Kurbaan Hua - Chapter 20 in Hindi Love Stories by Sunita books and stories PDF | Kurbaan Hua - Chapter 20

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Kurbaan Hua - Chapter 20

रात का खाना और अनकही बातें

रात काफी हो चुकी थी। घड़ी की सुइयां बारह के करीब पहुंच चुकी थीं। घर में सन्नाटा था, लेकिन जैसे ही दरवाजे पर दस्तक हुई, सुषमा मासी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने तेजी से दरवाजा खोला और सामने खड़ी लवली, अवनी और मिताली को देखते ही तमतमा उठीं।

"इतनी देर से कहाँ थीं तुम तीनों? सुबह गई थीं कॉलेज और अब लौट रही हो?" मासी की आवाज़ में चिंता और गुस्से का मिश्रण था।

तीनों सहेलियों ने थके हुए चेहरे से एक-दूसरे की तरफ देखा। वे जानती थीं कि मासी नाराज़ होंगी, लेकिन वे इतनी भूखी और थकी हुई थीं कि पहले कुछ खा लेना चाहती थीं।

मिताली ने हाथ जोड़कर कहा, "मासी, हमें बहुत भूख लगी है। पहले खाना खा लें, फिर सब कुछ विस्तार से बता देंगे।"

मासी ने गहरी सांस ली। वह जानती थीं कि गुस्से में भी रहना जरूरी था, लेकिन लड़कियों की हालत देखकर उन्हें थोड़ी दया भी आ रही थी। उन्होंने बिना कुछ कहे किचन की तरफ इशारा किया।

डाइनिंग टेबल पर गरमा-गरम खाना परोसा गया। चपाती, आलू-गोभी की सब्जी और दाल की खुशबू से पेट में और ज्यादा भूख महसूस होने लगी। तीनों ने जल्दी-जल्दी हाथ धोए और कुर्सियों पर बैठ गईं।

जैसे ही उन्होंने पहला निवाला लिया, मासी ने फिर सवाल दाग दिया, "अब बताओ, क्या हुआ कॉलेज में? और इतनी देर तक क्या कर रही थीं?"

लवली ने एक लंबी सांस ली और कहा, "मासी, कॉलेज का पहला दिन बहुत अजीब था। हम तीनों तो वैसे ही डरे हुए थे, ऊपर से वहाँ के सीनियर... ओह भगवान!"

मासी ने उत्सुकता से भौहें चढ़ाईं, "सीनियर? क्या किया उन्होंने?"

अवनी ने कौर मुंह में डालते हुए कहा, "रैगिंग, मासी! और वो भी बहुत बुरी तरह से।"

मासी ने चौंक कर कहा, "रैगिंग? अभी भी होती है? सरकार ने तो इसे बैन कर दिया है!"

मिताली ने सिर हिलाते हुए कहा, "हां, लेकिन कुछ लड़कों को किसी नियम-कानून की परवाह नहीं। हमारे कॉलेज में अजय नाम का एक सीनियर है। वही सबका लीडर है।"

मासी की आंखों में चिंता झलकने लगी। "फिर? क्या उसने तुम्हें भी कुछ करने को कहा?"

लवली ने गुस्से से कहा, "जी हां! पहले तो हम चुपचाप रहकर बचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन फिर उसने हमें भी रोक लिया और कहा कि हम एक-दूसरे को गले लगाकर 'आई लव यू' बोलें!"

मासी का चेहरा लाल पड़ गया। "क्या बकवास! फिर क्या हुआ?"

अवनी ने तुरंत जवाब दिया, "हमने मना कर दिया, मासी! लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं था। वो हमें डराने की कोशिश कर रहा था।"

मिताली ने आगे कहा, "हम तो सोच रहे थे कि अब तो फँस गए। लेकिन तभी किसी ने गार्ड को बुला लिया। गार्ड्स को देखकर उन बदमाशों की हालत खराब हो गई।"

मासी ने राहत की सांस ली। "अच्छा हुआ कोई तो समझदार निकला।"

लवली ने हंसकर कहा, "हाँ, और फिर गार्ड्स ने उन लड़कों को पकड़ लिया और प्रिंसिपल के ऑफिस ले गए।"

"बहुत अच्छा हुआ!" मासी के चेहरे पर थोड़ी शांति आई।

अवनी ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, "लेकिन मासी, हम एक बात से बहुत डर रहे हैं।"

मासी ने ध्यान से उनकी ओर देखा, "क्या?"

मिताली ने धीरे से कहा, "अजय और उसके दोस्त तो आज पकड़े गए, लेकिन हमें डर है कि कल वो हमें बदला लेने के लिए और ज्यादा परेशान करेंगे।"

मासी ने गहरी सोच में सिर हिलाया। "हम्म... ये बात तो सही है। लेकिन तुम लोग डरना मत। अगर कुछ भी होता है, तो सीधे प्रिंसिपल से शिकायत करना। और जरूरत पड़े तो मैं भी कॉलेज आ सकती हूँ!"

तीनों सहेलियाँ मुस्कुराईं। मासी के साथ होने से उन्हें थोड़ी हिम्मत मिली।

"लेकिन मासी, कॉलेज का पहला दिन सिर्फ डरावना नहीं था, कुछ अच्छा भी हुआ!" लवली ने उत्साहित होकर कहा।