इंस्पेक्टर श्रीकांत का मुंह भाड़ सा खुला रहे गया जैसे मानो उसने दिन के उजाले में तारे देख लिए हो, यह नही हो सकता ? कर्ण की मुलाकात राहुल खन्ना से कैसे हुई ?
राम सिंह ने बताया कैसे कर्ण पर राहुल अपनी कार चला दी और कर्ण ने पुलिस को बताया कि गलती मेरी थी। ना की राहुल खन्ना की और उसके बाद राहुल ने कर्ण को अपने ऑफिस में जॉब दे दी, फिर कैसे कर्ण धीरे धीरे वर्कर से मैनेजर बन गया ।
इंस्पेक्टर श्रीकांत चुटकी बजाता हूं बोला, केस सॉल्व यानी की यह सब कर्ण का प्लान था । राहुल खन्ना की कार के आगे आना, जानबूझकर पुलिस को यह बताना की गलती राहुल खन्ना की नही बल्कि उसकी खुद की थी और राहुल पर उस बात का असर हुआ । यानी की इमोशनल करके कर्ण ने राहुल खन्ना के ऑफिस में एंट्री कर ली और अपना मकसद पूरा कर किया ।
"सर, आप कही यह तो कहना नहीं चाहते ? की अमित बजाज व राहुल खन्ना ने कर्ण की बहन रिया के साथ रेप किया था ? "
"हां राम सिंह ! देखो राधा का रिया का फ्रेंड होना कोई इत्तेफाक नहीं है । यह सब एक सोची समझी साजिश हैं कर्ण ने अपनी बहन रिया के साथ हुई नाइंसाफी का बदला अमित बजाज को मारके , वह राहुल खन्ना को अमित बजाज के खून इल्जाम फंसा कर ले लिया । कोई भी कर्ण पर शक नहीं सकता ? की अमित बजाज का खून कर्ण ने किया ?
"सर फिर तो चलो कर्ण के घर चलते हैं साले को बताते है की कानून को धोखा देना आसान नहीं हैं । मुजरिम चाहें कितना भी चालक हो, पर पुलिस की नज़रों से ज्यादा देर बच नहीं सकता ।"
"शांत हो जाओ, राम सिंह अभी सिर्फ हमें वजह का पता चला है । की कर्ण ने अमित बजाज का खून क्यों किया है ? पर हमारे पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं ? तुम भूल रहे हो, की पुलिस को अभी तक वो चाकू नहीं मिला ? जिससे अमित बजाज का खून हुआ है अब मेरी बात सुनो तुम चार कांस्टेबल को ले जाओ और बराबर सब पर नज़र रखो । क्योंकि मुझे लग रहा हैं की आज की रात कुछ होने वाला है ?"
राम सिंह खड़ा होते हुए बोला, "ठीक है सर कल सुबह मिलते हैं फिर राम सिंह थाने से बाहर चला गया ।"
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रात के ग्यारह बज रहे थे सोनिया इस समय घर पर अकेली थी। उसके शरीर पे इस समय ब्लैक कलर की नाइटी थी, जिसमे उसका युवान साफ देखा जा सकता था । जिसमे उसका जिस्म कहर ढा रहा था सोनिया एक खूबसूरत जिस्म की मालिक थी, अगर कोई सोनिया को इस समय देख ले तो उसे बिना बांहों में रहे बिना नहीं रहे सकता था । कोई माई का लाल सोनिया को देख यह नहीं कहे सकता था की कल उसका पति मरा है । क्योंकि लगता है की भगवान ने सोनिया पर कुछ ज्यादा ही मेहर कर दी ... जो नाइटी में भी कयामत लग रही थी। इस समय वह बिस्तर पर लेटी हुई एल. सी. डी पर कोई इंग्लिश मूवी देख रही थी । की अचानक वातावरण में 'छनाक ' की जोरदार आवाज़ गूंजी , दाहिनी तरफ की खिड़की का शीशा झनझनाकर टूट गया और कमरे के अंदर एक भारी पत्थर कालीन पर पड़ा था । जब ही एकदम से सारे घर की लाइट चली गई। इस समय पूरा कमर बड़ा भयानक लग रहा था सोनिया को कुछ भी दिखाई नही दे रहा था और सारा शरीर डर के मारे कांप रहा था । जैसे मानो अभी खिड़की से कोई भूत आयेगा और सोनिया को खा जायेगा ?
सोनिया ने फोन की टॉर्च ऑन की और के धीरे - धीरे के खिड़की की तरफ बढ़ी । सोनिया का डर के मारे बुरा हाल हो रहा था, डर के मारे सारा शरीर ऐसे कांप रहा था। जैसे मानो सोनिया बर्फ पर नंगे पैर चल रही हो, पर क्या करे ? खिड़की के बाहर भी देखना जरूरी था की खिड़की के बाहर कौन है ? अगर उसने पुलिस को फोन भी कर दिया और बाहर कोई नही हुआ तो ? सोनिया खिड़की के नजदीक आकर उसने खिड़की के बाहर झांका तो बाहर कोई नहीं था । फिर एकदम से पूरे कमरे में उजाला हो गया, सोनिया को अपना गला सूखता सा महसूस हुआ, फिर वह किचन में चली गई । फ्रीज से ठंडे पानी की बोतल निकाली और पानी पीने लगी ।
तभी अचानक खिड़की में से एक साया अन्दर आया, उसके हाथ में एक तेजतरार चाकू था । साया चुपचाप किचन की तरफ बढ़ा , सोनिया ने अभी पानी पीकर बोतल फ्रीज में रखी ही थी की साया ने सोनिया के गर्दन पर चाकू रख दिया ।
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