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कल
अब ईशा ने अनुज को देखते हुए कहा, “बताओ, क्या कहना चाहते थे?” वह ईशा के पहले से भी ज्यादा खूबसूरत लग रहें चेहरे को देखते हुए बोला,
“ईशा प्यार ज़िन्दगी में सच्चा प्यार बार-बार नहीं मिलता और अश्विन तुमसे खुद से ज़्यादा प्यार करता है और तुम भी अब तक उसे भूली नहीं हो l”
“यह तुम्हारी गलतफहमी है, मैं तो अमित के साथ बहुत खुश हो और फिर ईशान के साथ जो हुआ उसके बाद...... !!” यह कहते हुए ईशा की आँख भर आई तो अनुज ने समझाते हुए कहा,
“उस मिशन में क्या सिर्फ तुम्हारा भाई ही शहीद हुआ था, बाकी ऑफिसर के परिवार वाले नहीं थें और सोचो इस देश की आजादी से लेकर आज तक कितनी माओं ने अपने बेटे नहीं खोये या फिर कितनी बहनो ने अपनी राखी नहीं गंवाईं और कितनई सुहागन के सिंदूर नहीं उजड़े l तुम तो खुद स्पेशल स्क्वॉड टीम का हिस्सा रह चुकी हूँ l” यह सुनकर ईशा ने कुछ नहीं कहा तो अनुज फिर बोला, “अगर ईशान के ग़म का बहाना करकर तुम अश्विन से दूर चली गई तो क्या ईशान की आत्मा को शांति मिलेगी और फिर यह मत भूलो, तुमने जब कॉलेज में एक बार कहा था कि मैं तो सिर्फ किसी पुलिस ऑफिसर या आर्मी वाले से शादी करूँगी तो उस दिन के बाद से ही अश्विन ने ही इस प्रोफेशन में आने के लिए जी-तोड़ मेहनत करनी शुरू कर दी थी इसलिए तुम उसे पता नहीं कैसे अपनी भाई की मौत का ज़िम्मेदार मान सकती होl” यह कहकर अनुज तो चला गया और ईशा कभी रिसोर्ट से बाहर निकलते अश्विन को तो कभी उससे दूर खड़े अमित को कातर नज़र से देखने लगी l
कोमल ने समर को सफ़ाई देते हुए कहा कि इस तरह एक अजनबी को अपनी सभी बातें बताना उसे सही नहीं लगाl समर भी ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए उससे उसके बिज़नेस के बारे में पूछने लगा तो उसने भी अपनी प्लानिंग बतानी शुरू कर दीl अनुज ने उसे समर से बात करते देखा तो उसके पास आ गया तो कोमल को मजूरबन उससे समर को मिलवाना पड़ा, “यह मेरा ऑनलाइन फ्रेंड हैl” यह कहते हुए उसने झिझकते हुए अनुज की तरफ देखा जो उसे ही घूरता जा रहा हैl समर भी बेमन से अनुज से मिला l अब उसने कोमल को एकतरफ ले जाते हुए कहा, “तुम इससे चैट और बातें करती थी?” “ हाँ, बताया तो....” अब जो बात कर ली सो कर ली, लेकिन अब इससे दूर रहना, समझीl” अनुज मेरे ऊपर इस तरह रौब झाड़ना बंद करो, मुझे अब समझ आ चुका है कि क्यों ईशा और अश्विन में ब्रेकअप हुआ था, उसने भी उसकी नौकरी की वजह से उससे किनारा कर लिया है और बहुत जल्द मैं भी यही करने वाली हूँl” यह कहकर कोमल वापिस समर के पास चली गई और अनुज उसका मुँह देखता रह गया और समर समझ गया कि दोनों मियाँ-बीवी के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा हैl
यश और करण ने अकेले जाते राजीव को पकड़कर एक वैन में बिठा लिया और उसे एक सुनसान मकान में ले जाकर रस्सियों से बांध दियाl उनके ऐसा करने के बाद अश्विन भी वहाँ पर पहुँच गया और उसके मुँह पर कसकर एक थप्पड़ मारते हुए उससे पूछने लगा,
“बता, हमारे देश का सोना कहाँ है, सम्राट शिखावत l”
राजीव ने उसे घूरते हुए कहा, “सर आप कौन है और यह क्या कह रहें है?”
“मैं अश्विन राणा हूँ जिससे तू सेटलाइट फोन पर बात कर रहा था, याद आयाl” अब अश्विन ने एक और तड़ाक चाटा उसके मुँह पर जड़ दिया तो राजीव बोला, “सर मैं आपसे क्यों बात करूँगा मैंने तो आपको पहले ट्रैन में और फिर अब यहाँ देखा हैl”
“बकवास बंद कर, या तू सम्राट है यह उसका खास आदमी जो उसकी मदद कर रहा हैl” राजीव ने फिर मना किया तो उसके ऊपर अश्विन ने चाटों की बौछार कर दीl अब इसी तरह वह उसे मारता रहा है और राजीव खुद के सम्राट या उसके आदमी होने से मना करता रहाl अब उसने घड़ी में टाइम देखा और यश को कहा, “इसकी तब तक ख़ातिरदारी करते रहो जब तक यह ना बताए कि सोना कहाँ हैl” अब राजीव ने लगभग बेहोश होते हुए कहा, “सर मैं आपको वो नंबर बताता हूँ जिस पर मैं बात कर रहा था, मुझे यकीन है कि मेरा नंबर वो नहीं होगा जिससे आपको कॉल आया होगाl” यह सुनकर अश्विन रुक गया और उसने कुछ सोचते हुए यश को कहा, “इसकी बकवास को भी ज़रा वेरीफाई कर लेनाl” यह कहकर वह वहाँ से चला गयाl
अश्विन रिसोर्ट में लौटा तो देखा कि अनुज खमोशी से लंच कर रहा हैl उसने उसका उतरा मुँह देखकर पूछा, “क्या हुआ?” अब उसने गहरी साँस छोड़ते हुए कोमल और समर के बारे में बताया तो वह हैरान होते हुए बोला, “क्या !!!! वो समर कोमल का ऑनलाइन फ्रेंड हैl” “ हाँ इस कोमल को मॉल खोलने का सुझाव भी इसी ने दिया थाl अब सोनू के साथ रेवा ने आकर अश्विन से पूछा, “सर आप लंच में क्या लेंगेl” “ मिस रेवा, मुझे अभी भूख नहीं है पर आपसे कुछ पूछना था,” “ जी कहिए, “ उसने अश्विन की तरफ गौर से देखते हुए कहाl “आप इतने दिनों से अपने ट्रैन के पैसेंजरस के साथ रह रही है, आपको कभी कुछ अजीब नहीं लगाl” अब रेवा की आँखों के सामने नंदिश का किया जुर्म आ गया तो उसके चेहरे पर डर के भाव उभर आये, मगर तभी उसने उसे घूरते नंदिश को देखा तो आराम से बोली, “नहीं मिस्टर अश्विन कुछ अजीब नहीं लगाl” यह कहकर वह वहाँ से गई तो अनुज ने पूछा, “उस राजीव का क्या हुआ?” अब अश्विन ने भी उसे सारी कहानी सुनाई तो अनुज बोला, “अगर वो बेक़सूर हुआ तो.... ?” “तभी तो उसे जान से मार नहीं रहाl” यह कहते हुए उसकी नज़र ईशा पर गई जो अमित के साथ होते हुए भी उसके साथ नहीं हैl उसके मन में अनुज की कहीं बात चल रहीं है, अब उसने भी एक नज़र अश्विन को देखा जो इस उम्मीद से उसे ही देखे जा रहा है जैसे मानो कह रहा हो कि मुझे अभी आकर गले लगा लोl
रात को अमित के कुछ क्लोज फ्रेंड्स भी रिसोर्ट आ चुके है और उनके स्वागत में अमित ने एक पार्टी रखी हैl उसने रेवा को कहा कि रिसोर्ट के लोगों को भी उस पार्टी में शामिल होने के लिए बोल दे तो कोमल तो बड़े मज़े से उस पार्टी में शामिल हो गई और उसकी वजह से अनुज को भी उसके साथ जाना पड़ा क्योंकि उसे समर और कोमल पर नज़र रखनी थीl अश्विन ने सान्या को पार्टी में जाने के लिए कह दिया और खुद बियर की बोतल हाथ में पकड़े छत पर आ गया l चाँद को देखने के साथ-साथ बियर के घूँट भरते हुए उसे पार्टी में चलता हुआ गाना भी सुनाई दे रहा है, जो अश्विन के दर्द को और बढ़ा रहा है,
“तुम मेरे हो, इस पल मेरे हो
कल शायद ये आलम ना रहे
कुछ ऐसा हो तुम, तुम ना रहो
कुछ ऐसा हो हम, हम ना रहें
ये रास्ते अलग हो जाएँ
चलते-चलते हम खो जाएँ
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा
इस चाहत में मर जाऊँगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा...”
अब अश्विन को महसूस हुआ कि कोई उसके पीछे खड़ा हैl उसने पीछे मुड़कर देखा तो ईशा हैl लाल रंग की शॉर्ट वन पीस में वह क़यामत लग रही हैl उसके लम्बे बाल हवा में झूलते हुए उसके चेहरे को बार-बार घेर रहें हैंl वह अपने बालों को अपने चेहरे से हटाते हुए बोली, “अश्विन!!!” “ईशा तुम यहाँ? “ वह अब उसके और करीब आ गई तो उसका मन किया कि वह उसे गले लगा लें, मगर उसने खुद की भावनाओ पर काबू रखते हुए कहा, “तुम अपने मंगतेर की पार्टी छोड़कर यहाँ क्या करने आई होl” अब ईशा एकदम से अश्विन के गले लग गई और फूट-फूटकर रोने लगी तो उसने उसे कसकर पकड़ लियाl “बस ईशा बहुत रो लिए हम, अब रोने की बारी उसे सम्राट की है, बहुत जल्द मैं उससे ईशान और बाकी अफसरों की मौत का हिसाब बराबर करूंगाl” ईशा ने सिसकते हुए कहा, “सम्राट ने ईशान को नहीं माराl” “ क्या!!!” अब उसने बड़े प्यार से ईशा की आँखों में देखते हुए कहा पर उसे अपनी बाँहों के घेरे से अलग नहीं कियाl “यह कैसे हो सकता है, मैंने उसे खुद उस दिन गफ्फूर भाई के साथ देखा था और मेरी आँखों के सामने उसने उन ऑफिसर और ईशान पर ताबड़तोड़ गोलियाँ चलाई थीl” “ पर..... मैं जब उससे अर्जेंटीना में मिली थी....” अब ईशा की आँखों के सामने अपना वो गुज़रा हुआ कल आ गया.....!!!!!!