TOOTE HUE DILON KA ASHPATAAL - 20 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 20

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टूटे हुए दिलों का अस्पताल - 20


टूटे हुए दिलों का अस्पताल – एपिसोड 20

रात के दो बजे का समय था। अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में एक अजीब-सी हलचल थी। नर्सें तेज़ी से इधर-उधर भाग रही थीं। डॉ. आदित्य ऑपरेशन थिएटर में किसी गंभीर मरीज का इलाज कर रहा था। बाहर खड़ी नव्या बेचैनी से इधर-उधर टहल रही थी।

“सब ठीक तो है न, डॉ. नव्या?” एक नर्स ने पूछा।

“मुझे नहीं पता… पर आदित्य बहुत देर से अंदर है,” नव्या ने चिंता से कहा।

कुछ देर बाद ऑपरेशन थिएटर का दरवाजा खुला, और आदित्य बाहर आया। उसके माथे पर पसीने की बूंदें थीं, लेकिन चेहरे पर संतोष था।

“पेशेंट अब खतरे से बाहर है,” उसने थकी हुई आवाज़ में कहा।

नव्या ने राहत की सांस ली। लेकिन इस शांति के बीच भी, दोनों के मन में एक और बड़ी चिंता थी—भावेश।


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भावेश की नई चाल

भावेश धीरे-धीरे अस्पताल पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा था। उसने कई डॉक्टरों और स्टाफ को अपनी तरफ कर लिया था। कुछ लोग उसके डर से उसके खिलाफ कुछ नहीं कह रहे थे, तो कुछ उसकी मीठी-मीठी बातों में आ चुके थे।

“आदित्य को इस अस्पताल से बाहर करना ही पड़ेगा,” भावेश ने अपने खास आदमी अर्जुन से कहा।

“लेकिन कैसे, सर?” अर्जुन ने पूछा।

भावेश ने एक कुटिल मुस्कान के साथ कहा, “अस्पताल के बोर्ड मेंबर्स को आदित्य के खिलाफ भड़काओ, मरीजों के परिवारों में उसके खिलाफ अफवाहें फैलाओ… और सबसे ज़रूरी, अस्पताल की फंडिंग पर पकड़ बनाओ।”

भावेश ने एक बड़ा दांव खेला। उसने अस्पताल के एक बड़े फंड डोनर को अपने पक्ष में कर लिया और इस बात को फैलाना शुरू कर दिया कि अस्पताल आदित्य के कारण नुकसान झेल रहा है।


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नव्या का संदेह

नव्या को लग रहा था कि कुछ गड़बड़ है। उसे ऐसा लग रहा था कि अस्पताल का माहौल बदल रहा है।

एक दिन उसने आदित्य को बताया, “आदित्य, क्या तुम्हें नहीं लगता कि भावेश कुछ बड़ा प्लान कर रहा है? कई डॉक्टर अब उसकी तरफ झुक गए हैं। मुझे लगता है, हमें सतर्क रहना होगा।”

आदित्य ने गहरी सांस ली, “मुझे भी यह महसूस हो रहा है, नव्या। लेकिन बिना सबूत के हम कुछ नहीं कर सकते।”

नव्या ने कहा, “हमें सबूत जुटाने होंगे, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।”


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एक नई एंट्री: रेहान

उसी दिन अस्पताल में एक गंभीर एक्सीडेंट का केस आया। पेशेंट का नाम था—रेहान।

आदित्य ने उसकी फाइल उठाई और जैसे ही उसने नाम पढ़ा, उसकी आँखें चौड़ी हो गईं।

“रेहान… ये वही रेहान है, जो पहले भावेश के साथ काम करता था,” उसने बुदबुदाते हुए कहा।

रेहान बेहोश था, लेकिन उसकी हालत धीरे-धीरे स्थिर हो रही थी। आदित्य जानता था कि अगर रेहान होश में आया, तो वह भावेश के राज़ खोल सकता था।


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भावेश की कुटिल योजना

दूसरी तरफ, भावेश अब अस्पताल की पूरी बागडोर अपने हाथ में लेना चाहता था। उसने बोर्ड मीटिंग बुलाई और वहाँ आदित्य के खिलाफ झूठे आरोप लगाए।

“आदित्य की वजह से अस्पताल की साख गिर रही है,” भावेश ने गंभीर स्वर में कहा।

कुछ बोर्ड मेंबर्स ने सिर हिलाया, लेकिन कुछ अब भी आदित्य के समर्थन में थे।

“अगर आदित्य यहाँ रहा, तो अस्पताल का भविष्य अंधकारमय हो सकता है,” भावेश ने अपनी बात को और मजबूत करने की कोशिश की।

मीटिंग के बाद, आदित्य को नोटिस मिला—उसे अस्पताल से निलंबित किया जा सकता है!


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क्या होगा अब?

आदित्य के पास बहुत कम समय था। उसे अपनी बेगुनाही साबित करनी थी और भावेश के खिलाफ सबूत जुटाने थे।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल था—क्या रेहान जागने के बाद सच्चाई बताएगा, या वह भी भावेश के जाल में फंस चुका था?

(अगले एपिसोड में जारी...)