Tere Ishq me ho jaau Fannah - 4 in Hindi Love Stories by Sunita books and stories PDF | तेरे इश्क में हो जाऊं फना - 4

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तेरे इश्क में हो जाऊं फना - 4

शहर का सबसे महंगा होटल – एक खतरनाक रात (भाग 2)

हॉल में खौफ और सस्पेंस का माहौल था। हर किसी की सांसें थमी हुई थीं। सबकी नजरें उस युवक पर टिकी थीं, जिसने अभी-अभी अपनी पहचान उजागर की थी—  दानिश सानियाल।

यह नाम सुनते ही हॉल में बैठे कुछ लोगों के चेहरे पीले पड़ गए। कुछ ने धीरे से अपनी ड्रिंक उठाकर होंठों से लगा ली, ताकि घबराहट छिपा सकें। मगर जो डर उनकी आंखों में था, वह छिपाए नहीं छिप रहा था।

दानिश ने शराब की बोतल घुमाते हुए टेबल पर रख दी और हल्के से मुस्कुराया।

"पहचान लिया?"

उस आदमी— जिसे दानिश ढूंढ रहा था— की आंखों में घबराहट साफ झलक रही थी। उसकी उंगलियां अब भी नैपकिन को कसकर पकड़े हुई थीं, मानो वह किसी अनहोनी की आशंका से कांप रहा हो।

लेकिन अब भागने का कोई रास्ता नहीं था।

एक खूनी खेल की शुरुआत

हॉल में मौजूद हर आदमी जानता था कि अंडरवर्ल्ड में दानिश का क्या रुतबा था। उम्र सिर्फ तेइस साल, मगर खतरनाक दिमाग और निर्दयता में बड़े-बड़ों को मात दे चुका था। किसी ने सुना था कि उसकी पहली हत्या महज सोलह साल की उम्र में हुई थी। अब वह अपने दुश्मनों के लिए काल बन चुका था।

"श…शायद कोई गलतफहमी है, डाॅन…" आदमी की आवाज कांप रही थी।

दानिश की मुस्कान और भी गहरी हो गई। उसने शराब का गिलास उठाया, एक घूंट भरा और फिर बोला—

"गलतफहमी? नहीं रे… मैं सबकुछ बहुत अच्छे से जानता हूँ। तुमने ही मुझे मारने कि साजिश रची थी, भूल गए?"

उस आदमी की आंखें फैल गईं। वह जानता था कि उसकी मौत तय है।

मौत का फरमान

दानिश ने अपनी जेब से एक सोने की बटन लगी सिगरेट लाइटर निकाली और उसे जलाया। हल्की नीली लौ उसके चेहरे पर चमकी, जिससे उसकी ठंडी और बेरहम आंखें और भी गहरी लगने लगीं।

"आज तक जिसने भी मुझसे गद्दारी की, उसकी सिर्फ एक ही सजा हुई है…"

वह धीरे से झुका और फुसफुसाया—

"मौत।"

इतना कहते ही, पीछे से एक आदमी ने अपना कोट हटाया। उसके हाथ में ब्लैक गन चमक रही थी। वह दानिश का सबसे भरोसेमंद शूटर था— रिज़वान 'द शैडो'।

हॉल में हलचल मच गई। कुछ लोगों ने अपने गार्ड्स की ओर देखा, मगर कोई हिलने की हिम्मत नहीं कर रहा था।

"डाॅन, प्लीज़…!" उस आदमी ने कुर्सी से उठने की कोशिश की।

धायं!

एक गोली सीधे उसके घुटने में लगी। वह आदमी चीखते हुए जमीन पर गिर पड़ा।

लेकिन यह तो बस शुरुआत थी।

"तड़पने दो।" दानिश ने अपने शूटर से कहा।

हॉल में मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।

होटल में मौत का साया

उस आदमी की चीख पूरे हॉल में गूंज रही थी, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वह दानिश के खिलाफ कुछ बोले।

दानिश ने अपनी घड़ी की ओर देखा, फिर रिज़वान की ओर इशारा किया।

"ख़त्म करो।"

रिज़वान ने बिना पलक झपकाए गन को सीधा उस आदमी के सिर पर तान दिया।

धायं!

एक और गोली चली। इस बार, सन्नाटा पसर गया।

शहर के सबसे महंगे होटल में अभी-अभी एक हत्या हुई थी, लेकिन कोई पुलिस को फोन करने की हिम्मत भी नहीं कर सकता था।

दानिश ने अपने सूट की बांह झाड़ी, जैसे कुछ हुआ ही न हो। उसने अपने गिलास को फिर से उठाया और एक घूंट भरा।

फिर उसने चारों तरफ देखा और हल्के से मुस्कुराकर बोला—

"चलो, पार्टी जारी रखो।"

म्यूजिक फिर से बज उठा, लेकिन अब वह पहले जैसा नहीं था। हर किसी के चेहरे पर तनाव था, मगर कोई कुछ नहीं कर सकता था।

दानिश सानियाल ने आज फिर साबित कर दिया था कि वह सिर्फ नाम नहीं, एक खौफ है।

शहर का सबसे महंगा होटल – एक खतरनाक रात (भाग 3)

पार्टी हाल में छाया सन्नाटा

दानिश के गिलास से शराब की कुछ बूंदें छलककर मेज पर गिर गईं। लेकिन उसकी नजरें अब भी भीड़ को परख रही थीं, जैसे हर चेहरे के पीछे छिपी कहानी को पढ़ने की कोशिश कर रहा हो।

तभी...

एक छायादार कोने से एक लड़का और एक औरत उसकी ओर बढ़े।

लड़का करीब 19 साल का था, पर उसकी चाल-ढाल में एक अलग ही आत्मविश्वास था। उसके बाल करीने से कटे थे, कपड़े महंगे और फिटिंग वाले थे, और उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी— मानो वह दानिश से मिलने के लिए बेचैन था।

औरत, जो करीब 40 की रही होगी, उसकी आंखों में स्नेह और गर्व का मिला-जुला भाव था। उसकी चाल में ठहराव था, और चेहरे पर वो ठंडा आत्मविश्वास, जो सिर्फ उन्हीं के पास होता है, जिन्होंने जिंदगी की क्रूर सच्चाइयों को करीब से देखा हो।

"वेलकम, ब्रो!"

कबीर ने मुस्कुराते हुए कहा और आगे बढ़कर दानिश को गले लगा लिया।

दानिश ने हल्की मुस्कान दी, लेकिन उसकी आंखें अब भी भावशून्य थीं।

उस महिला ने धीरे से हाथ बढ़ाया और दानिश के कंधे पर रखा। उसकी आवाज में नर्मी थी, लेकिन साथ ही उसमें एक गहरी दृढ़ता भी थी।

"मैं जानती थी, तुम इस दुनिया पर राज करने के लिए ही बने हो। तुम्हारे डैड की मौत के बाद मैं पूरी तरह टूट गई थी, लेकिन तुमने सब संभाल लिया।"

हॉल में अब भी लोग पार्टी का दिखावा कर रहे थे, लेकिन उनकी नजरें अब भी इस मुलाकात पर टिकी थीं।

दानिश— वो नाम जो अब एक खौफ बन चुका था।

"तुमने यह सब खुद कमाया है। तुम्हारे पिता के दुश्मनों ने हमें तबाह करने की कोशिश की थी, लेकिन आज तुमने दिखा दिया कि सानियाल खानदान कभी झुकता नहीं।"

पुराने दुश्मन, नई साजिश

बातचीत के दौरान, दानिश ने नोटिस किया कि हॉल में कुछ लोग उनकी ओर बार-बार देख रहे थे। खासतौर पर वह कोने में बैठा एक शख्स, जो बार-बार अपने फोन पर कुछ लिख रहा था।

"रिज़वान," उसने हल्की आवाज में अपने शूटर को बुलाया।

"देखो, वो आदमी कौन है।"

रिज़वान ने सिर हिलाया और चुपचाप भीड़ में गुम हो गया।

इधर, कबीर अपनी नई दुनिया में खोया हुआ था।

"भाई, मैं भी तुम्हारे साथ काम करना चाहता हूँ," उसने उत्साहित होकर कहा।

दानिश ने गिलास नीचे रखा और उसकी आँखों में देखा।

"यह खेल उतना आसान नहीं है, जितना तुम्हें लगता है।"

कबीर मुस्कुराया।

"मैं डरता नहीं हूँ, भाई। आखिर खून तुम्हारा ही है।"

दानिश हल्का सा हंसा।

"देखते हैं, तुम कितने तैयार हो।"

मौत का पैगाम

तभी, रिज़वान वापस आया।

"डाॅन, वो आदमी यहाँ अकेला नहीं है। उसके कुछ और साथी भी होटल के बाहर हैं। वे सब लगातार किसी से फोन पर बात कर रहे हैं।"

दानिश ने हल्के से सिर हिलाया।

"मुझे पता था... यह रात इतनी आसानी से खत्म नहीं होगी।"

अलीना ने दानिश की ओर देखा।

"क्या कोई मुसीबत है?"

"नहीं," दानिश ने मुस्कराते हुए कहा। "बस कुछ गीदड़, जो सोचते हैं कि शेर अब अकेला नहीं रहा, तो शायद कमजोर हो गया है।"

फिर वह रिज़वान की ओर मुड़ा।

"होटल के दरवाजे बंद कर दो। किसी को अंदर या बाहर जाने मत दो।"

रिज़वान ने इशारा किया, और कुछ ही सेकंड्स में होटल का सिक्योरिटी सिस्टम एक्टिवेट हो गया।

खेल अभी खत्म नहीं हुआ

हॉल में अब एक अलग ही माहौल था। जहाँ कुछ मिनट पहले पार्टी चल रही थी, अब वहाँ सन्नाटा था।

दानिश अपनी कुर्सी से उठा, अपनी जैकेट के बटन बंद किए और अपने भाई की ओर देखा।

"अब देखो, कबीर... तुम्हारा भाई इस शहर पर किस तरह राज करता है।"

फिर उसने कबीर की ओर देखा और मुस्कराया।

"तुम कहते हो कि डरते नहीं हो? तो देखो, आज की रात कैसी बीतती है।"

होटल के बाहर गाड़ियों की आवाजें सुनाई देने लगीं।

कोई बड़ा खेल शुरू होने वाला था।

लेकिन दानिश सानियाल तैयार था।

और इस बार, वह अकेला नहीं था।