KHOYE HUE HUM - 17 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | खोए हुए हम - 17

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खोए हुए हम - 17

खोए हुए हम – एपिसोड 17


सच और झूठ का खेल


निशा के हाथ में वो फाइल थी, जिसमें ऋत्विक की पुरानी शादी के सबूत थे। उसकी आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे।


"निशा, अब भी अगर तुम ऋत्विक को सही समझती हो, तो खुद से पूछो—क्या उसने तुमसे ये सच कभी शेयर किया?" अयान ने गहरी आवाज़ में कहा।


"ये सब झूठ है... ऋत्विक ऐसा नहीं कर सकता," निशा ने कांपती आवाज़ में कहा, लेकिन उसके दिल में संदेह घर कर चुका था।


अयान और मेहुल ने एक-दूसरे की ओर देखा।


"अगर तुम्हें लगता है कि ये झूठ है, तो खुद ऋत्विक से पूछ लो!" रेनी ने कहा।


निशा ने धीरे से सिर हिलाया और उसी वक्त ऋत्विक को कॉल किया।


ऋत्विक का झूठ पकड़ा गया


"हाय जान! कैसी हो?" ऋत्विक ने कॉल उठाते ही प्यार से पूछा।


निशा ने काँपती हुई आवाज़ में कहा, "मुझे तुमसे कुछ पूछना है, ऋत्विक... क्या तुमने मुझसे कुछ छुपाया है?"


ऋत्विक थोड़ा असहज हो गया।


"न-नहीं... ऐसा कुछ नहीं है... क्या हुआ?"


"क्या ये तुम्हारी पुरानी शादी की तस्वीरें नहीं हैं?" निशा ने फाइल में से एक तस्वीर निकाली और फोन के वीडियो कॉल पर दिखाई।


ऋत्विक के चेहरे का रंग उड़ गया! कुछ पल के लिए उसने कुछ नहीं कहा, लेकिन फिर अपनी आदत के मुताबिक एक नया झूठ गढ़ने लगा।


"निशा, ये सब अयान का जाल है! वो हमें अलग करने के लिए कुछ भी कर सकता है!"


"तो ये फोटो झूठी है?" निशा ने ठंडे स्वर में पूछा।


"ये... ये फोटो एडिट की गई हैं... मैं तुम्हें बाद में समझाऊँगा!" ऋत्विक बौखला गया।


"नहीं ऋत्विक, अभी समझाओ!" निशा लगभग चिल्ला पड़ी।


वहाँ मौजूद अयान, रेनी और मेहुल समझ गए कि ऋत्विक का झूठ अब ज्यादा देर तक टिक नहीं पाएगा।


निशा का फैसला


"अगर तुम सच कह रहे हो, तो क्या तुम मेरी कसम खाकर कह सकते हो कि तुम्हारी पहले कभी शादी नहीं हुई?" निशा ने दृढ़ता से कहा।


ऋत्विक चुप हो गया।


"बोलो, ऋत्विक!"


"निशा, ये सब मेरे अतीत की गलतियाँ थीं, लेकिन अब मैं सिर्फ तुमसे प्यार करता हूँ!"


"तो तुमने मुझे ये सब पहले क्यों नहीं बताया?" निशा की आँखों में दर्द था।


"क्योंकि मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता था!"


"लेकिन तुमने झूठ बोलकर पहले ही मुझे खो दिया!"


ऋत्विक समझ गया कि अब निशा उसके बस में नहीं रही। उसने गुस्से में फोन काट दिया।


खतरनाक खेल शुरू


अयान और बाकी सभी को लगा कि अब ऋत्विक के बिना निशा की ज़िंदगी फिर से सामान्य हो जाएगी, लेकिन असली खेल तो अब शुरू हुआ था!


उस रात निशा अपने घर में अकेली थी। तभी दरवाज़े पर ज़ोर की दस्तक हुई।


"कौन है?"


कोई जवाब नहीं आया।


निशा ने धीरे से दरवाजा खोला और देखा—ऋत्विक गुस्से में खड़ा था!


"तुम यहाँ क्यों आए हो?"


"तुमने मुझे धोखा दिया, निशा! तुम मेरी थी और मेरी ही रहोगी!"


"ऋत्विक, अब सब खत्म हो चुका है!" निशा ने दरवाजा बंद करने की कोशिश की, लेकिन ऋत्विक ने उसे धक्का दे दिया और जबरदस्ती अंदर आ गया।


"अब ये सब तुम्हारी मर्जी से होगा या जबरदस्ती?" ऋत्विक ने धमकी भरी आवाज़ में कहा।


निशा डर गई।


"ऋत्विक, तुम पागल हो गए हो!"


"हाँ, मैं पागल हो गया हूँ... तुम्हारे प्यार में! और अगर तुम मेरी नहीं हो सकती, तो मैं किसी और के साथ भी तुम्हें देखना नहीं चाहता!"


अयान का समय पर आना


तभी अचानक दरवाजे पर ज़ोर से ठोकर मारी गई और अयान अंदर घुस आया!


"ऋत्विक! हट जा निशा से!"


ऋत्विक ने घूरकर देखा, लेकिन तब तक अयान ने एक ज़ोरदार मुक्का उसके चेहरे पर जड़ दिया।


ऋत्विक गिर पड़ा, लेकिन वो जल्दी उठा और अयान पर हमला करने की कोशिश करने लगा। दोनों के बीच ज़बरदस्त लड़ाई हुई।


"तूने मेरी ज़िंदगी तबाह कर दी, अयान!"


"तूने खुद अपनी ज़िंदगी तबाह की है, ऋत्विक!"


अयान ने उसे ज़ोरदार धक्का दिया और ऋत्विक फर्श पर गिर पड़ा। इस बार वह उठ नहीं पाया।


"अब तेरा खेल खत्म!" अयान ने पुलिस को कॉल किया और कुछ ही देर में पुलिस ऋत्विक को गिरफ्तार करने आ गई।


निशा की नई शुरुआत


ऋत्विक अब जेल में था। निशा ने राहत की सांस ली।


"अगर तुम लोग नहीं होते, तो पता नहीं मेरा क्या होता," निशा ने अयान, रेनी और मेहुल को देखकर कहा।


"अब तुम्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं, निशा।"


निशा ने अयान की तरफ देखा।


"मैं तुम्हारा कितना भी शुक्रिया अदा करूँ, कम हो

गा," निशा ने कहा।


अयान हल्के से मुस्कुराया, लेकिन उसके दिल में कुछ और ही चल रहा था।


(अगले एपिसोड में जारी...)