KHOYE HUE HUM - 18 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | खोए हुए हम - 18

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खोए हुए हम - 18

खोए हुए हम – एपिसोड 18

नई राहों की तलाश

ऋत्विक के जेल जाने के बाद निशा की ज़िंदगी में एक नया सवेरा आया। वो अब उस डर और धोखे से बाहर निकलना चाहती थी, जिसमें उसने इतना लंबा समय गुजार दिया था। लेकिन उसकी ज़िंदगी अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं हुई थी। अयान उसके करीब था, लेकिन उसके मन में कई सवाल थे।

"क्या मैं सच में प्यार के लायक हूँ?" निशा ने खुद से पूछा।

अयान ने उसे सहारा दिया, लेकिन उसने कभी निशा पर कोई दबाव नहीं डाला। वो जानता था कि निशा को समय चाहिए।

"अगर तुम्हें कभी किसी से बात करने का मन करे, तो मैं हमेशा तुम्हारे लिए यहाँ हूँ," अयान ने मुस्कुराते हुए कहा।

निशा ने पहली बार राहत की सांस ली और उसकी आँखों में सुकून झलकने लगा।

ऋत्विक की रिहाई – खतरा अभी बाकी है!

जहाँ एक ओर निशा और अयान नई ज़िंदगी की तरफ बढ़ रहे थे, वहीं दूसरी ओर ऋत्विक जेल में चुप नहीं बैठा था। उसने अपने कुछ पुराने कॉन्टैक्ट्स का इस्तेमाल करके बेल की अर्जी दी, और कुछ ही दिनों में वो बाहर आ गया।

"ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ, अयान!" ऋत्विक ने खुद से कहा।

वो जेल से बाहर आते ही सबसे पहले निशा से मिलने की कोशिश करने लगा। लेकिन इस बार निशा कमजोर नहीं थी।

"अगर तुमने मुझसे मिलने की कोशिश भी की, तो मैं पुलिस को कॉल कर दूँगी!" निशा ने सख्त लहजे में कहा।

"प्यार करने की सज़ा मुझे मिली है, लेकिन मैं तुम्हें इतनी आसानी से छोड़ने वाला नहीं हूँ," ऋत्विक ने ठंडी आवाज़ में कहा और चला गया।

अयान और निशा की नज़दीकियाँ

ऋत्विक के जाने के बाद भी निशा थोड़ी परेशान थी। लेकिन इस बार अयान उसके साथ था।

"क्या तुम अब भी उससे डरती हो?" अयान ने पूछा।

"डर नहीं, लेकिन उसकी फितरत को समझने के बाद मुझे लगता है कि वो कोई न कोई चाल जरूर चलेगा," निशा ने कहा।

अयान ने उसकी आँखों में देखा, "इस बार वो जो भी करेगा, मैं तुम्हारे साथ खड़ा रहूँगा।"

उन दोनों की बातें चल रही थीं, तभी रेनी और मेहुल वहाँ आ गए।

"अरे वाह! यहाँ कुछ स्पेशल चल रहा है?" रेनी ने चुटकी ली।

"ऐसा कुछ नहीं है," निशा ने हँसते हुए कहा।

लेकिन अयान और निशा की आँखों में कुछ था—एक अनकही सच्चाई, जो दोनों के दिलों में धीरे-धीरे घर कर रही थी।

ऋत्विक का आखिरी वार

अगले कुछ दिनों तक सब ठीक था। लेकिन एक दिन, जब निशा अकेली थी, तभी ऋत्विक अचानक उसके घर में घुस आया।

"मैंने कहा था न, ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ!" ऋत्विक की आँखों में पागलपन था।

"तुम यहाँ क्या कर रहे हो? चले जाओ!" निशा ने चिल्लाते हुए कहा।

लेकिन ऋत्विक ने उसे धक्का दिया और दरवाज़ा बंद कर लिया।

"अगर तुम मेरी नहीं हो सकती, तो किसी की नहीं हो सकती!"

ऋत्विक ने एक चाकू निकाल लिया।

निशा की साँसें रुक गईं।

अयान का गुस्सा – एक नई शुरुआत या एक दर्दनाक अंत?

तभी दरवाज़ा ज़ोर से टूटा और अयान अंदर घुस आया।

"ऋत्विक! तूने हद पार कर दी!"

अयान ने गुस्से में आकर ऋत्विक पर हमला कर दिया। दोनों के बीच खतरनाक लड़ाई हुई।

एक पल ऐसा आया जब अयान ने ऋत्विक से चाकू छीनकर उसे नीचे गिरा दिया।

"अब तेरा खेल खत्म!" अयान ने कहा और पुलिस को कॉल कर दिया।

इस बार ऋत्विक को बिना किसी बेल के जेल भेज दिया गया।

निशा की नई ज़िंदगी

ऋत्विक के जाने के बाद, निशा को पहली बार लगा कि वो अब खुलकर साँस ले सकती है।

अयान उसके पास आया और कहा, "अब तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है, निशा।"

"मुझे पता है," निशा ने मुस्कुराते हुए कहा।

उन दोनों की आँखों में अब एक नई शुरुआत की रोशनी थी।

(अगले एपिसोड में जारी...)