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हमला
रेवा देखती है कि उसने सामने रेहान हाथ में बैग उठाए खड़ा हैI उसने उसको देखकर मुँह बनाया तो रेहान के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गईI रेवा अब रिसेप्शन की ओर बढ़ी तो वह उसका पीछा करता हुआ वहाँ आ गया और रेवा के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखकर बोला, “ मैम मुझे इस रिसोर्ट में एक कमरा चाहिए I” “ देखिए, अभी तो काम चल रहा है, आप कहीं और चले जायेI” “ मैं सब जगह से घूमकर ही आ रहा हूँ, हर जगह बहुत भीड़ है, मुझे तो ऐसे कोई जगह चाहिए, जहाँ में शांति से बैठकर अपनी नॉवेल कम्पलीट कर सकोI” अब रेवा की नज़र उससे दूर खड़े पिंकी और सोनू पर गई जो उसे बहुत उम्मीद से देख रहें है I उसने अब सोनू को रिसेप्शन पर आने का ईशारा किया और फिर वहाँ रखे कंप्यूटर को खोलकर उसका रिकॉर्ड भरने लगी,
नाम : रेहान मलिक
काम : राइटर
एड्रेस : 152/06 सरोजिनी नगर दिल्लीI
फ़ोन नंबर : 9864758960
नंबर ऑफ़ डेज : 15-20 दिनI
“आप पेमेंट कैसे करेंगे ? कैश या ऑनलाइन ?” “जी कैश !! ठीक है, 15 दिन के हिसाब से अभी पचीस हज़ार जमा करवाए और बाद में जब जायेंगे तो पचीस और देने पड़ेगेI” उसने अब अपने बैग से कैश निकाला और रेवा को पकड़ा दियाI “सोनू इन्हें रूम नंबर 305 में ले जाओ और मिस्टर रेहान ज़्यादा अच्छी सर्विस की उम्मीद मत रखनाI” “जी मिस...... ? आपका नाम ? “ “रेवा शर्माI” “ ठीक है, फिर बाद में मिलते हैंI मिस रेवा !!!” रेहान के जाते ही उसने गहरी साँस ली और सोचने लगी, “टूरिस्ट भी मिला तो यह नमूनाI”
अश्विन ने नींद से जागकर अनुज का मैसेज देखा और फिर फ्रेश होने बाथरूम में चला गयाI शॉवर के नीचे नहाते -नहाते उसे कुछ याद आया तो उसने जल्दी से अपना नहाना खत्म किया और कमर के नीचे टॉवल लपेटकर बाहर आ गया और फिर अपनी कल पहनी हुई शर्ट के बटन से चिपका कैमरा हटाया और लैपटॉप पर कल रात की फुटेज देखने लगाI उसने देखा कि किलर ने ऊपर से नीचे तक खुद को एक काले रंग के लिबास से ढका हुआ है और उसकी सिर्फ आँखें दिखाई दे रही हैI उसने हाथों में भी ग्लव्स पहने हुए हैं I “बास्टर्ड!!!” फुटेज देखकर उसके मुँह से निकलाI अब उसने खींजते हुए लैपटॉप बंद किया और अपने फ़ोन को देखा जिसमे माया की वीडियो कॉल आ रही हैI उसने मुँह बनाते हुए फ़ोन की स्क्रीन पर क्लिक कियाI अश्विन को सेमी नेकेड देखते ही उसने अपने होंठो को दाँतों के नीचे दबा लियाI अब उसने वीडियो कॉल पर बात करते हुए ही कपड़े पहनना शुरू कर दियाI
“अश्विन किस फिराक में हूँ?” उसकी आवाज़ बड़ी इंटेंस हैI
वह शर्ट के बटन बंद करते हुए बोला, “फ़ोन क्यों किया?”
“तुमसे मिलना थाI”
“मैं तुम्हारा चलता-फिरता क्रेडिट कार्ड नहीं हूँ, मेरे पास और भी काम हैI” अब वह ट्रॉउज़र पहनने लगा तो माया ने आह!! भरते हुए कहा, “इतनी जल्दी क्या थी, पेंट पहनने की, मेरा सारा मज़ा किरकरा कर दिया I
“मैं फ़ोन रख रहा हूँI” यह कहकर वह वीडियो कॉल बदन करने लगा तो वह बोली, मेरा पीछा करवा सकते हो पर मुझसे मिल नहीं सकतेंI
“तुम्हें पता चल गयाI “ अश्विन को कोई हैरानी नहीं हुई, वह अपने बालों में कंघी फेरने लगाI
“हम्म!! अब बताओ, कब मिल रहे होI “
“टाइम नहीं है, मेरे पासI” उसने जैकेट पहनते हुए कहा तो वह बोली, “सोच लो, तुम्हें देने के लिए मेरे पास एक खबर हैI आज रात सात बजे मेरे उसी होटल के कमरे में आ जाना, जिसमे पहली बार आये थेंI” उसने माया के मुंह से यह सुनते ही फ़ोन रख दियाI
रेवा पूल के पास बैठकर रिसोर्ट के लिए ग्रोसरी की लिस्ट बना रही हैI तभी रेहान भी वहीं आ जाता है और उसके पास बैठते हुए कहता है, “पूल का पानी अच्छा लग रहा हैI” “ हम्म !!! जाओ, नहा लोI” उसने बड़े रुखाई से जवाब दिया तो वह बोला, “ तुम थक नहीं जाती एक ही मूड़ में रहते-रहतेI” यह सुनकर माया के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गईI अब सोनू उन दोनों के खाने के लिए स्नैक्स लेकर आ गया और उसने उससे ट्रे ली और टेबल पर रखते हुए कहा, “चलो, थोड़ी देर के लिए अपना मूड़ चेंज कर लेती हूँI” रेवा के मुँह से यह सुनकर रेहान के चेहरे पर मुस्कान आ गईI अब बातों -बातों में रेवा ने बताया कि उसकी दिल्ली में फ्लावर शॉप थी जो अच्छी -खासी चल भी रही थी, उसके पास पार्टी और शादी के डेकोरेशन के आर्डर आते थेंI रेहान भी उसे अपने परिवार, अपनी जॉब और दोस्तों के बारे में बताता रहा, “तो कोई कहानी मिली?” “कहानी तो कल ट्रेन में ही शुरू हो गई थीI” यह कहकर वह रेवा को गौर से देखने लगाI
अश्विन ने अनुज को कैमरे वाली बात बताई तो अनुज ने उसे कहा, “किलर हमसे पाँच कदम आगे चल रहा है, तू देख न उसे तेरा पता चल गया और उसने तुझे मारने की कोशिश भी कीI” अब उसने यश को बुलाकर कहा, “पता करो कि वे सभी के सभी पंचमढ़ी में कहाँ गए हैंI” अब अश्विन ने उससे कोमल के बारे में पूछा तो उसने बताया कि दोनों में ही बातचीत बंद हैI “वैसे तुझे उन पाँचों में से किस पर संदेह है?” अश्विन ने सोचते हुए जवाब दिया, “समर राजीव, नंदिश पर” और वो लड़की रेवा और रेहान? “ “वो रेहान किसी लवस्टोरी के चक्कर में है और वो मैडम को अपनी ख़ूबसूरती पर कुछ ज्यादा ही घमंड है, दोनों की क्रिमिनल होने की उम्मीद कम है पर कुछ कहा नहीं जा सकताI” सबसे ज्यादा तो मुझे उस समर के किलर होने के आसार नज़र आ रहें हैं और राजीव के सम्राट होने के, पता नहीं, साले दोनों पंचमढ़ी में क्या कर रहें होंगें I” उसने टेबल पर रखे पेपरवैट को घुमाते हुए कहाI
माया शाम के सात बजे अपने रूम में बिस्तर पर लेटी अश्विन के आने का इंतज़ार कर रही हैI उसके बदन पर एक गाउन है और चेहरे पर खूब सारा मेकअप हैI अब उसके रूम के दरवाजे पर नॉक होता है तो वह बड़े ही मस्त अंदाज़ में दरवाजा खोलते हुए कहती है,” आ गए तुम?” मगर उसकी उम्मीद के विपरीत एक आदमी चेहरे पर नकाब लगाए और हाथ में चाकू पकड़े खड़ा है, माया उसके हाथ में चाकू देखकर चिल्लाते हुए अंदर की तरफ भागती है और किलर भी रूम का दरवाजा बंद कर उसकी तरफ भागता हैI वह उस पर चीजे उठाकर मार रही और वह किलर पूरी मुस्तैदी से माया के हर वार से बचता हुआ, उसे बालों से घसीटकर उसे ज़मीन पर लिटा देता है और उस पर सवार हो जाता हैI अब माया उसे हटाने की कोशिश करती है तो वह एक चाकू का वार उसके हाथ पर करता है, “अअअअअअअ प्लीज मुझे छोड़ दो, मुझे मत मारो, कौन हो तुम?” माया उस किलर के आगे गिड़गिड़ा रही है मगर वह बेरहमी से उस के हर अंग पर चाकू से वार करने से बाज़ नहीं आ रहा हैI