गुनाह तो किया है हमने तुम पे भरोसा कर के,
हालात, वक्त और एहेसास में मेरा ही इस्तेमाल कर के।
हमें थी ख़्वाहिश कि तुम साथ दोगे हर सफ़र में,
तुमने तो छोड़ा हमें राहों में तन्हा कर के।
न थी ख़बर कि ये दुनिया यूँ दगा देगी हमको,
हम बैठे रहे दिल को अपना बेगाना कर के।
वो वादा-ओ-वफ़ा, वो कसमें, सब फरेब निकला,
गए तुम अपनी मंज़िल, हमें वीराना दे के।
कभी सोचा न था तुम यूँ बदल जाओगे इक पल में,
चले गए तुम हमें अश्कों का नज़राना कर के।
ये दिल अब सीख ले, मत कर किसी पे एतबार तू,
बस जी ले अपनी हस्ती को दीवाना कर के।