एक लंबा, चौड़ा, खतरनाक आभा वाला शख्स अंदर दाखिल हुआ। ब्लैक कोट-पैंट, सफेद शर्ट और स्टाइलिश हेयरस्टाइल। उसकी आंखों में एक अजीब सा जादू और चेहरे पर हल्की मगर ठंडी मुस्कान थी। 23 साल का यह नौजवान लड़कियों के लिए दिलों की धड़कन और मर्दों के लिए खौफ का दूसरा नाम था।
कमरे में एक अजीब सा सन्नाटा छा गया था। हर कोई उसे देख रहा था – कुछ आकर्षण से, कुछ डर से।
और तभी...
म्यूजिक बज उठा।
"ज़रा देखो कौन आ गया है..."
हॉल में पार्टी का माहौल और भी रंगीन हो गया। कुछ लड़कियां मुस्कुराती हुई उसके करीब आने लगीं। उनकी आंखों में दीवानगी थी। लड़कियां उसकी बाहों में झूमने लगीं, जैसे कोई जादू चल गया हो।
"ज़माने पे जो छा गया है..."
अचानक भीड़ में एक आदमी की नजरें उससे टकराईं। यह वही आदमी था, जिसे वह ढूंढ रहा था। वह आदमी झटके से खड़ा हुआ और अपना गिलास कसकर पकड़ लिया। लेकिन उस नौजवान की नजरों में कोई डर नहीं था, बस एक ठंडी मुस्कान थी।
म्यूजिक तेज हुआ।
"खुली किसकी खातिर बाहें, रुकी किस पे हैं बस निगाहें..."
लड़कियों ने उसे घेर लिया। हॉल में नशे और जोश का रंग चढ़ चुका था।
तभी...
"मैं जिंदगी बाजी लगा के, मौत से खेलता हूं जुआ..."
वह युवक धीरे-धीरे उस आदमी की ओर बढ़ा। हॉल में मौजूद अंडरवर्ल्ड के बड़े नाम अब भी शांति से बैठे हुए थे, मगर उनकी आंखों में बेचैनी थी। वह कौन था? क्या करने आया था?
"ना मुझको डर, ना कोई परवाह..."
वह आदमी अब पसीना-पसीना हो गया था। उसकी उंगलियां कॉटन नैपकिन को कसकर पकड़ चुकी थीं।
"कौन मेरा दुश्मन हुआ..."
वह युवक अब उसकी टेबल तक पहुंच चुका था। हॉल में मौजूद सभी खामोश हो गए।
"डॉन..."
इतना कहते ही म्यूजिक बंद हो गया।
सन्नाटा।
वह युवक हल्के से झुका, शराब की बोतल उठाई और उसे अपनी उंगलियों से घुमाते हुए बोला –
"पहचान लिया?"
और तभी—
गन की नोक चमक उठी।
शहर का सबसे महंगा होटल – एक खतरनाक रात
हॉल में खौफ और सस्पेंस का माहौल था। हर किसी की सांसें थमी हुई थीं। सबकी नजरें उस युवक पर टिकी थीं, जिसने अभी-अभी अपनी पहचान उजागर की थी— दानिश सानियाल।
यह नाम सुनते ही हॉल में बैठे कुछ लोगों के चेहरे पीले पड़ गए। कुछ ने धीरे से अपनी ड्रिंक उठाकर होंठों से लगा ली, ताकि घबराहट छिपा सकें। मगर जो डर उनकी आंखों में था, वह छिपाए नहीं छिप रहा था।
दानिश ने शराब की बोतल घुमाते हुए टेबल पर रख दी और हल्के से मुस्कुराया।
शहर का सबसे महंगा होटल – एक खतरनाक रात
हॉल में खौफ और सस्पेंस का माहौल था। हर किसी की सांसें थमी हुई थीं। सबकी नजरें उस युवक पर टिकी थीं, जिसने अभी-अभी अपनी पहचान उजागर की थी— दानिश सानियाल।
यह नाम सुनते ही हॉल में बैठे कुछ लोगों के चेहरे पीले पड़ गए। कुछ ने धीरे से अपनी ड्रिंक उठाकर होंठों से लगा ली, ताकि घबराहट छिपा सकें। मगर जो डर उनकी आंखों में था, वह छिपाए नहीं छिप रहा था।
आपको सब को अगर ये कहानी अच्छी लग रही है तो आगे के चेप्टर पढना ना भूले, इसके अलावा मेरी दूसरी कहानी भी है उसे भी पढे वो भी बहोत एक्साइटीग है कुराब हुआ |