Ek Musafir Ek Hasina - 16 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 16

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 16

16

किंग

 

रोनित  के कहे  गुडबाय  की  आवाज़  अभी अश्विन  तक पहुँची  भी नहीं  थी कि उसकी गोली  से बचता  हुआ अश्विन  ऐसे  नीचे  झुका  की  उसने रोनित  को गिरा  दिया और अब वह उस पर सवार  होकर लगातार  उसे मारने  लगा फिर उसने एक हाथ से रोनित का  गला पकड़ा  और दूसरे  हाथ से करण  को कॉल  करके  सान्या  को बचाने  और  शिप  पर टीम  भेजने  के लिए कहाI अब रोनित  उस पर हावी हो गया और वह उसे लगातार  पीटने  लगा,  तभी रोनित की नज़र थोड़ी  दूर  गिरी  पिस्तौल  पर गई  तो वह उस ओर लपका पर अश्विन  ने उसे पीछे  धकेल  दिया और फिर दोनों  में  मारामारी  शुरू  हो गईI अब रोनित  ने डेक  पर रखा  एक टिन  का डिब्बा  उठाया और अश्विन  के माथे  पर मार दिया और फिर जल्दी से उसने पिस्तौल  उठा  ली और अश्विन  के सीने  की तरफ तान दी, फिर ट्रिगर  दबाते  ही  गोली  चलने  की आवाज़  आई  पर वह आवाज़ रोनित  की गोली से नहीं बल्कि उन  दोनों  से थोड़ी  दूर  खड़ी  सान्या  की थी, जिसने रोनित  के हाथ में  गोली  मारकर  पिस्तौल  को नीचे  गिरा  दिया थाI ज़्यादा  हैरान  मत हो,  मैंने तैरना  सीख लिया थाI  अश्विन  ने रोनित  को गले  से पकड़ते  हुए उठाया  और मौके  पर पहुँची  पुलिस  टीम  के हवाले  करते हुए कहा, “इसे दिल्ली लेकर चलो, वही इसका ईलाज करवाएंगेI” अब वह सान्या  की तारीफ  करते हुए बोला, “ वेलडन  इंस्पेक्टर  सान्याI”   “थैंक्यू  सर I” “तुमने  तैरना  कब सीखा?” जब इस मिशन की लिए चुना  गया था, तभी सीख  लिया था क्योंकि  पता था कि  आपके साथ काम करते समय कैसी  भी नौबत  आ सकती हैI”  अश्विन  ने यह सुना  तो वह  मुस्कुरा  दियाI

 

अनुज  को भी खबर  मिल चुकी  है कि  रोनित पकड़ा  जा चुका  हैI उसने अश्विन  को उसकी कामयाबी  के लिए बधाई  दी तो वह बोला, “ यह सम्राट  नहीं  हैI” “तो क्या हुआ, उसका एक प्यादा  तेरे हाथ तो लगाI” अनुज की बात सुनकर वह मुस्कुरा  दिया और रोनित से मिलने हॉस्पिटल  जाने लगा, जहाँ  उसे पुलिस उसके  हाथ  में  लगी  गोली का उपचार  करने ले गई  थी I  अनुज भी घर पहुँचा  तो देखा कि सुनंदा  जी खाना  टेबल  पर लगा रही है, उसने कोमल  के बारे में  पूछा  तो उन्होंने  बताया  कि  वह पहले ही खाना खाकर  सो चुकी  हैI अब दोनों  चुपचाप  बैठकर  डिनर  करने लगेंI  उसने अब ख़ामोशी  को तोड़ते  हुए कहा,  “आंटी कल सुबह मेरी माँ आ जाएगी, आप चाहे  तो जा सकती हैI”  “यह तो अच्छी  बात है पर मैंने जो कहा है उसे गंभीरता  से लेना क्योंकि  मैं  कोमल  के भविष्य  को लेकर  बहुत सीरियस  हूँI” अब अनुज  चिढ़  गयाI वह खींजते  हुए बोला, “आप  क्यों हमारे  रिश्ते को तोड़ने  में  लगी है, अगर  आपको इस शादी से ऐतराज  था तो पहले  बता देतीI” अब सुनंदा   की त्योरियाँ  चढ़  गई, उसने अनुज को घूरते  हुए कहा,

 

“मुझे शुरू  से इस शादी से दिक्कत  थी और यह बात मैंने कोमल  को कही भी थी पर उसने मेरी एक नहीं सुनीI “

 

“क्योंकि  कोमल मुझसे प्यार  करती हैI” अनुज  ने अब  खाना  छोड़  दियाI

 

“अब सारा प्यार  हवा  हो चुका  है,  उसे अपनी  गलती  का एहसास  हो रहा  है इसलिए दोबारा  कह रही हूँ कि तुम्हारे पास सिर्फ  छह  महीने है, अगर  अपने रिश्ते  को बेहतर  कर सकते हो तो कर लोI” यह कहकर  सुनंदा  जी पैर  पटकते  हुए वहाँ  से चली गयी और अनुज भी अपना  गुस्सा  शांत करने के लिए बॉलकनी  में  जाकर  ताज़ी  हवा  में सांस लेने  लगाI

 

अश्विन  ने डॉक्टर  से रोनित की तबीयत  पूछी  तो उसने बताया कि “उसके हाथ  पर ज़ख्म  हुआ था जिसकी हमने  ड्रेसिंग कर दी है, आप चाहे  तो उससे मिल सकते हैंI “ यह सुनकर  अश्विन  उसके वार्ड के अंदर  चला  गया और उसके बेड  के करीब रखें स्टूल  पर बैठ  गयाI  उसे अपने  करीब  बैठा  देखकर रोनित बोला,

 

“मेरे  वकील  यहाँ दस मिनट  में  पहुँच  रहें हैंI” अश्विन  ने उसे घूरा  और फिर बड़ी  गंभीरता  से पूछने लगा,

 

“सम्राट  कहाँ है?”

 

“मुझे नहीं पता!!!”

 

“देख आराम से बता दें,  इस ड्रग्स  के मामले से  छूटना  इतना  आसान  भी नहीं हैI”

 

“रोनित  के लिए  मुश्किल  भी है, मैं एक जूते  बेचने  का व्यापारी  हूँ, जिसे  तूने ड्रग्स  के गलत इल्जाम  में  पकड़  लिया  है, मेरे वकील  यह बात अच्छे से साबित कर देंगे पर तू अपना  सोच!!!”

 

अब  अश्विन  को गुस्सा  आ गया, उसने पिस्तौल  जेब  से निकाली और रोनित  के सीने  पर लगा दी, यह देखकर  रोनित सहम गया,  “यह क्या कर रहा  है?  बाहर  पुलिस  है, यह हॉस्पिटल  हैI”  उसकी आवाज़  में  घबराहट हैI 

 

“अगर अश्विन  पर आये तो कोई उसे नहीं रोक सकता, समझा!  तू यहाँ से जमानत  पर निकल भी जायेगा तो भी मैं तेरा इंकॉउंटर  कर दूंगा और  कोई मुझे हाथ  भी नहीं  लगा सकताI  मैं कानून  को उतना ही मानता  हूँ जितना  ज़रूरी  हैI”  अश्विन  की आँखों  में  विश्वास  और निडरता  देखकर रोनित  के चेहरे  पर घबराहट  साफ़ नज़र  आ रही हैI  अब रोनित कुछ  सोचते हुए बोला, “ मैं सही कह रहा हूँ, मुझे नहीं पता कि  सम्राट  कहाँ हैI”

 

“झूठ  मत बोल, तू सम्राट  के तीन खास  आदमियों में  से है, जो इंडिया  में  रहते है इसलिए  नाटक  छोड़  और सच बता कि  वो कहाँ है और कैसा  दिखता  है और वो इंडिया  क्या करने आया है?”

 

रोनित ने गहरी  साँस  ली और बोला,  “सम्राट सिर्फ अपने लोगों को भी उतना ही बताता है जितना ज़रूरी  हैI  अब अश्विन  ने एक बार फिर उसे घूरते हुए कहा,

 

“देख, अपने  बीवी-बच्चों  के बारे में  सोच, जो तेरा क्रिसमस  पर इंतज़ार  कर रहें  हैंI  सम्राट  का क्या है, उसे तो मरना  ही मरना  हैI”  यह सुनकर  रोनित के चेहरे  पर हल्की  सी हँसी  आ गईI 

 

“सम्राट  कोई गली का गुंडा  या गैंगस्टर नहीं है जिसे  मारना  आसान  होगा पर तुम कोशिश  कर सकते होI”  रोनित  ने भोहें उचकाते हुए कहा तो अश्विन  ने फिर से पिस्तौल  रोनित के सीने  में  लगाई  और ट्रिगर  दबा  दिया, ट्रिगर  के दबते  ही रोनित  को दिल का दौरा  पड़ते-पड़ते बचा, उसने हैरानी  से अश्विन  की तरफ देखा तो वह बोला,  “अभी पिस्तौल  में  गोली  नहीं डाली  है और मैं तुझे आज की रात  दे रहा हूँ, आराम  से सोच लें, अगर कल तक भी तेरा मुँह नहीं खुला  तो मैं  डॉक्टर  को कहूँगा  कि  तुझे ज़हर का इंजेक्शन  दे देंI”  यह कहकर वह जाने लगा तो रोनित ने एक गहरी  साँस  लेते हुए कहा,  “ठीक है मैं तुम्हें माफिया  किंग सम्राट  के बारे में  बताता हूँI”