Age Doesn't Matter in Love - 13 in Hindi Drama by Rubina Bagawan books and stories PDF | Age Doesn't Matter in Love - 13

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Age Doesn't Matter in Love - 13

अगली सुबह 


अभिमान आईने के सामने खड़ा था।

ब्लैक कॉलर वाली टी-शर्ट, ब्लू जीन्स, दाहिने हाथ में घड़ी, और बालों को एकदम परफेक्ट तरीके से सेट करते हुए उसने खुद को आईने में देखा और मुस्कुराकर बोला—

"अभिमान... तू आज वाक़ई बहुत हैंडसम लग रहा है यार..."

...और फिर खुद ही शर्म से झेंप गया।


वो बाहर निकला, साड़ियों को पार करते हुए अपनी घड़ी बांध ही रहा था कि तभी सरस्वती जी ने हँसते हुए चुटकी ली—

"बेटा, कहाँ बिजली गिराने जा रहे हो आज?"

अभिमान मन ही मन मुस्कुरा उठा, "जिस पर गिरनी थी... वो तो कब की गिर चुकी..."


बात बदलते हुए बोला,

"माँ... भूख लगी है!"


उसी वक़्त अमित जी अख़बार से नज़र हटाकर बोले,

"इतना सज-धज के कहाँ जा रहे हो, जनाब?"

अभिमान ने थोड़ा मुँह बनाते हुए कहा,

"कहीं नहीं... रेस्टोरेंट जा रहा हूँ बस।"


अमित जी ने हँसकर टोका,

"बेटा हूँ तेरा, सब समझता हूँ।"


अभिमान चिढ़ते हुए हँस पड़ा,

"और आप मेरे पापा हैं, ये भी मुझे पता है..."


अमित जी को उसका यूँ मुस्कुराना बहुत सुकून दे गया।

सरस्वती जी ने फिर शरारत से पूछा,

"वैसे... बिजली गिर गई है या अभी गिरानी है?"

अभिमान के कान तक लाल हो गए, और माँ-बेटे दोनों खिलखिला उठे।


नाश्ता खत्म कर वो घड़ी देखता हुआ उठा,

"माँ! कक्की?"

सरस्वती जी ने उसके हाथ में दी और वो तेज़ी से बुलेट स्टार्ट कर निकल पड़ा।


पीछे से अमित जी, सरस्वती जी से बोले,

"सुनो... आज हमारा बेटा फिर से हँस रहा है..."

सरस्वती जी मुस्कुराकर उनके सीने से लग गईं।

अमित जी ने माथा चूमते हुए कहा,

"मैं भी निकलता हूँ..."


दूसरी तरफ...


आन्या एक पेड़ के नीचे खड़ी थी।

आँखों में नमी थी... हल्की सी बेचैनी...

उसे लगने लगा कि शायद अभिमान नहीं आएगा।

तभी एक साया उसके सामने आ खड़ा हुआ।


बिना कुछ कहे, आन्या उस साया से जाकर लिपट गई...

वो अभिमान ही था।


अभिमान थोड़ी देर को हैरान रह गया... फिर उसने भी उसे कसकर अपनी बाँहों में भर लिया।

आन्या के गले में भारीपन था,

"इतनी देर कोई करता है क्या!"


अभिमान का दिल तड़प उठा।

उसने उसका चेहरा अपने हाथों में भर लिया,

"हाय... लुक ऐट मी..."


आन्या ने अपनी भीगी पलकें उठाईं और उसकी आँखों में देखा।

अभिमान ने उसके आँसू पोछे, फिर उसे सिने से लगाकर उसके बालों में उंगलियाँ फिराते हुए बोला—

"श्श्श... शांत हो जा बेबीगर्ल... ट्रैफिक में फँस गया था, इसलिए देर हो गई।"


आन्या मासूमियत से बोली,

"मुझे लगा... आप नाराज़ हो गए..."


अभिमान ने मुस्कुराकर उसका हाथ पकड़ा और बुलेट पर बिठाया।

उसे पानी दिया।

वो पानी पीकर अभिमान को देखने लगी।

अभिमान उसे निहारते हुए उसके माथे पर प्यार से किस कर बैठा।

आन्या शरमा गई।


फिर उसे अचानक याद आया,

"कल तुमने मेरी कॉल क्यों नहीं उठाई?"


आन्या ने मुँह बनाते हुए कहा,

"मैं ग़ुस्से में थी आपसे..."


फिर हाथ बाँधकर मुँह फुलाकर दूसरी ओर देखने लगी।

अभिमान को उसकी नाराज़गी भी प्यारी लगी।

उसने हँसते हुए उसके फूले गाल खींचते हुए कहा,

"अच्छा..."


आन्या चिढ़कर बुलेट से उतर गई,

"मैं जा रही हूँ... मुझे देर हो रही है..."


जैसे ही उसने पीछे मुड़ने की कोशिश की,

अभिमान ने उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी बाहों में भर लिया—

"अच्छा बाबा... सॉरी..."


आन्या ने सीने पर हाथ रखकर अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से उसे देखा,

"हम्म..."


अभिमान ने फिर उसका माथा चूमा।

आन्या की मुस्कान वापस लौट आई।

फिर अभिमान ने गाल पर भी किस किया...

आन्या की धड़कनें तेज़ हो गईं।


वो उसे देखती रही।


अभिमान मुस्कुराकर बोला,

"चलो... स्कूल का टाइम हो गया। दस मिनट ऊपर हो चुके आठ बजे से।"


आन्या ने उसे घूरते हुए कहा,

"ये सब आपकी वजह से हुआ है..."


फिर अचानक से अपनी एड़ियों पर खड़ी होकर उसके गाल पर हल्का सा किस कर के भाग गई।


अभिमान बस उसे देखता रह गया...


आन्या मुड़ी और मुस्कुराकर बोली,

"फीदा!"

..