शाम के पांच बज रहे थे।
राहुल खन्ना अपने ऑफिस का काम कर रहा था । ऑफिस का रूम काफी बड़ा था ।
वह एक कुर्सी पर बैठा हुआ था और सामने रखी मेज पर काफी फाइले पड़ी हुई थी, इस समय वह अपने काम में काफी उलझा हुआ था एक फाइल राहुल खन्ना के हाथ में थी ।
राहुल खन्ना जो एक सफल बिज़नेस मेन है उसकी उम्र कोई तीस के लगभग है। इस समय उसके शरीर पर व्हाइट रंग का कोट - पेंट उसपर खूब फब रहा था , क्योंकि तीन - चार घंटे पहले राहुल खन्ना ने एक पार्टी से बहुत बड़ी डील साइन करी थी। लगभग पांच साल तक राहुल खन्ना की कंपनी ही उनके फ्लैट डिजाइन करेंगी। जिससे उसकी कंपनी को बड़ा मुनाफा हुआ, करीब दो घंटे से वह लगातार काम कर रहा है। राहुल खन्ना को इतनी फुर्सत नहीं थी कि वह पानी भी पी सके, राहुल खन्ना का एक बिजनेस पार्टनर भी है जिसका नाम अमित बजाज है। अमित बजाज जो अभी आधे घंटे पहले ही ऑफिस से निकल गया था।
राहुल खन्ना काफी तेजी से काम कर रहा था की तभी अचानक फोन की रिंग बजी। राहुल ने फोन को अनदेखा करते हुए, वह अपने काम में लगा रहा। एक बार फिर फोन की रिंग बजी, एक फिर राहुल ने फोन को अनदेखा कर दिया, फिर तीसरी बार फोन की रिंग बजी राहुल को इस बार गुस्सा आ गया । जैसे ही राहुल फोन को साइलेंट करने वाला था, कि उसकी नजर फोन के डिस्पले पर गई तो राधा उसकी पत्नी का फोन आ रहा था। राहुल ने सोचा कि राधा कभी ऑफिस में फोन नहीं करती। सोचा क्या पता कोई जरूरी काम हो, राहुल ने फोन उठाया ।
राधा की डरी हुई आवाज आई, राहुल मम्मी का एक्सीडेंट हो गया में बिल्कुल अकेली हूं। आप जल्दी से लाइफ केयर हॉस्पिटल पर आ जाइए, मुझे बहुत डर लग रहा है ।
राहुल के एक हलक से एक चीख निकली क्या ? मम्मी का एक्सीडेंट हो गया कैसे हो गया ? मम्मी ठीक तो हैं ना बोलो राधा ?
"पता नहीं राहुल ? डॉक्टर मरहम पट्टी कर रहे है में बाहर खड़ी हूं, आप जितना जल्दी हो सके हॉस्पिटल आ जाओ ।"
"राधा तुम ज्यादा परेशान मत हो में अभी आता हूं, तुमने साजन को फोन करा ?"
"मैने साजन का फोन कई बार मिलाया पर बंद बता रहा हैं।"
साजन राहुल खन्ना का छोटा भाई है
"ठीक है में जल्दी से ऑफिस से निकलता हूं।"
"आप जल्दी से आ जाओ राधा की आवाज से साफ पता चल रहा था, की वह बहुत घबराई हुई है कि ऐसे हलातो का समाना उसने कभी नहीं किया, यही कारण था कि राधा बहुत डरी हुई थी।"
राहुल अपने ऑफिस का सारा काम छोड़ - छाड़ कर, अपनी कार को लेकर सीधा हॉस्पिटल की तरफ भागा । कार चलाते समय उसका सारा ध्यान राधा की तरफ था उसे रहे - रहे कर यह बात सता रही थी, कि राधा की क्या हालत हो रही होगी। राधा एक साधारण सी लड़की थी राहुल इसी सोच में था कि वह कब हॉस्पिटल पोंछेगा, कार की स्पीड एक सौ बीस की रफ्तार से दौड़ रही थी ।