Kurbaan Hua - Chapter 16 in Hindi Love Stories by Sunita books and stories PDF | Kurbaan Hua - Chapter 16

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Kurbaan Hua - Chapter 16

कॉलेज का पहला दिन

गर्मी की हल्की धूप और ठंडी हवा के बीच कॉलेज का माहौल हलचल से भरा हुआ था। कैंपस के गेट से लेकर हर ओर नए स्टूडेंट्स की भीड़ दिखाई दे रही थी। कुछ चेहरे उत्साह से चमक रहे थे, तो कुछ घबराए हुए इधर-उधर देख रहे थे।

संजना की तीनों सहेलियाँ—लवली, अवनी, और मिताली—धीमे कदमों से कॉलेज के गेट के अंदर दाखिल हुईं। उनके चेहरे पर डर और उत्सुकता दोनों साफ झलक रहे थे। यह उनकी जिंदगी का नया अध्याय था, लेकिन उनके मन में संजना की कमी खल रही थी। अगर वह होती, तो पूरे आत्मविश्वास के साथ कैंपस में एंट्री करती और उन्हें भी हिम्मत देती। लेकिन आज वे अकेली थीं और डर भी रग-रग में समाया हुआ था।

"पता नहीं, यहाँ रैगिंग होती होगी या नहीं," लवली ने धीमी आवाज़ में कहा।

"हाँ, मैंने सुना है कि कुछ सीनियर बहुत परेशान करते हैं," मिताली ने सहमते हुए जवाब दिया।

"अगर कोई हमें रोककर कुछ करने को कहेगा तो? मैं तो बहुत डर रही हूँ," अवनी ने घबराते हुए कहा।

वे तीनों कॉलेज के लॉन से होते हुए आगे बढ़ रही थीं, तभी उनकी नजर एक ग्रुप पर पड़ी। करीब सात-आठ लड़के और कुछ लड़कियाँ एक कोने में नए स्टूडेंट्स को घेरकर खड़े थे। उनके चेहरे पर अजीब-सी शरारत थी, और वे नए आए छात्रों को तरह-तरह की अजीब हरकतें करने के लिए मजबूर कर रहे थे।

"ओहो! नए बच्चे आए हैं," एक लड़के ने मज़ाक उड़ाने वाले अंदाज में कहा।

उनके ग्रुप का लीडर अजय था। अजय कॉलेज का सबसे बदमाश लड़का था। वह हमेशा नियमों को तोड़ता और अपने दोस्तों के साथ मिलकर नए स्टूडेंट्स की रैगिंग करता। कॉलेज में उसकी एक अलग ही धाक थी। कोई उससे पंगा लेने की हिम्मत नहीं करता था।

अजय ने एक लड़के को आगे बुलाया, "तू... हाँ, तू! आ इधर।"

वह नया लड़का सहम गया, लेकिन डरते-डरते आगे आया।

"चल, सबके सामने 'आई लव यू' बोलकर इस दीवार को प्रपोज कर!" अजय ने ज़ोर से हँसते हुए कहा।

लड़के ने कांपते हुए दीवार की तरफ देखा और फिर पीछे मुड़कर वहाँ खड़े दूसरे नए स्टूडेंट्स की तरफ, जो उतने ही डरे हुए थे। लेकिन वह कुछ कह पाता, इससे पहले ही अजय के दोस्तों ने उसे पकड़कर दीवार के सामने खड़ा कर दिया।

"बोल ना, या फिर..." अजय ने धमकी भरे लहजे में कहा।

लड़के ने किसी तरह से कांपते हुए कहा, "आई...आई लव यू।"

अजय और उसके दोस्तों की हँसी पूरे कैंपस में गूंज उठी।

तीनों सहेलियाँ यह सब देखकर सहम गईं।

"अब क्या करें?" मिताली ने चिंतित होकर कहा।

"हम चुपचाप चलते हैं, हमें उनसे दूर रहना चाहिए," लवली ने कहा।

लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। जैसे ही वे आगे बढ़ीं, अजय की नजर उन पर पड़ गई।

"अरे वाह! नए चेहरे! और लड़कियाँ भी!" अजय की आँखों में शरारत चमकी।

उसने अपने दोस्तों की तरफ देखा और सिर हिलाया।

"ओ मैडम, ज़रा इधर आइए," अजय ने ज़ोर से आवाज़ लगाई।

तीनों की धड़कनें तेज हो गईं। उन्होंने तेज़ी से कदम बढ़ाए, लेकिन अजय और उसके दोस्तों ने उनके रास्ते में आकर खड़ा हो गए।

"इतना जल्दी कहाँ जा रही हो? कॉलेज में नए आए हो, हमारा इंट्रोडक्शन तो बनता है न?" अजय ने मुस्कुराते हुए कहा।

"हमें देर हो रही है," अवनी ने हिम्मत जुटाकर कहा।

"अरे-अरे, इतनी जल्दी क्या है? पहले एक छोटा-सा टास्क पूरा करो, फिर जाने देंगे," अजय के एक दोस्त ने कहा।

"हमें कोई टास्क नहीं करना," लवली ने घबराकर कहा।

"ओह, बहुत तेज़ हो रही हो! लेकिन यहाँ हमारी चलती है, समझीं?" अजय ने आँखें घुमाकर कहा।

मिताली ने गहरी साँस ली और बोली, "देखो, हम परेशान नहीं होना चाहते। प्लीज, हमें जाने दो।"

अजय हँस पड़ा, "अरे डरो मत, बस एक छोटा-सा काम करना है। तुम तीनों को यहाँ खड़े होकर एक-दूसरे को गले लगाकर 'आई लव यू' बोलना होगा।"

यह सुनते ही तीनों सहेलियों के चेहरे पर डर और गुस्से का मिश्रण दिखा। वे असहाय महसूस कर रही थीं। संजना होती, तो जरूर कुछ करती, लेकिन यहाँ वे अकेली थीं।

"नहीं, हम यह सब नहीं करेंगे," लवली ने दृढ़ता से कहा।

अजय ने भौंहें चढ़ाईं, "ओह! यहाँ तो कोई बहुत बहादुर निकली!"

तभी वहाँ कुछ और स्टूडेंट्स आ गए। उनमें से कुछ को यह सब देखकर गुस्सा आ रहा था, लेकिन अजय का डर इतना था कि कोई भी खुलकर विरोध करने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था।

तभी अचानक, कॉलेज के गार्ड वहाँ आ गए। किसी ने प्रिंसिपल को शिकायत कर दी थी कि कैंपस में रैगिंग हो रही है। गार्ड्स को देख अजय और उसके दोस्तों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई।

"यहाँ क्या हो रहा है?" गार्ड ने सख्त लहजे में पूछा।

"कुछ नहीं सर, हम तो बस बात कर रहे थे," अजय ने लापरवाही से कहा।

"हमें इनकी शिकायत मिली है, तुम सब हमारे साथ चलो," गार्ड ने कड़े शब्दों में कहा।

अजय ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन ज्यादा कुछ कह नहीं पाया। गार्ड्स ने उसे और उसके दोस्तों को पकड़ लिया।

अवनी, मिताली, और लवली ने राहत की सांस ली। वे जानती थीं कि अगर गार्ड्स नहीं आते, तो वे बहुत मुश्किल में फंस सकती थीं।

"चलो, क्लास के लिए चलते हैं," मिताली ने कहा।

"हाँ, और अगली बार अगर कोई हमें परेशान करने की कोशिश करे, तो हम मिलकर उसका सामना करेंगे," लवली ने आत्मविश्वास से कहा।

तीनों सहेलियाँ अब पहले से ज्यादा मजबूत महसूस कर रही थीं। कॉलेज के पहले दिन की यह घटना उन्हें जिंदगी भर याद रहने वाली थी।