MUZE JAB TI MERI KAHAANI BAN GAI - 13 in Hindi Love Stories by Chaitanya Shelke books and stories PDF | MUZE जब तू मेरी कहानी बन गई - 13

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MUZE जब तू मेरी कहानी बन गई - 13

Chapter 12: रिश्तों की अग्निपरीक्षा

 

मुंबई की गर्मी इन दिनों कुछ ज़्यादा ही तेज़ थी, लेकिन उससे भी ज़्यादा तपिश थी आरव और काव्या के रिश्ते में। हालांकि रणविजय की फिल्म को रिजेक्ट करने के बाद उनके बीच भरोसे की दीवार और मज़बूत हुई थी, पर शोबिज़ की दुनिया कब किसे पल में उठाए और पल में गिरा दे — कोई नहीं जानता।

एक दिन सुबह-सुबह काव्या को एक कॉल आया।

"हाय काव्या, मैं आयशा बोल रही हूँ। याद है, LTA अवॉर्ड्स का ज्यूरी सेलेक्शन शुरू हो गया है, और तुम्हारा नाम 'मोस्ट प्रोमिसिंग एक्ट्रेस' कैटेगरी में शॉर्टलिस्ट हुआ है!"

काव्या एक पल को तो चुप रही, फिर मुस्कुराई, "थैंक यू सो मच आयशा!"

उसने तुरंत आरव को खबर दी। आरव ने उसे गले लगाते

हुए कहा, "तू डिज़र्व करती है ये, और भी बहुत कुछ।"

पर अगले ही पल एक और खबर ने सब कुछ हिला दिया — उसी अवॉर्ड शो में बतौर स्पेशल गेस्ट जज बुलाया गया था रणविजय को।

काव्या ने फोन रखते हुए धीरे से कहा, "क्या अब भी तू कहेगा कि ये सिर्फ संयोग है?"

आरव चुप रहा। उसका दिल कह रहा था कि रणविजय कुछ कर सकता है, लेकिन दिमाग तर्क दे रहा था — अब सब बदल चुका है।


अवॉर्ड नाईट नज़दीक आ रही थी। काव्या को नई ड्रेस, मेकअप, पब्लिक अपीयरेंस की तैयारी करनी थी। लेकिन इस सबके बीच वो कुछ खोती जा रही थी — अपनी सहजता, अपनी मुस्कराहट।

एक रात, अवॉर्ड से ठीक दो दिन पहले, काव्या बालकनी में बैठी थी। आरव ने उसके पास जाकर पूछा, "डर लग रहा है?"

"हां," उसने धीरे से कहा, "डर लग रहा है कि कहीं मेरी मेहनत को कोई और अपने खेल का हिस्सा न बना दे।"

आरव ने उसका हाथ थामा, "जो सच्चा होता है, वो किसी के खेल का मोहरा नहीं बनता। तू बस खुद पर यकीन रख।"


अवॉर्ड नाईट आ ही गई।

रेड कार्पेट पर काव्या का लुक कहर ढा रहा था। प्रेस, मीडिया, फैंस — सब उसकी तारीफों के पुल बाँध रहे थे। आरव उसकी आँखों में देख रहा था — वहाँ चमक थी, लेकिन कहीं गहराई में डर भी।

शो के दौरान, जब काव्या का नाम नॉमिनेटी के तौर पर लिया गया, तालियाँ गूंज उठीं। पर तभी होस्ट ने चौंकाने वाला ऐलान किया:

"इस कैटेगरी का विनर है... श्रेया मेहरा!"

काव्या की मुस्कान कुछ पलों के लिए थम गई। वो मुस्कुराई, ताली बजाई, पर आरव ने 

उसकी आँखों में छलकती मायूसी को पढ़ लिया।

बैकस्टेज जाकर आरव ने उससे कहा, "यह सिर्फ एक अवॉर्ड है, तू खुद में एक मुकम्मल कहानी है।"

काव्या ने हँसते हुए कहा, "आज अगर तू न होता, तो शायद मैं खुद को फिर से छोटा समझ लेती।"


अगले दिन, एक और तूफान आया — इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें काव्या को "फेवरिट" बना कर नॉमिनेट करने के आरोप थे, और इस वीडियो को रीपोस्ट किया था... रणविजय ने।

मीडिया, सोशल मीडिया सब जगह काव्या पर सवाल उठने लगे। ट्रोल्स ने उसे नेपोटिज्म की ब्रांड एम्बेसडर तक कह डाला।

आरव फौरन प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने के हक में था, लेकिन काव्या ने इनकार कर दिया।

"अगर मैं सफाई दूंगी, तो लगेगा कि मैंने कुछ गलत किया है। मैं चुप रहूंगी, लेकिन मज़बूती से खड़ी रहूंगी।"

आरव ने उसकी आँखों में देखा — वहाँ अब डर नहीं था, बस आग थी।


कहते हैं, सच्चाई देर से जीतती है, लेकिन जीतती ज़रूर है।

तीन दिन बाद, उसी वीडियो को एक टेक एक्सपर्ट ने डिबंक किया। उसने सबूतों के साथ बताया कि वीडियो मॉर्फ किया गया था और उसमें काव्या की आवाज़ तक नकली थी।

सच्चाई सामने आते ही सोशल मीडिया का मिजाज़ बदल गया। वही लोग जो ट्रोल कर रहे थे, अब माफ़ी माँगने लगे। और रणविजय? उसके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज हुआ।

इस सबके बीच, काव्या ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी। मीडिया के सामने खड़ी होकर उसने कहा:

"मैं एक एक्ट्रेस हूँ, लेकिन सबसे पहले एक इंसान। मुझ पर कीचड़ उछाला गया, पर मैं टूटने वाली नहीं। क्योंकि मेरे साथ है एक ऐसा इंसान, जिसने हर मोड़ पर मेरा हाथ थामा — आरव।"

पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा।


उस रात आरव और काव्या छत पर बैठे थे, बिल्कुल वैसे जैसे पहले दिन।

आरव ने पूछा, "अब क्या प्लान है, मिस लायन हार्ट?"

काव्या ने हँसते हुए जवाब दिया, "अब एक नई कहानी लिखनी है, जिसमें नायक और नायिका मिलकर अपना प्रोडक्शन हाउस खोलते हैं।"

"नाम क्या होगा?"

काव्या ने मुस्कुराकर कहा, "MUZE — क्योंकि हमने जो सहा, वो म्यूज है हमारी कहानी का।"