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गोल्ड
अब मैनेजर ने जैसे ही अजय की शिकायत करने के लिए अपने मोबाइल में पुलिस का नंबर डायल किया कि तभी अनुज से रहा नहीं गया और वह जल्दी से उस तरफ आया और मैनेजर को बोला, “मैं भी पुलिस हूँ, कहिए।“ उसने अपनी आईडी दिखाते हुए कहा तो वह मैनेजर बड़ी गंभीरता से अजय की हरकत बताने लगा, रोमा तो यह कहकर वहाँ से जान छुड़ाकर चली गई कि “अब मिस्टर अनुज आ चुके हैं, वो अपने आप संभाल लेंगे और फिर हुआ भी वहीं । अनुज ने मैनेजर को भरोसा दिलाया कि वह सब देख लेगा और फिर अजय को लेकर रेस्ट्रा से बाहर निकल गया और उसे डाँटते हुए बोला,
“तुम्हें एक काम दिया था, तुमसे वो भी हुआ।“
“सर मुझे क्या पता था, वो औरत इतनी चालाक निकलेगी।“
“जो भी है, मुझे लगता है कि तुम सिर्फ खबर देने लायक ही हो।“
“हाँ सर, मुझे भी यही लगता है, यह पीछा-विछा मुझसे नहीं होगा।“
“ठीक है, अब निकलो यहाँ से ।“ यह कहते हुए उसने अजय को वहाँ से भगा दिया और फिर सामान्य होते हुए वापिस डिनर टेबल पर आ गया। कोमल के पापा अजीत ने पूछा,” क्या हुआ बेटा, सब ठीक तो है?" “जी वो चोर नहीं था, मैंने उसे समझा दिया है, आगे से ऐसा नहीं करेगा। अब उसकी नज़र कोमल पर गई तो जो उसे बुरी तरह घूर रही है और उसकी मम्मी का भी यही हाल है।
घर लौटते वक्त सारे रास्ते कोमल ने कोई बात नहीं की तो अनुज समझ गया कि वह नाराज़ हो गई है पर उसने भी फ़िलहाल उसे कुछ कहना ठीक नहीं समझा और चुपचाप अपनी ड्राइविंग पर ध्यान देने लगा।
अगली सुबह अश्विन जब पुलिस स्टेशन आया तो देखा कि अनुज चाय पीते हुए अपने ही ख्यालों में गुम है। “क्या हुआ यार, कल की तेरी कोशिश कैसी रही? “ उसने अब चाय का गिलास टेबल पर रखने के बाद अश्विन को सारी कहानी सुना दी तो वह हँसते हुए बोला,
“तुझे क्या ज़रूरत थी उस रोमा के पीछे एक नौसिखिए अजय को लगाने की।“
“तो मैं क्या करता, अगर डिपार्टमेंट में से किसी को कहता तो बात कमिश्नर तक पहुँच जाती और अजय नया था और मेरे इस खबरी को कोई जानता भी नहीं था।“ उसने सफाई दी।
“वो नागिन की माँ है, उसे कम मत समझना और वैसे भी क्या फर्क पड़ता है कि रोमा का किससे अफेयर है, छोड़ उसे। हमारा काम उस किलर और सम्राट को धरना है।“ अब अश्विन ने भी उसे गृहमंत्री के आवास पर जो हुआ वह भी बता दिया।
“तुझे लगता है, तेरा प्लान कामयाब होगा?”
“100% होगा। ध्यानचंद स्टेडियम में सम्राट अपनी आँखें साँसे लेगा और अगर उसने मंत्री को मारने के लिए किसी को भेजा होगा तो वह हमें उस तक पहुँचा देगा।“ अश्विन ने गर्व से कहा तो अनुज भी मुस्कुराने लगा।
पंचमढ़ी में देवेन रिसेप्शन पर बैठी रेवा के पास आया और बोला, “मैं दो-तीन दिन के लिए किसी काम से दिल्ली जा रहा हूँ, 25 के बाद आ जाऊँगा, तब तक मेरा सामान यही रहेगा।“ रेवा उसे गौर से देखते हुए पूछने लगी, “कल राजीव चला गया, आज तुम जा रहें हो, दिल्ली में कोई मेला लगा है।“ “उसका तो पता नहीं पर मुझे बहुत ज़रूरी काम है,” यह कहकर उसने अपने रूम की चाभी रेवा को पकड़ा दी। उसके जाते ही वह पूल के पास बैठे रेहान की तरफ गई तो वह बोला, “क्यों स्वीटहार्ट, यह खूबसूरत चेहरे पर चिंता की लकीरे कैसी है।“ “कुछ नहीं, बस सोच रही हूँ कि यह देवेन भी राजीव की तरह दिल्ली क्यों चला गया है।“ “तो क्या हुआ, कुछ काम होगा।” “हम्म क्या पता, दिल्ली में कोई कांड हो।“ उसने रेहान की तरफ देखा तो वह उसे अपनी बाँहों में लेते हुए बोला, “तुम बस रिलैक्स रहा करो, भाड़ में जाए बाकी सब के सब।“ यह सुनकर रेवा उसके होंठ चूमते हुए बोली, “थैंक्स!!! अब समर हाथ में लैपटॉप लेकर वहीं उसके पास बैठ गया। रेहान ने उसे देखते हुए पूछा, “ बड़े बिजी लग रहें हो?” “ हम्म!!! अपना ऑनलाइन स्टोर शुरू किया है, वो काफी बिज़नेस दे रहा है।“ उसने लैपटॉप की तरफ देखते हुए जवाब दिया। “यह तो अच्छी बात है, अब फाइनली तुम्हारी लाइफ फिर से पटरी पर आ रही है, अब मैं तो कहता हूँ, अपने लिए एक अच्छी सी लड़की भी ढूंढ भी लो।“ रेहान रेवा का हाथ कसकर पकड़ते हुए बोला। यह सुनकर समर बोला, “हाँ स्नेपचैट पर एक मिली तो है, देखो, बात बनती है कि नहीं।“ अब रेहान ने रेवा के गालों को चूमते हुए कहा, “मिल जाएगी, जैसे मुझे मिल गई।“
शाम के आठ बजे है, राठी अपनी कोठी में बैठा सिगरेट सुलग रहा है। उसने सम्राट को देने के लिए सभी जानकारी जुटा ली है। राठी समझ चुका है कि सम्राट उस रक्षा मंत्री के पीछे क्यों है। उसने अब सिगरेट का धुआँ छोड़ा और अपने आदमी जग्गा को बुलाकर कहा, “मेरी कोठी के आसपास कड़ी नज़र रखना।“ जग्गा भी हाँ में सिर हिलाते हुए बोला, “बॉस और कुछ?” “फ़िलहाल के लिए इतना ही।“ अब वह फिर सिगरेट के कश भरने लगा, “अगर मेरी वजह से सम्राट का काम खराब हो गया तो वह मेरी ज़िन्दगी तमाम कर देगा।“ यह कहते हुए उसने गहरी साँस ली और आँखे बंद कर ली। अब उसके फ़ोन पर बीप की आवाज आई तो उसने देखा कि व्हाट्सअप पर रिकॉर्डिंग मेसेज आया आया हुआ है, उसने सिगरेट को ऐश ट्रे में फूँका और मैसेज ओपन कर दिया।
“राठी, उम्मीद है, काम हो गया होगा। तुम सारी इन्फ्रोमेशन एक पेनड्राइव में डालकर रखना, कल सात बजे के बाद तुम्हारे पैराडाइस क्लब से यह पेन ड्राइव ले लूँगा।“
सम्राट !!!
अब राठी ने फिर उस नंबर पर कॉल किया तो पिछली बार की तरह “यह नंबर उपलब्ध नहीं है, सुनाई दे रहा है।“ उसने अब सोफे पर फ़ोन रखते हुए कहा, “कल सम्राट से दोबारा मुलाकात होगी, पता नहीं अब वो कैसा दिखता होगा और मैं उसे पहचानूँगा कैसे?” यही सब सोचते-सोचते वह ड्रिंक कॉउंटर की ओर चला गया और वही दूसरी तरफ अश्विन के पास भी यही इनफार्मेशन पहुँच चुकी है, उसे भी सम्राट का बेसब्री से इंतज़ार है, उसने गाड़ी की स्पीड को बढ़ाते हुए कहा, “भाड़ में जाए गोल्ड, मैं उस कमीने के सीने में छह की छह गोलियाँ उतारने वाला हूँ। अब उसने गुस्से में गाड़ी की स्पीड और बढ़ा दी जैसे अपने गुस्से को अपनी गाड़ी पर उतार रहा हो।