जब धड़कनों को ठहराव मिला...
अभिमान ने उसका चेहरा अपने सीने से सटा लिया। हल्की-सी आह भरी थी उसने — जैसे उस छुअन में कोई टूटती हुई सुकून की लकीर मिल गई हो।
आन्या की धड़कनें, जो अभी तक घबराहट और बेचैनी से भाग रही थीं, अब जैसे थमकर उसकी बाहों में खुद को सौंप रही थीं।
उसका चेहरा गुलाबी पड़ चुका था — घबराहट, प्यार और खुशी का अनमोल संगम उसकी बड़ी-बड़ी मासूम आंखों में तैर रहा था।
अभिमान ने उसकी माथे तक झूलती लटों को हल्के से हटाया और नरमी से उसके बालों पर उंगलियाँ फिराईं।
"ओके..." उसने बस इतना ही कहा, जैसे उस लम्हे को और भारी न करना चाहता हो।
फिर उसने दोबारा उसे सीने से लगाया।
“प्लीज़ डोंट क्राई... अब कभी नहीं डांटूंगा… कभी नहीं,” उसकी आवाज़ में पछतावे की गरमी और प्रेम की ठंडक दोनों घुली थीं।
आन्या ने रुआंसी मुस्कान के साथ कहा,
“डांटना चलेगा... लेकिन प्यार करते रहिएगा ना?”
अभिमान ने उसके आंसुओं से भीगी आंखों में देखा।
उसकी पलकों पर एक चुम्बन रख दिया — नर्म, सच्चा, और बेमोल।
“हमम... बहुत ज़्यादा…”
“आई लव यू, मिस्टर एंग्री यंग मैन…”
आन्या ने मुस्कुराकर कहा, और जैसे कमरे की हवा में फूलों की महक घुल गई।
अभिमान ने एक बार फिर उसका माथा चूमा।
कुछ पल बाद, उसने जेब से एक छोटी-सी चॉकलेट निकाली और उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा,
“ये तुम्हारे लिए…”
आन्या हंस पड़ी, और बिना कुछ कहे चॉकलेट थाम ली।
“क्या मुझे एक हग मिलेगा?” अभिमान ने बच्चों जैसी शरारती मुस्कान के साथ कहा।
उसकी इस मासूमियत पर आन्या के गाल और भी लाल पड़ गए। उसने धीरे से अपने दोनों हाथ उठाए, और उन्हें उसके गले में डाल दिया।
अभिमान ने उसे अपनी मजबूत बाहों में भर लिया — जैसे वक्त की भागती सांसों को पकड़ लिया हो।
वो उसकी खुशबू में डूब रहा था… उस सुकून में, जिसे वो अब खोना नहीं चाहता था।
फिर वो थोड़ा झुका, अपनी नाक से उसकी नाक सटाकर फुसफुसाया,
“अब जब तुम मेरी जिंदगी में आ गई हो… तो ये रिश्ता कभी नहीं टूटेगा। तुम्हें मुझसे ही शादी करनी होगी।”
आन्या की सांसें थम सी गईं। उसने उसकी आंखों में देखा, और धीरे से कहा,
“ओके…”
अभिमान ने उसकी उंगलियों को अपने हाथों में लिया।
“जल्दी ठीक हो जाओ… मैं तुम्हारा वेट कर रहा हूं।”
“कल डिस्चार्ज मिल जाएगा…” आन्या ने सादगी से कहा।
“बहुत अच्छा… लेकिन इतना रोना ठीक नहीं है, बच्चा।”
आन्या ने एक मासूम सवाल किया,
“आपका नंबर देंगे?”
अभिमान ने मुस्कुराते हुए कहा,
“परसों दे दूंगा… मेरा फोन टूट गया है।”
“क्यों तोड़ा?”
उसने बड़ी भोली नजरों से पूछा।
अभिमान ने उसकी आंखों में देर तक देखा, फिर बोला,
“बस यूं ही… अब जल्दी आना, अनू… मैं इंतज़ार करूंगा।”
वो जैसे ही दरवाजे की ओर बढ़ा, रुक गया।
पीछे मुड़कर उसने पूछा,
“तुम्हारी उम्र कितनी है?”
आन्या का चेहरा अचानक बुझ सा गया। उसकी आवाज़ थरथरा गई,
“आई लव यू, मिस्टर एंग्री यंग मैन…”
“बताओ…” अभिमान की आवाज़ में एक गंभीर मिठास थी।
“सत्रह साल…” उसने रुककर कहा।
अभिमान ने उसकी आंखों में देखा — कुछ सोचते हुए, कुछ स्वीकारते हुए — फिर “हम्म…” कहकर बाहर निकल गया।
बाहर...
राघव उसकी राह देख रहा था।
उसने अभिमान के चेहरे पर वो सुकून देखा जो बरसों बाद लौटा था।
“बात की?”
राघव ने पूछा।
“ओ अभी 17 की है… और मैं 26 का… नौ साल का फासला है राघव…”
राघव ने उसकी पीठ थपथपाई,
“प्यार में उम्र नहीं देखी जाती भाई… बस एहसास देखा जाता है। जिसे पा लिया, वही तेरी जन्नत है।”
अभिमान ने उसे गले से लगा लिया।
“मैंने उसे सब बता दिया… मैं भी उससे चाहता हूं। वो मुझसे नाराज़ थी, बीमार पड़ गई… पर जब उसने खुद को मेरे सीने से लगाया… राघव, जैसे मुझे खुदा मिल गया हो।
वो मुझसे प्यार करती है… और मैंने… मैंने उसे इग्नोर कर दिया था…”
फिर वो उससे अलग हुआ और ठहरकर बोला,
“मैं सब से लड़ लूंगा… पर अब कभी उससे अलग नहीं होऊंगा।”
क्या आगे की दुनिया इन दो दिलों को अपनाएगी?
क्या समाज के सवाल इस मासूम रिश्ते को झुका पाएंगे?
या फिर ये कहानी साबित करेगी – "Age Doesn’t Matter in Love..."
आगे पढ़ते रहिए… “Age Doesn’t Matter in Love” ❤️