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अतीत
“हमारा मिशन था कि हमें किसी भी तरह गफ्फूर भाई से वो फ्लोपी हासिल करनी है क्योंकि हमें पता चला था कि गफ्फूर वो फ्लॉपी पड़ोसी मुल्क में छुपे वर्ल्ड मोस्ट आतंकवादी मीर कासिम को बेच रहा थाI इस मिशन में मेरे साथ ईशा का भाई ईशान भी गया था, “ उसने पुलिस की सर्विस कब ज्वाइन की, जहाँ तक मुझे याद है, वो पढ़ रहा थाI” अनुज ने सवाल किया? “उसी साल वो ट्रेनिंग खत्म करकर आया था, हालांकि मैं नहीं चाहता था कि वह मेरे साथ जाए क्योंकि वह एक ख़तरनाक मिशन था, मुझे तो आदत थी, मगर उसका वो पहला मिशन था पर वह नहीं माना और मुझे उसे अपने और बाकी कमांडो के साथ ले जाना पड़ाI मिशन कामयाब हुआ और हमने वो फ्लॉपी हासिल कर ली और सबसे अच्छी बात यह हुई कि हमारे कुछ ही लोग घायल हुए पर कोई मरा कोई नहींI इस मिशन की कामयाबी से ईशान का भी कॉन्फिडेंस बढ़ गया और ईशा भी अपने भाई के लिए खुश थी फिर एक दिन जब हम दोनों अपने आने वाले भविष्य की प्लानिंग कर रहें थें तो.....” अब अश्विन के सामने उसका वो सरकारी घर आ गया जिसके एक कमरे चरम सुख का आनंद लेने के बाद, ईशा उसके सीने पर सिर रखकर लेटी है और अश्विन का हाथ उसके बालों को सहला रहा है, अब ईशा मुस्कुराते हुए बोली,
“आज अगर मॉम-डैड जिन्दा होते तो ईशान के लिए बहुत खुश होते I” अब अश्विन ने उसे अपनी बाँहों में भरते हुए कहा, मैं और तुम भी तो बहुत खुश है, चलो कहीं सेलिब्रेट करने चलते हैI”
“सेलिब्रेट करने से याद आया, मैंने कोमल से फेसबुक पर बात करी थी, वह और अनुज दोनों शादी कर रहें हैंI”
“हम्म!! वो उसका बचपन का प्यार हैI”
“और मैं तुम्हारा,” ईशा ने उसके गालों को चूमा तो अश्विन ने उसके ऊपर आकर कहा, “मेरी लिए तो तुम मेरा सबकुछ हूँ मैं साँसे लेना छोड़ सकता हूँ पर तुम्हारे बिना नहीं जी सकताI” उसने अब ईशा के होंठो को बड़े प्यार से चूमना शुरू कर दियाI ईशा ने भी उसका पूरा साथ दिया और फिर उसे अपने ऊपर से हटाते हुए बोली, “अब यहाँ से चलो, रेस्ट्रा में ईशान वेट कर रहा होगाI” अब दोनों कपड़े पहनने लगें कि तभी अश्विन का फ़ोन बजा और फिर उसके बाद, जो बात फ़ोन पर होती गई उससे अश्विन के चेहरे का रंग फीका पड़ गयाI “क्या हुआ अश्विन?” ईशा के चेहरे पर चिंता है, उसने ईशा को गले लगाते हुए कहा, “तुम्हें मुझ पर भरोसा है, हाँ खुद से ज्यादा,” “तो फिर मैं ईशान को कुछ नहीं होने दूँगाI” अब यह सुनकर ईशा के पैरो तले ज़मीन खिसक गईI “क्या हुआ ईशान को, “ “उसे गफ्फूर ने किडनैप कर लिया और बदले में वो फ्लॉपी मांग रहा हैI” यह सुनकर ईशा की आँखों से आँसू बहने लगेंI “मैंने कहा ना मैं ईशान को कुछ नहीं होने दूंगाI” यह कहकर वह फुर्ती से वहाँ से निकल गयाI
उसने पुलिस स्टेशन जाते समय आर्मी चीफ से बात की तो उसने फ्लॉपी देने से साफ़ इंकार कर दिया पर बदले में हर संभव मदद करने की बात कीI अब अश्विन ने अपने गुस्से पर काबू पाते हुए अपने साथी संजय और कमांडर चीफ के साथ एक योजना तैयार की और फिर गफ्फूर भाई के बुलाए उस अड्डे पर पहुँच गए जो बंगाल के शाजपुर गॉंव के पास बना हुआ हैI अब अश्विन की योजना के अनुसार जब वह फ्लॉपी लेकर उसके बड़े से एक मकान में जाने लगा तो संजय बोला, “सर हमें खबर मिली है कि सम्राट भी अपने आदमियों के साथ अंदर हैI” “ क्या!!! वो भी इस डील का हिस्सा है?” “हाँ सर उसने और गफ्फूर भाई ने मीर कासिम के साथ उस फ्लॉपी के बदले अरबो रुपए की डील की हैI” यह सुनकर हैरानी से अश्विन की आँखें बड़ी हो गईI “मुझे लगा था कि सम्राट इस तरह के कामों में नहीं इन्वॉल्व होता,” “सर क्या पता सम्राट को मीर कासिम से पैसो के अलावा कुछ और भी मिल रहा होI” सजंय की बात सुनकर अश्विन ने सोचते हुए कहा, “मुझे तो बस ईशान चाहिए वो भी सही सलामत फिर चाहे इस मौत के घर में सम्राट हो, गफ्फूर या दुनिया का कोई भी खतरनाक इंसान, समझे, अब मेरे अंदर जाते ही जो कहा गया है, वहीं करना I” “जी सरI”
अब अश्विन अंदर गया और गफ्फूर भाई ने फ्लॉपी माँगी तो उसने पहले ईशान को दिखाने के लिए कहाI चोटिल ईशान को रस्सियों से बाँधकर लाया गयाI अब अश्विन ने जैसे ही फ्लॉपी उसे दी तो सम्राट ने ईशान को देने से पहले कहा, “हम देख तो ले, इस फ्लॉपी में हमारे काम का कुछ है भी या नहींI” अब अश्विन की भोहें तन गईI उसने अपनी कमीज पर लगे बटन को दबाया क्योंकि उसे पता था कि फ्लॉपी में बेकार की कोई इनफार्मेशन है जिसका पता चलते ही गफ्फूर और सम्राट उसे और ईशान को मार डालेंगेI अब बटन दबाने से यह हुआ कि देखते ही देखते सभी कमांडो अंदर आ गए और सभी पर हमला हो गयाI अश्विन ने मौका देखकर वहाँ खड़े आदमियों को मारा और फिर ईशान के पास पहुँचकर उसके हाथ और पैर खोले और गफ्फूर के दो आदमियों को मारकर उनसे बंदूक़ ले ली और एक बंदूक ईशान को पकड़ाते हुए कहा, “सुनो ध्यान से, यहाँ से निकलने की करोI बाहर तुम्हें पुलिस की गाड़ी खड़ी मिलेंगी, उसमे निकल जानाI “ “और आप अश्विन ?” “ मैं इन्हे ठिकाने लगाता हूँI” अब चारों तरफ गोलियों की बौछार से बचता हुआ ईशान मैन गेट तक पहुँच गया और अश्विन ने गफ्फूर और उसके सभी आदमियों को मारने के साथ-साथ सम्राट के आदमियों को भी मार दिया पर उसे सम्राट कहीं नज़र नहीं आ रहा हैI अब उसने सम्राट का ख्याल छोड़कर बाहर जाने की करीI वहीं ईशान भी पुलिस की गाड़ी के पास पहुँचने ही वाला है कि तभी सम्राट ने उस मकान की छत से गोलियाँ चला दी जो ईशान की पीठ पर लगी और वह वहीँ ज़मीन पर गिर गयाI अश्विन ज़ोर से चिल्लाया, “ईशान!” और फिर सम्राट को मारने अंदर की ओर भागा और तेज़ी से छत पर जाने लगा, अब इससे पहले वह सम्राट को जान से मारता वह एक चॉपर में बैठकर आसमान की ओर कूच कर गया, अश्विन ने हवा में गोलियाँ चलाई पर कोई फायदा नहीं हुआ, सम्राट को मुस्कुराते देख, अश्विन के मुँह से निकला, “ बास्टर्ड !!!”
अब वह वापिस जाकर ईशान की ओर लपका को जो अपनी अंतिम साँसे ले रहा है, “चलो, ईशान हॉस्पिटल चलते हैI” उसने उसे उठाने की कोशिश की कि तभी ईशान के मुँह से निकला, “मेरी बहन का ख्याल रखनाI” यह कहकर ईशान का सिर उसके कंधे पर लुढ़क गया और अश्विन समझ गया कि वह मर चुका हैI अब उसने आसपास देखा तो उसके काबिल ऑफिसर संजय, रौनक, आदिल और हर्षित के साथ कई कमांडरों की लाशे भी गिरी पड़ी है, अब उसके मुँह से ज़ोर से एक चीख निकली और अपने भाई का इंतज़ार करती, ईशा की धड़कनें तेज़ होने लगीI अब अश्विन की आँखों से पानी बह निकला तो अनुज ने भी उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, “फिर क्या हुआ, “ उसके बाद जो हुआ वह इससे भी बुरा थाI” अब अश्विन एक बार फिर अतीत के समुन्दर में गोते लगाने लगाI