकती।
और कुणाल ने सोचा—अगर इसने दोबारा ऐसा किया, तो मैं खुद को रोक नहीं पाऊंगा।
...
1. टोनी के खिलाफ प्रिया क्या कदम उठाएगी, और क्या कुणाल वाकई उसे उस घर से दूर रख पाएगा?
2. क्या प्रिया और कुणाल के बीच बढ़ती नज़दीकियां उनके रिश्ते को मजबूत करेंगी या नई उलझनें पैदा करेंगी?
3. रेस्टोरेंट में अधूरी रह गई प्रिया की चाहत—क्या अगली मुलाकात में पूरी होगी या दूरी और बढ़ेगी?
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए "ओ मेरे हमसफ़र"।