KHOYE HUE HUM - 19 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | खोए हुए हम - 19

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खोए हुए हम - 19

खोए हुए हम – एपिसोड 19


एक नई सुबह की शुरुआत


ऋत्विक के हमेशा के लिए जेल जाने के बाद, निशा को पहली बार ऐसा महसूस हुआ कि उसकी ज़िंदगी सच में अब उसके अपने हाथों में है। वो अब बेड़ियों से आज़ाद थी, और उसके दिल में अब कोई डर नहीं था।


अयान ने उसे एक नई राह पर चलने के लिए प्रेरित किया।


"निशा, अब वक़्त आ गया है कि तुम अपने लिए जीना शुरू करो," अयान ने मुस्कुराते हुए कहा।


"पर क्या मैं इतनी आसानी से इस सब से बाहर आ सकती हूँ?" निशा ने संकोच से पूछा।


"तुम्हें खुद को एक मौका देना होगा। ये दुनिया अब भी खूबसूरत है, बस तुम्हें इसे देखने का नज़रिया बदलना होगा," अयान ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा।


एक नया सपना, एक नया रास्ता


अयान और निशा ने तय किया कि वे साथ में किसी नई जगह पर जाएंगे, जहाँ निशा को खुद को समझने और अपनी ज़िंदगी को नए सिरे से शुरू करने का मौका मिलेगा।


"कहाँ चलें?" निशा ने हल्की मुस्कान के साथ पूछा।


"पहाड़ों की ठंडी वादियों में, जहाँ सुकून और शांति हो," अयान ने जवाब दिया।


कुछ दिनों बाद, वे दोनों उत्तराखंड के एक छोटे से गाँव में पहुँचे, जहाँ निशा ने पहली बार खुलकर सांस ली।


"यहाँ कितना सुकून है," निशा ने कहा, "मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं पहली बार सच में ज़िंदा हूँ।"


अयान उसे देखकर मुस्कुराया, "यही तो मैं चाहता था।"


दिलों की नज़दीकियाँ


उन पहाड़ियों में बिताए गए कुछ हफ्तों में, निशा और अयान पहले से ज्यादा करीब आ गए।


एक शाम, जब दोनों एक पहाड़ी की चोटी पर बैठे थे, निशा ने हल्के स्वर में कहा, "अयान, क्या सच में कोई ऐसा प्यार होता है, जो बिना शर्तों के होता है?"


अयान ने उसकी तरफ देखा, "हाँ, और शायद मैंने वही प्यार तुम्हारे लिए हमेशा से महसूस किया है।"


निशा की आँखें नम हो गईं। "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं फिर से किसी पर भरोसा कर पाऊँगी।"


"तुम्हें मुझ पर भरोसा करने की जरूरत नहीं, बस अपने दिल की सुनो," अयान ने कहा।


उसने धीरे से निशा का हाथ पकड़ लिया। इस बार निशा ने अपना हाथ पीछे नहीं खींचा।


प्यार का इज़हार


अगली सुबह, जब सूरज की पहली किरणें पहाड़ों पर पड़ रही थीं, निशा ने खुद को आईने में देखा।


"अब मैं वो डरपोक लड़की नहीं रही, जो किसी और की वजह से अपनी ज़िंदगी जीने से डरती थी," उसने खुद से कहा।


फिर उसने अपने मन की बात साफ़ करने का फैसला किया।


उसने अयान को एक पहाड़ी किनारे पर बुलाया, जहाँ दोनों पहली बार आए थे।


"अयान, मैं... मैं अब अपने दिल की आवाज़ सुन रही हूँ," निशा ने हिचकिचाते हुए कहा।


"तो क्या कहता है तुम्हारा दिल?" अयान ने मुस्कुराते हुए पूछा।


निशा ने उसकी आँखों में देखा, "मेरा दिल कहता है कि मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती। मैं तुम्हारे साथ अपनी पूरी ज़िंदगी बिताना चाहती हूँ।"


अयान के चेहरे पर एक चमक आ गई।


"तो फिर देर किस बात की?"


अयान ने निशा को गले लगा लिया, और उन दोनों की आँखों में एक नई ज़िंद

गी का सपना तैरने लगा।


(अगले एपिसोड में फ़ाइनल क्लाइमैक्स...)


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