इक लड़की है पगली दीवानी सी
इक लड़की है जानी पहचानी सी
वो ख्वाबों में मेरे आती हैं
मुझको पागल कर जाती हैं
शर्दी के मौसम में भी वो
गर्मी का अहसास दिलाती हैं
सावन की बूंदों सी वो
मुझपे बारिश कर जाती हैं
पारियों सी वो लगती हैं
कोयल सी उसकी बोली है
नैना तिरछे उसके कातिल
मेरे दिल को घायल कर जाती हैं
रूह में बस्ती है वो मेरी
धड़कन की वो रानी है
मेरे ख्वाबों की वो शहजादी
ख्याल मेरा बन जाती हैं
इक लड़की है भोली भाली सी
जो मेरे दिल में दौड़ लगाती हैं
प्यारी प्यारी बातों से वो
मेरे तन को महकाती हैं
इक लड़की है जानी पहचानी सी
जो मेरे ख्वाब सजाती हैं
रूह में बस्ती है वो मेरी
जान मेरी कहलाती हैं
इक लडकी है पगली सी
इक लड़की है दीवानी सी
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