Ek Musafir Ek Hasina - 15 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 15

Featured Books
Categories
Share

एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 15

15

 गुडबाय

 

अश्विन  की गाड़ी  की स्पीड  करण  के गोदाम  की तरफ  बढ़ती  जा   रही हैI  उसके वहां  पहुँचते  ही अश्विन  ने  करण  से  अपडेट लिया तो उसने बताया कि  सर शाम  को ड्रग से भरा एक जहाज़  गोवा जा रहा है, उस शिप  में  रोनित  भी होगा I  यह सुनकर  अश्विन  ने कहा कि  तुम सबको  अलर्ट  कर दोI मुझे यह रोनित ड्रग्स  के साथ ज़िंदा चाहिएI  अब अश्विन  अपनी टीम के साथ चॉपर से गुजरात जाने के लिए निकल गया I

 

यश ने करीब दो घंटे  बाद बताया कि  “सर  रीना और मेहुल  सही कह रहें थेंI वह 7  दिसंबर  को सराय  काले खान से आगे जो गली जाती है, उस गली के किनारे पंचकिया मोड़  पर रुक गए थे और वह  मैकेनिक  भी मेहुल  की बात को सही  बता रहा हैI”  अनुज ने गहरी  साँस ली और बोला, “ उन दोनों  को जाने दोI” तभी शुभांगी और रीना के पापा  वकील  के साथ आ गए,  “सर हम रीना  की जमानत  के लिए आए हैंI” “उसकी  कोई ज़रूरत  नहीं है,  हम उन्हें  छोड़ रहें हैI”  अनुज का जवाब  सुनकर उनके चेहरे पर मुस्कान  आ गईI अब रीना और मेहुल  भी हाज़िर  हो गए तो अनुज  ने बड़ी  गंभीरता  से  कहा,  “मिस रीना आप दोस्त अच्छी है पर लोगों को माफ़ करना भी सीखिए, गांधी  जी ने कहा है, अगर  सभी  लोग आँख  के  बदले  आँख  माँगेगे  तो पूरी  दुनिया  तो अंधी  हो जाएगीI” “सर मुझे गांधी  जी पसंद  नहीं हैI” रीना के मुंह से यह  सुनकर  अनुज के चेहरे  पर मुस्कान  आ गई  तो शुभांगी और मेहुल  भी हँसने  लग गएI अब अनुज फिर बोला, “मिस शुभांगी  अगली  बार किसी  से रिश्ता  सोच-समझकर  जोड़िए सिर्फ कुछ सालों के रिश्ते  में  अपना  सबकुछ  किसी को सौंपना ठीक नहीं हैI”  शुभांगी  अनुज का ईशारा समझते  हुए बोली,  “मैं ध्यान  रखूँगीI “ अब सभी  ने एक बार फिर अनुज  को थैंक्स कहा और  पुलिस  स्टेशन से बाहर  निकल गएI

 

उनके जाते ही यश  ने पूछा,  “सर अब क्या?” “यश अब तो सिर्फ वो ट्रैन  ही बचती  है, देखते है कि वो हमें हमारी  मंजिल तक लेकर जाती है या नहींI”  उसने गहरी  साँस  छोड़ते  हुए आश्विन को कॉल  किया तो उसने  बताया  कि  “वह अपने मिशन के बहुत करीब है,” “ कुछ  मदद  चाहिए?” “ नहीं यार मेरे साथ एक टीम  है,  तू तो बस टाइम से घर  चला  जाइयोI”  यह कहकर  अश्विन  ने फ़ोन रख  दिया और घर का नाम सुनकर  उसका मुँह  बन गया, वह सुनंदा  को देखने  के मूड़  में  नहीं है और ऊपर  से उसे लग रहा है कि  वह कोमल  के दिमाग में उल्टी-सीधी बातें भर  रही  हैI अब कुछ सोचकर  उसने एक नंबर  घुमाया,

 

“हेल्लो अनुज बेटा, कैसा  है तू ?”

 

“मैं ठीक हूँ माँ,  आप और पापा  कैसे  है और  महाबलेश्वर की ट्रिप कैसी रही?

 

“अच्छी थी बेटाI” अब अनुज ने कोमल  के ऑपरेशन  वाली बात बताई  तो वह बोली,

 

“ओह!! अब कोमल  कैसी है?”

 

“ठीक है माँ,  क्या  आप कुछ दिनों के लिए आ सकती हैI” उसकी माँ  के हाँ कहते ही उसने खुश होकर फ़ोन रख दियाI  उसके  पेरेंट्स  उसके छोटे भाई नमन  के साथ  दिल्ली में  ही  रहते है,  घर छोटा  होने के चलते अनुज  कोमल  को लेकर दूसरे घर में  शिफ्ट हो गया थाI

 

शाम  छह  बजे अश्विन  छुपते-छुपाते  शिप  में  दाखिल हुआ, शिप  गोवा  जाने के लिए तैयार खड़ी  हैI उसने सबसे पहले  जहाज़  के ड्राइवर  को धर  लिया और फिर रोनित  के आदमियों  को मारने  लगाI शिप  में  थोड़ी  हलचल  होते ही रोनित  के वफादार  सतर्क  हो गए और मारपीट  और  गोली चलने   का सिलसिला शुरू हो गयाI  “करण  तुम डेक पर लगा माइक लाकर दो, “ उसने अब माइक से बोलना शुरू  किया,  “पुलिस  ने तुम्हें  चारों  तरफ से घेर  लिया है,  इसीलिए  हथियार  डालने  में  ही भलाई  हैI" यह सुनकर  शिप  के एक रूम  में  छिपा  रोनित गुस्से  से चिल्लाते हुए बोला,  “किसने इन  पुलिसवालों को यहाँ  के बारे में  बतायाI”  “सर पता  नहीं, “ उसके एक आदमी  ने इन्फॉर्म  कियाI अब अश्विन रोनित  के सभी  आदमियों से निपटता हुआ वहां  आ गया जहाँ  रोनित  छिपा  हुआ थाI अश्विन  उसे खोजने  लगा, तभी उसे पीछे  से आवाज़  आई,

 

“इतनी जल्दी  खेल  नहीं खत्म  होगा अश्विन  राणा I” उसने पीछे  मुड़कर  देखा तो  रोनित  ने सान्या  की कनपटी पर बंदूक रखी हुई हैI यह  देखकर अश्विन  गुस्से में  बोला,  “बेवकूफी  मत करो, तुम यहाँ से बचकर  नहीं जा सकते  हैंI” “राणा  तुम बाकी  पुलिसवालो  को कहो  कि  मेरी  शिप से बाहर  निकले नहीं तो  तुम्हारी  इस हिडन  अफसर के परखचे  उड़ा  दूँगाI”  उसने सान्या  की तरफ देखा जो बिल्कुल बेख़ौफ़  दिख  रही है पर अश्विन  उसकी जान  खतरे  में  नहीं डाल  सकताI उसने करण  को शिप  खाली करने  के लिए कहा और कुछ  ही देर में  सब के सब अश्विन को वहाँ  अकेला  छोड़कर  निकल गएI “अब मज़ा  आएगा, मेरा मन  तो कर रहा है कि  तुझे अभी के अभी  गोली  मार दो क्योंकि  मैंने सुना  है तू  सम्राट  के पीछे  पड़ा  हैI” “देख! रोनित सान्या  को जाने  देI” “तू सही कह  रहा है, सान्या  को जाने  देता हूँ,” यह कहकर वह सान्या  को शिप  के किनारे  लेकर  गया और उसे कूदने  के लिए कहाI अश्विन  फिर चिल्लाया  “पागल है, क्या!!!” सम्राट  के साथ रहने  वाला हर व्यक्ति महापागल  है और पागल  क्या नहीं कर सकते, इसलिए  सान्या  मल्होत्रा  इस पानी  में  कूदो क्योंकि मुझे अच्छे से पता  है कि तुम्हें  स्विमिंग  नहीं आती  है वरना  मैं  गोली  चला  दूँगाI”  “देख रोनित, मुझे सिर्फ सम्राट से मतलब है, तू पुलिस को बता दे कि  वह कहाँ  है तो मैं तेरी सजा कम  करवाने की कोशिश  करूँगाI”अश्विन  ने उसे बहलाने  की कोशिश  की I 

 

“सम्राट  को पकड़ना  नामुमकिन  है, इसलिए मुझे यह फालतू  के लॉलीपॉप  मत देंI” “फिर मेरा नाम भी अश्विन  राणा  है, जो केस  हाथ में  लिया उसे पूरा  करके ही छोड़ाI” अश्विन  की आँखों  में  विश्वास  उसने देखकर कहा,  “तू बेवकूफ़  है, अगर तूने  इतनी  वफ़ादारी  सम्राट  से की होती  वह तुझे सोने  से नहला  देता और फिर  तेरी सरकार  भी तो ओल्ड  इज़  गोल्ड  ही चाहती है चल  अब मेरा टाइम  वेस्ट  मत कर,  चलो  सान्या  डार्लिंग कूदोI “  अब सान्या  ने एक नज़र  अश्विन  को देखा जिसकी  आँखों  में  गुस्से  की ज्वाला नज़र  आ रही हैI  “सर आप मेरी फ़िक्र न करें, आप इस कमीने को यहाँ से मत निकलने देनाI”  अब इससे पहले  अश्विन  कुछ कहता, सान्या  ने जैसे  ही गहरे समुन्द्र में  देखा रोनित ने उसे धक्का  मार  दिया और देखते  ही देखते  सान्या डूब  गईI  “बास्टर्ड!! अश्विन भूखे शेर की तरह  रोनित  पर   लपका ही था कि  इतने में  रोनित ने उस पर गोली चलाते हुए कहा, “गुडबाय मिस्टर अश्विन!!!”