एपिसोड 14: एक अधूरी दास्तान
रात का समय था। अस्पताल के गलियारे में हल्की-हल्की रोशनी फैली हुई थी। मरीजों के वार्ड में शांति थी, लेकिन इमरजेंसी वार्ड की भागदौड़ अभी भी जारी थी। डॉक्टर आदित्य ने एक लंबी सर्जरी खत्म की थी, लेकिन उनकी आंखों में नींद का नामोनिशान नहीं था। वे केबिन में आए ही थे कि उनकी नज़र फिर से उसी चेहरे पर पड़ी, जिससे वे बचना चाह रहे थे—भावेश।
भावेश अस्पताल में भर्ती था, लेकिन उसका आना सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं था। वह आदित्य के अतीत का एक ऐसा अध्याय था, जिसे आदित्य बंद कर देना चाहता था। लेकिन भावेश की आंखों में कुछ था—एक अधूरी बात, एक छिपा हुआ दर्द, या शायद एक बदले की भावना।
पुरानी दोस्ती की दरार
"बहुत दिनों बाद मिले हो," आदित्य ने संक्षेप में कहा, कुर्सी पर बैठते हुए।
भावेश ने हल्का-सा हंसते हुए जवाब दिया, "हाँ, वक्त बदल गया, लोग बदल गए... लेकिन कुछ बातें नहीं बदलीं, है ना?"
आदित्य चुपचाप उसकी ओर देखता रहा। उसे महसूस हो रहा था कि भावेश का यह आना सिर्फ इलाज के लिए नहीं था।
"तुम कुछ कहना चाहते हो?" आदित्य ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी।
भावेश ने गहरी सांस ली, "कहने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन सवाल ये है कि तुम सुनना चाहते हो या नहीं?"
आदित्य ने सिर झुका लिया। बीते दिन उसकी आंखों के सामने किसी फिल्म की तरह चलने लगे। एक समय था जब वह और भावेश एक-दूसरे के लिए जान देने को तैयार थे। कॉलेज के दिनों में दोनों की दोस्ती मिसाल हुआ करती थी, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने सब बदल दिया।
"तुम्हें पता है, जब मैं यहाँ आया, तो मुझे लगा शायद सब पहले जैसा हो सकता है," भावेश ने धीरे से कहा।
"पहले जैसा?" आदित्य ने ठंडी हंसी हंसते हुए कहा, "जो बीत गया, उसे भूल जाना ही बेहतर है।"
भावेश ने गहरी सांस ली, "बदलेगा या नहीं, ये वक्त बताएगा। लेकिन एक बात तय है, मैं यहां सिर्फ इलाज के लिए नहीं आया।"
पुराने जख्म फिर हरे हो गए
अचानक, उनकी बातचीत बीच में ही रुक गई जब नर्स वार्ड में दौड़ती हुई आई, "डॉक्टर आदित्य, हमें तुरंत आपकी जरूरत है! एक गंभीर एक्सीडेंट केस आया है!"
आदित्य तुरंत खड़ा हो गया। भावेश ने उसे रोका और धीरे से कहा, "ये बात अधूरी रह गई, लेकिन ज्यादा दिन तक नहीं।"
आदित्य बिना जवाब दिए ऑपरेशन थिएटर की ओर बढ़ गया।
नया केस: एक रहस्य
ऑपरेशन थिएटर में दाखिल होते ही आदित्य का सामना एक नए मरीज से हुआ। यह एक लड़की थी, जिसकी उम्र करीब 22-23 साल रही होगी। उसका चेहरा चोटों से भरा हुआ था। नर्स ने जल्दी से रिपोर्ट देते हुए बताया, "सर, इनका एक्सीडेंट हुआ था। ड्राइवर की लापरवाही की वजह से गाड़ी एक ट्रक से टकरा गई। हालत गंभीर है।"
आदित्य ने लड़की की रिपोर्ट देखी और तुरंत सर्जरी की तैयारी करने लगे। ऑपरेशन के दौरान, उन्होंने देखा कि लड़की की कलाई पर एक नाम गुदा हुआ था—"A"।
"क्या यह कोई संयोग है?" आदित्य ने मन ही मन सोचा।
करीब दो घंटे बाद, सर्जरी सफलतापूर्वक खत्म हुई। लड़की अभी बेहोश थी, लेकिन उसकी हालत स्थिर थी।
भावेश की सच्चाई सामने आई
जब आदित्य वापस अपने केबिन में आया, तो उसने पाया कि भावेश वहीं बैठा उसका इंतजार कर रहा था।
"तुम अभी तक गए नहीं?" आदित्य ने चौंकते हुए पूछा।
भावेश मुस्कुराया, "नहीं, क्योंकि मेरी बात अभी पूरी नहीं हुई।"
"ठीक है, बोलो।"
भावेश ने धीरे से कहा, "मैंने सुना कि आज जो लड़की भर्ती हुई है, उसके हाथ पर एक 'A' लिखा है। क्या ये सिर्फ इत्तेफाक है?"
आदित्य का मन थोड़ा विचलित हुआ। "तुम्हें इससे क्या मतलब?"
भावेश ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा, "क्योंकि जिस नाम का पहला अक्षर 'A' है, वह सिर्फ तुम्हारा नहीं है, बल्कि मेरा भी है।"
क्या भावेश उस लड़की को जानता है?
आदित्य को समझ नहीं आ रहा था कि भावेश इस बात को क्यों उठा रहा है। लेकिन एक बात साफ थी—जो भी हो, यह सिर्फ एक सामान्य हादसा नहीं था।
अब सवाल यह था कि क्या भावेश उस लड़की को जानता था? क्या यह सच में सिर्फ एक दुर्घटना थी, या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी थी?
(जारी है...)
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अब अगले एपिसोड में, आदित्य और भावेश के बीच की पुरानी दुश्मनी का रहस्य खुलेगा, और अस्पताल में रहस्यमयी घटनाएँ घटेंगी!