Age Doesn't Matter in Love

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इंदौर के एक आलीशान बंगले में सुबह की हलचल अपने चरम पर थी। रसोई में एक मिडल एज महिला बड़ी तल्लीनता से नाश्ता तैयार कर रही थी। उनका नाम था सरस्वती जोधा — एक स्नेही, समझदार और परंपराओं को मानने वाली गृहिणी। उनका जीवन उनके परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमता था। जैसे ही उसने पराठे तवे से उतारे, उसने रसोई से आवाज़ लगाई, “अभि... अभि! कहाँ हो बेटा?” तभी एक लड़का सीढ़ियों से नीचे उतरता दिखा, अपनी शर्ट की बाँहें मोड़ते हुए, चेहरे पर हल्की सी नाराज़गी का स्थायी भाव लिए। “जी मां...” उसने संक्षिप्त जवाब दिया। सरस्वती जी ने नाश्ता डाइनिंग टेबल पर सजाते हुए प्यार से कहा, “बेटा, देर मत करना... समय पर लौट आना।”

Full Novel

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Age Doesn't Matter in Love - 1

इंदौर के एक आलीशान बंगले में सुबह की हलचल अपने चरम पर थी। रसोई में एक मिडल एज महिला तल्लीनता से नाश्ता तैयार कर रही थी। उनका नाम था सरस्वती जोधा — एक स्नेही, समझदार और परंपराओं को मानने वाली गृहिणी। उनका जीवन उनके परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमता था।जैसे ही उसने पराठे तवे से उतारे, उसने रसोई से आवाज़ लगाई,“अभि... अभि! कहाँ हो बेटा?”तभी एक लड़का सीढ़ियों से नीचे उतरता दिखा, अपनी शर्ट की बाँहें मोड़ते हुए, चेहरे पर हल्की सी नाराज़गी का स्थायी भाव लिए।“जी मां...” उसने संक्षिप्त जवाब दिया।सरस्वती जी ने नाश्ता डाइनिंग टेबल पर सजाते ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 2

गुस्से से भरा एक दिन, और एक अनजानी शुरुआत...अभिमान अपनी बुलेट पर गुस्से में बैठा, जैसे किसी आग की पर सवार हो। बिना किसी से कुछ कहे, उसने बुलेट स्टार्ट की और झटके से बाहर निकल गया। आसमान आज बेहद साफ़ था, पर उसके माथे पर पसीने की हल्की परत थी — गुस्से और बेचैनी की मिली-जुली निशानी।तेज़ रफ्तार से सड़कें भाग रही थीं, पर उसके मन में उठते तूफान की आवाज़ उन सड़कों के शोर से कहीं ज्यादा तेज़ थी।कुछ ही मिनटों में वह 'जोधा रेस्टोरेंट' के सामने पहुंचा — वही रेस्टोरेंट जिसे उसके पिता और उसने मिलकर ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 3

अगली सुबह की पहली किरण अभी कमरे में उतरी ही थी कि सरस्वती जी धीरे-धीरे दरवाजा खोलकर अंदर आईं। में झाड़ू थी और मन में रोज़ की आदत — बेटे का बिखरा हुआ कमरा साफ करना।"पता नहीं कब सुधरेगा," वो बड़बड़ाईं। "हर बार यही हालत।"बिस्तर पर पड़ा अभिमान नींद में मोबाइल स्क्रोल करता रहा, आंखें अधखुली थीं।“मॉम, यार... मैं करने ही वाला था,” उसने आंखें मिचमिचाते हुए कहा, “आप हमेशा टाइम पर आ जाती हो।”सरस्वती जी उसकी शर्ट उठाते हुए जेब चेक कर रही थीं। अभिमान की नजर जैसे ही उस शर्ट पर पड़ी, उसका दिल तेज़ धड़कने लगा।वो ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 4

आन्या ने मन में सोचा—"कल तो ये पेस्ट्री तीस रुपये की थी... आज भी देख लूंगी, शायद वही हो।"इतना वह हल्की सी मुस्कान लिए रेस्टोरेंट में दाखिल हुई। रेस्टोरेंट कम और स्वीट बेकरी ज़्यादा लग रही थी। जैसे ही वह अंदर आई, उसकी आँखें चारों तरफ घूमने लगीं, लेकिन अभिमान कहीं नज़र नहीं आया। वो पेस्ट्री की तरफ बढ़ गई।तभी पीछे से एक आवाज़ आई—“क्या चाहिए तुम्हें?”वो राघव था।आन्या ने एक पेस्ट्री की तरफ इशारा करते हुए मासूमियत से कहा, “वो चाहिए... कितने की है?”राघव मुस्कराया, “पैंतीस रुपये की है।”यह सुनते ही आन्या का चेहरा उदास हो गया। उसने ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 5

घर पहुँचते ही आन्या का चेहरा बुझा हुआ था। ममता जी ने उसे देखा तो फिक्र से पूछा,“क्या हुआ ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप अपने कमरे में चली गई। अक्षत धीरे से बोला,“पापा ने डांटा था…”ममता जी चुप रहीं, और तूकाराम जी ने सख़्त लहजे में कहा,“अक्षत को चोट लगी है, दवा लगा दो। मैं एक बार चेक कर आता हूँ।”ममता जी अक्षत को लेकर अंदर चली गईं। थोड़ी देर बाद आन्या कपड़े बदलकर किचन में आई।ममता जी बोलीं, “खाना खा लो।”आन्या धीमे स्वर में बोली,“रसोई साफ कर लूं, फिर खा लूंगी,”और चुपचाप स्लैब साफ करने लगी।दूसरी ओर...अभिमान ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 6

AAge Doesn’t Matter in Love अगली सुबह…सरस्वती जी ने हाथ से बनी ताज़ी पेस्ट्री एक प्यारे से बॉक्स में की और अभिमान को देते हुए प्यार से कहा,“ले जा बेटा, बना दी है… वही तीस रुपये वाली जो तुझे पसंद है।”अभिमान ने बिना कोई प्रतिक्रिया दिए बॉक्स पकड़ा और चुपचाप नाश्ते की टेबल पर बैठ गया। उसकी आंखों में अब भी कुछ अटका था… कुछ जो उसके दिल को बेचैन किए जा रहा था।“आई लव यू, मिस्टर एंग्री यंग मैन…”आन्या की आवाज़ उसकी यादों में गूंज रही थी।उसने गहरी सांस ली, आँखें बंद कीं, और जैसे ही आंखें खोलीं ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 7

रात…अभिमान अपने फ्लैट में अकेला था। हॉल की हल्की रौशनी में वह बियर की बोतल लिए बैठा था। उसकी के सामने बस एक ही चेहरा बार-बार आ रहा था — आन्या का।गुस्से में उसने बोतल ज़मीन पर दे मारी।"क्यों हो रहा है ये मेरे साथ? वो लिटल गर्ल मुझसे बहुत छोटी है… फिर भी… फिर भी...""ओ कैसे-कैसे क्यूं हो रहा है ए मेरे साथ... ओ मुझसे प्यार पर कैसे…"वो बड़बड़ाता रहा, चीखता रहा।थककर थोड़ी देर बाद अपने बिस्तर पर गिर पड़ा। पर्स से वो स्टिकर निकाला जो आन्या ने उसकी बाइक पर चिपकाया था:"थैंक्यू मिस्टर एंग्री यंग मैनयू खडूस ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 8

रात – सिटी हॉस्पिटलहॉस्पिटल के शांत कॉरिडोर में सिर्फ धीमे-धीमे कदमों की आहट थी।अभिमान वॉर्ड की ओर बढ़ रहा — हर कदम के साथ उसका दिल और भी ज़ोर से धड़कने लगा।वॉर्ड नंबर 12।रात के ग्यारह बज चुके थे। दरवाज़े के पास पहुँचकर वो ठिठक गया।अंदर से हल्की सी धीमी रोशनी छनकर बाहर आ रही थी।उसने कांपते हाथों से दरवाज़ा खोला।सामने बेड पर लेटी थी — आन्या।उसका चेहरा पीला था। बाल बिखरे हुए थे, लेकिन मासूमियत अब भी उसी तरह जिंदा थी।सलाइन की बोतल से उसका हाथ जुड़ा था — और वही हाथ... वही नन्हा हाथ जिसने कभी उसकी ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 9

जब धड़कनों को ठहराव मिला...अभिमान ने उसका चेहरा अपने सीने से सटा लिया। हल्की-सी आह भरी थी उसने — उस छुअन में कोई टूटती हुई सुकून की लकीर मिल गई हो।आन्या की धड़कनें, जो अभी तक घबराहट और बेचैनी से भाग रही थीं, अब जैसे थमकर उसकी बाहों में खुद को सौंप रही थीं।उसका चेहरा गुलाबी पड़ चुका था — घबराहट, प्यार और खुशी का अनमोल संगम उसकी बड़ी-बड़ी मासूम आंखों में तैर रहा था।अभिमान ने उसकी माथे तक झूलती लटों को हल्के से हटाया और नरमी से उसके बालों पर उंगलियाँ फिराईं।"ओके..." उसने बस इतना ही कहा, जैसे ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 10

सुकून भरी सुबहअगले दिन अभिमान घर पर ही था। सोफे पर चुपचाप बैठा था, आंखों में हल्की थकावट और में कुछ शांत-सा। सरस्वती जी ने उसे देखकर पूछा,“क्या बात है? आजकल बहुत छुट्टियाँ ले रहे हो तुम।”अभिमान ने कुछ नहीं कहा, बस हल्की-सी मुस्कान दी और नजरें फेर लीं।उसी समय अमित जी बोले, “मैं निकलता हूं ऑफिस के लिए।”अभिमान ने सिर हिलाया, पर उसकी आंखों में कुछ और ही चल रहा था।वो थका हुआ ज़रूर था, पर उसके चेहरे पर एक अलग ही सुकून था…उसने अपने हाथों को देखा — वही हाथ जिनसे कल रात उसने आन्या को अपने ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 11

तुम जब पास होती हो…आन्या स्कूल चली गई थी।अभिमान भी अपने रेस्टोरेंट पहुँचा।पर आज कुछ अलग था।उसके चेहरे से जा ही नहीं रही थी — जैसे कोई अंदर से खिल गया हो।राघव ने उसे देखा तो हैरान रह गया।वो पास आया और माथे पर बल डालते हुए बोला,“क्या हो गया है तुझे? पागल-वागल हो गया है क्या? ऐसे क्यों मुस्कुरा रहा है हर वक्त?”अभिमान ने हल्का सा मुंह बनाया और बिना कुछ कहे अपने लैपटॉप पर झुक गया।दोपहर के वक्त वो मेल्स चेक कर रहा था, ध्यान पूरी तरह स्क्रीन पर था।लेकिन तभी सामने कोई खड़ा था —आन्या।वो चुपचाप ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 12

तेरे नाम की मुस्कानअभिमान खुद से ही उलझा हुआ था।उसके चेहरे पर हल्की सी हैरानी और गहराई से भरी थी — जैसे खुद से पूछ रहा हो, "ये क्या हो रहा है मेरे साथ?"उसने कभी इस तरह महसूस नहीं किया था।तभी नीचे से आवाज आई —"अरे बेटा, आज तो तू बड़ी जल्दी घर आ गया!" — सरस्वती जी मुस्कुराकर बोलीं।अभिमान झेंपते हुए बोला,"तो क्या हुआ माँ, आ नहीं सकता क्या जल्दी?"पास बैठे अमित जी ठहाका लगाकर बोले —"सरु देखना, सूरज शायद पश्चिम से निकला है आज!"अभिमान मुंह बनाकर बोला —"मैं ऊपर जा रहा हूँ..."और तेज़ कदमों से सीढ़ियाँ चढ़ ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 13

अगली सुबहअभिमान आईने के सामने खड़ा था।ब्लैक कॉलर वाली टी-शर्ट, ब्लू जीन्स, दाहिने हाथ में घड़ी, और बालों को परफेक्ट तरीके से सेट करते हुए उसने खुद को आईने में देखा और मुस्कुराकर बोला—"अभिमान... तू आज वाक़ई बहुत हैंडसम लग रहा है यार..."...और फिर खुद ही शर्म से झेंप गया।वो बाहर निकला, साड़ियों को पार करते हुए अपनी घड़ी बांध ही रहा था कि तभी सरस्वती जी ने हँसते हुए चुटकी ली—"बेटा, कहाँ बिजली गिराने जा रहे हो आज?"अभिमान मन ही मन मुस्कुरा उठा, "जिस पर गिरनी थी... वो तो कब की गिर चुकी..."बात बदलते हुए बोला,"माँ... भूख लगी ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 14

आप मुझे कहां लेकर जा रहे हैं?"लड़की ने घबराई हुई आँखों से राघव की ओर देखते हुए पूछा। उसकी में डर, संकोच और टूटा हुआ आत्मविश्वास साफ झलक रहा था।राघव ने एक पल को उसकी आँखों में झाँका और नरम लहजे में कहा,"मेरे घर..."लड़की ने तुरंत सिर हिलाते हुए धीमी, लेकिन कड़ी आवाज़ में कहा,"नहीं... नहीं... मुझे किसी अनाथ आश्रम में छोड़ दीजिए। मैं... मैं उस दुनिया की लड़की हूँ जिसे उसका मामा एक कोठे पर बेच आया था..."राघव का दिल एक पल को कांप गया।लड़की बोलती रही, उसकी आवाज़ अब कांपने लगी थी —"मेरे माँ-बाप बचपन में ही ...Read More

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Age Doesn't Matter in Love - 15

"राघव जी..." झलक मासूमियत से बोली। राघव मुस्करा दिया।झलक ने वेज पुलाव बनाया और टेबल पर रख दिया।"आईए खाना लीजिए।"राघव और झलक दोनों खाने लगे।झलक सिर झुकाए खा रही थी।राघव बोला, "तुम यहाँ रह सकती हो।"झलक बोली, "हम आपको और परेशान नहीं करना चाहते।"राघव सख्ती से बोला, "तुम्हारे पास और कोई जगह नहीं है। मैं कोई एहसान नहीं कर रहा। बदले में बस घर का काम, खाना बनाना और ध्यान रखना होगा।"झलक बोली, "ओके।""हम कहाँ सो सकते हैं?""कमरे में सो सकती हो। मुझे काम करना है।"अगली सुबहअभिमान सुबह 6 बजे उठ गया और रेस्टोरेंट निकल गया।मन में सोच रहा ...Read More