TOOTE HUE DILON KA ASHPATAAL - 32 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 32

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 32

टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 32 


पिछले एपिसोड में:

भावेश को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन उसने जाते-जाते आदित्य को धमकी दी थी—"ये खत्म नहीं हुआ!" अस्पताल में सबकुछ फिर से सामान्य हो रहा था, लेकिन क्या खतरा सच में टल गया था?



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एक नई सुबह, नई चुनौतियाँ


भावेश की गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में माहौल थोड़ा हल्का था। मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया था और स्टाफ भी राहत की सांस ले रहा था।


सुबह के 7 बजे।


आदित्य अपनी कुर्सी पर बैठा था। पिछले कुछ घंटों में जो कुछ भी हुआ, वो सब उसके दिमाग में घूम रहा था।


"क्या सच में सब ठीक हो गया?"


तभी अर्जुन ने कमरे में कदम रखा।


"कैसा लग रहा है?" अर्जुन ने पूछा।


आदित्य मुस्कुराया, "जैसे एक जंग जीत ली हो... लेकिन पता नहीं क्यों, मन कह रहा है कि कहानी अभी खत्म नहीं हुई।"


अर्जुन ने उसकी बातों को मज़ाक में टाल दिया।


"अब बहुत हो गया यार, आराम कर ले। सब नॉर्मल हो गया है!"


लेकिन क्या वाकई सब नॉर्मल था?



---


खतरे की दस्तक


शाम के 5 बजे अस्पताल में सबकुछ सामान्य चल रहा था। नव्या और सान्या मरीजों का ध्यान रख रही थीं। अर्जुन अपने कुछ मेडिकल रिसर्च में बिजी था।


लेकिन तभी...


ट्रिन-ट्रिन...


आदित्य के फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आया।


"हैलो?"


"आदित्य!"


आदित्य की आँखें चौड़ी हो गईं। ये आवाज़ पहचानी हुई थी।


"भावेश?"


"हा हा हा... तूने सोचा कि मुझे जेल भेजकर जीत गया? ग़लती कर दी!"


"तू अंदर है, फिर भी कॉल कैसे कर रहा है?" आदित्य ने पूछा।


"समझ ले कि ये मेरी एक आखिरी चेतावनी है। बहुत जल्द, तू और तेरा ये अस्पताल—दोनों खत्म होने वाले हैं!"


कॉल कट गया।


आदित्य के माथे पर पसीना आ गया।


"ये फिर से कुछ बड़ा करने वाला है!"



---


खतरनाक प्लान


दूसरी तरफ, जेल में भावेश मुस्कुरा रहा था।


उसके पास फोन कैसे आया?


दरअसल, उसने पहले ही प्लान बना लिया था। जेल में उसकी पहचान के कुछ लोग थे, जो उसकी मदद कर रहे थे।


"आदित्य को मैं चैन से जीने नहीं दूँगा!"


उसने अपनी जेब से एक पेपर निकाला।


"डॉ. नव्या... डॉ. अर्जुन... और खुद आदित्य!"


"इन तीनों को खत्म करना है!"



---


नव्या पर हमला!


अगले दिन सुबह 10 बजे।


नव्या अस्पताल से बाहर जा रही थी, तभी एक काले रंग की गाड़ी उसके पास आकर रुकी।


नव्या को कुछ समझ नहीं आया, लेकिन अचानक गाड़ी से दो आदमी उतरे और उसे पकड़ लिया!


"छोड़ो मुझे!"


"हम तुझे छोड़ेंगे... लेकिन पहले तेरे दोस्त आदित्य को सबक सिखाना है!"


"धड़ाम!"****"आउच!"


एक ज़ोरदार थप्पड़ नव्या के गाल पर पड़ा और फिर उसे गाड़ी में डाल लिया गया।


गाड़ी तेज़ रफ्तार से निकल गई।



---


आदित्य को खबर मिलती है!


अस्पताल में अर्जुन किसी मरीज को देख रहा था कि तभी एक नर्स भागती हुई आई।


"डॉक्टर! डॉक्टर नव्या का फोन गिरा हुआ मिला है, लेकिन वो कहीं नहीं दिख रहीं!"


आदित्य और अर्जुन दोनों चौकन्ने हो गए।


"क्या?"


आदित्य ने नव्या को कई बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।


"ये भावेश का काम है!" अर्जुन गुस्से में बोला।


"हमें नव्या को ढूँढना होगा!"


अब ये जंग और भी खतरनाक होने वाली थी।



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क्या नव्या सुरक्षित है?

भावेश का अगला कदम क्या होगा?

क्या आदित्य अपने दोस्तों को बचा पाएगा?


जाने के लिए पढ़ें अगला एपिसोड!