*तय हुआ*..
लोग सौदा करेंगे,
हम बिकेंगे नहीं।
किस्मत कही दूर,
उस गगन के पार।
उड़ना चाहा,
पंख भी थे,
पर हवा साथ नहीं थी।
रूह तड़पी,
पर आवाज़ ना बनी।
अंधेरा था अंदर
पर एक किरण भी थी
सिर्फ तेरे नाम की..
मैं अभी भी खड़ी हूँ —
बस तेरी चाहत में।
बस आ भी जा।
_Mohiniwrites