मां, सिर्फ एक नाम नहीं , बच्चे का पूरा संसार है
मां, सूरज की पहली किरण व रात की मधुर चांदनी है
मां, है तो सब सही है और न हो तो जीवन नीरस है
मां, खुशियों का सागर है जो बिन कह सब दे देती है
मां, जीवन की पहली गुरु और पहली मित्र भी है
मां, हर कठिन मोड़ पर रक्षा कवच की तरह खड़ी होती है
कोई पूछे तो कौन है मां, मैं कहूं भगवान है मेरी मां
जिनकी दुनिया सिर्फ उनके बच्चों के लिए होती है
बच्चे पर आंच भी आए तो दर्द उनको होता है
सुबह के नाश्ते और रात खाने तक रसोई में रहती है मां
स्कूल में देर न हो जाए इसलिए सबसे पहले उठती है मां