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रेवा
अब उसका धारीधार पेन डरी-सहमी और रोती-बिलखती ईशा की गर्दन तक पहुँचा और अब वह उसके गले को काटने के लिए वह पेन चलाने ही वाला था कि दो-तीन पिस्तौल की गोली उसके आरपार हो गई और वह वह ईशा के ऊपर ही गिर गया, ईशा चिल्लाई तो आश्विन ने उसे पीछे खींचा और उसेक मुँह से नकाब हटाया तो देखा कि वह कोई और नहीं बल्कि नंदिश था। “बास्टर्ड !!!! तू किलर निकला।“ अब उसने ईशा को गले लगाया और उसे प्यार से पुचकारते हुए कहा, “जान तुम ठीक हो?” “ कौन था यह?” “सीरियल किलर।“ अब उसने अपने फ़ोन की स्क्रीन पर अनुज का नंबर देखा तो उसे वहीं आने के लिए कहा और फिर अनुज ने कोमल को सान्या के हवाले किया और खुद अश्विन के पास जाने लगा।
अश्विन ने अपनी जेब से रूमाल निकालकर ईशा की कलाई पर बांधा और फिर उसके होंठो को चूमने लगा। ज़ख़्मी ईशा के बदन में अभी भी दर्द हो रहा है। “तुम यहाँ कैसे आये?” ईशा ने अश्विन के गले लगे उससे पूछा, “अमित सिंघल।“ अश्विन ने मुस्क़ुराते हुए जवाब दिया। दरअसल अमित ने ही अश्विन को ईशा के फ़ोन के बाद कॉल किया था और फिर अश्विन उस बूथ की लोकेशन ट्रेस करवाकर ईशा के पास पहुँच गया। अब अनुज भी वहाँ की लोकल पुलिस के साथ अश्विन के पास पहुँचा तो अमित भी अपनी गाड़ी से उतरता हुआ उनके करीब आता दिखाई दिया।
“ईशा तुम ठीक हो?” अनुज का सवाल है । ईशा ने हाँ में सिर हिलाया। अब अनुज की नज़र वहीँ मरे पड़े नंदिश और ज़मीन पर लिखे “बेवफाई की सजा मौत” पर गई तो वह समझ गया कि सीरियल किलर यही है। “हमें तो लगा देवेन होगा।“ अनुज ने अश्विन को देखकर कहा। “कोमल ठीक है?” “ हाँ उस समर को यहाँ की पुलिस के हवाले कर कोमल को सान्या के साथ छोड़कर आया हूँ।“ अब अश्विन का फ़ोन बजा तो उसने बताया कि शनाया ने सम्राट के आदमी को कॉल किया था। अब उसने अनुज को अपने साथ लिया और ईशा को अमित के साथ भेज दिया और फिर उस लोकेशन पर जाने लगा जहाँ सम्राट का आदमी है। उनके जाते ही वहाँ की लोकल पुलिस नंदिश की डेड बॉडी अपने साथ ले जाने लगी।
सम्राट का आदमी उसी से फ़ोन पर बात कर रहा है । “सम्राट कहाँ हो तुम?” सम्राट के कुछ बोलने के बाद, उसने फ़ोन रखने से पहले कहा, “ठीक है, मैं भी यहाँ से निकल रहा हूँ।“ अब उसने फ़ोन रखते ही पीछे मुड़कर देखा तो सामने अनुज और अश्विन बंदूक ताने खड़े हैं।
“तो तू है सम्राट का आदमी, देवेन चौधरी।“ हम तो तुझे सीरियल किलर समझ बैठे थे। यह कहते हुए अश्विन ने पिस्तौल अपनी जेब में रखी और एक ज़ोरदार लात उसके मुँह पर दे मारी। फिर उसकी गर्दन पकड़ते हुए कहा, “कहाँ है,सम्राट ?” बता वरना यही मार दूँगा। यह कहकर उसने उस पर घूसों और लातों की बरसात कर दी पर देवन के मुँह से यही निकला, “तुम सम्राट तक नहीं पहुँच सकते, “ अब अश्विन ने उसकी कनपटी पर बंदूक रख दी, “ बता, वरना जान से मरेगा,” मैं तो वैसे भी मरने ही वाला हूँ” यह कहकर देवेन बेहोश हो गया, “अब क्या करें?” अनुज का सवाल है। तभी अश्विन ने यश को फ़ोन कर देवेन से बात हो रहें नंबर की लोकेशन चेक करने के लिया कहा और यश के लोकेशन भेजते ही करण अश्विन और अनुज के पास पहुँच गया तो अश्विन ने देवेन को कस्टडी में लेने का बोलकर, खुद अनुज के साथ पंचमढ़ी के उस जंगल में चला गया, जहाँ पाँच सौ गज़ में एक गोदाम बना है। उस गोदाम के अंदर गया तो यह देखकर अश्विन और अनुज की आँखें फटी की फटी रह गई कि उस गोदाम में एक हज़ार करोड़ से भी ज्यादा के सोने के बिस्कुट रखें हैं। अब उन्होंने सम्राट को ढूंढा तो वह कहीं नहीं मिला और तभी उसके नंबर पर एक कॉल आया तो अश्विन के फ़ोन उठाते ही आवाज आई,
“तुम्हें सम्राट से यही चाहिए था ना, लो तुम्हारा गोल्ड तुम्हें मुबारक, गुडबाय !!!!” यह कहकर सम्राट ने फ़ोन काट दिया।
“क्या हुआ?” अनुज ने पूछा।
“सम्राट का फ़ोन था।“ अब उन्हें चॉपर की आवाज़ आई तो वह बाहर की तरफ दौड़े और फिर जंगल में से निकलकर सड़क की तरफ आये तो देखा कि चॉपर से दो हाथ हिल रहें हैं, एक हाथ रेहान और दूसरा रेवा का है। अब रेहान ने अश्विन और अनुज के देखते-देखते हाथ में पकड़ा अपना मोबाइल फ़ोन नीछे फ़ेंक दिया और वह पहाड़ियों के साथ बनी खाई में जा गिरा। “इसका मतलब सम्राट रेहान था???” अनुज हैरान है” “ हम्म्म्म !!!! कम्ब्खत अभी भी खाली हाथ नहीं गया, उस लड़की रेवा को अपने साथ ले गया।“ अश्विन ने गुस्से में आसमान को देखते हुए कहा।
सुबह के सात बजे रहे हैं, अनुज और अश्विन रिसोर्ट वापिस लौट रहें हैं। उनके चेहरे पर एक सकून है क्योंकि समर जेल में है, देवेन पुलिस की देखरेख में हॉस्पिटल में एडमिट है, सीरियल किलर नंदिश मर चुका है, राजीव को छोड़ दिया गया है और देश को उसका गोल्ड मिल चुका है पर सम्राट एक बार फिर बचकर निकल गया है, जिसका अश्विन को मलाल है।
अब वह रिसोर्ट में पहुँचे तो देखा कि एक बड़ी खूबसूरत लड़की रमेश अग्रवाल को कुछ समझा रहीं हैं और वह सिर पकड़कर बैठे हुए हैं और बाकी रिसोर्ट के लोग भी उस लड़की को हैरानी से देख रहें हैं। “क्या हो रहा है ? मिस्टर अग्रवाल यह मोहतरमा कौन है?” अब तक ईशा और कोमल भी वहाँ आ चुके हैं।
“सर यह लड़की अपने आपको रेवा बता रही है।“
“क्या !!!!” दोनों के मुँह से एक साथ निकलता है,” पर रेवा तो जा चुकी है।“ अश्विन ने उस लड़की की तरफ देखते हुए कहा तो वह लड़की बिगड़ते हुए बोली,
“रेवा मैं हूँ, यह देखिए मेरी आईडी, उसने अब अपना पासपोर्ट उन दोनी को दिखाया तो अनुज बोला,
“आप रेवा है तो फिर अब तक आप कहाँ थी?”
“पापा की मौत के बाद, मैं डिप्रेशन में रहने लगी थी फिर एक-डेढ़ महीने पहले मेरा ब्रेकअप हो गया तो मैं और ज्यादा परेशान रहने लगी और फिर एक दिन मेरी फ्लावर शॉप पर एक लड़की आई मैंने उसे अपनी कहानी सुनाई तो उसने मुझे म्यांमार के विपासना सेंटर में जाने के लिए कहा तो मुझे उसकी बात जँच गई और मैं अपनी मेंटल फिटनेस के लिए वहाँ चली गई और आपको तो पता है कि वहाँ मोबाइल फ़ोन या किसी भी तरह का डिवाइस नहीं ले जा सकते और फिर मैं बताती भी किसको मेरा कोई था भी तो नहीं ।“ असली रेवा की कहानी सुनकर, अनुज ने अग्रवाल से पूछा,
“सर वो तो यह तो आपके दोस्त की बेटी थी न तो फिर आपसे कैसे चूक हो गई?
“सर मैंने रेवा को बचपन में देखा था और अपने दोस्त अशोकी की मौत के समय मैं अपने बेटे के पास अमेरिका में था तो जो लड़की उस दिन आई मैंने उसे ही रेवा समझ लिया और मैंने रेवा को कॉल करकर यहाँ आने के लिए कहा था तो फिर उससे बात होने के बाद शख की गुंजाईश कहाँ रहती है ।“ रमेश ने सफाई दी। “लगता है नकली रेवा ने असली रेवा के नंबर की एक डुप्लीकेट सिम ले ली होगी ।”अनुज ने कहा तो अब अश्विन ने उस असली रेवा को उस नकली लड़की का फोटो अपने फ़ोन में से दिखाते हुए पूछा, “क्या यही वह लड़की थी?” “जी यही थी, जो मेरी शॉप में आई थी और इसी के कहने पर में दस दिसम्बर को विपासना सेंटर जाने के लिए म्यांमार निकल गई ।
“भैंस की आँख !!! अगर असली रेवा यह है तो फिर वो कौन थी? “ अश्विन के मुँह से यह निकला ही था कि तभी उसके पीछे से आवाज आई कि “मैं बताती हूँ।“ सबने उस आवाज की ओर देखा तो वह कोई और नहीं बल्कि शनाया सिंघल है।