✤┈SuNo ┤_★_🦋
ज़ख्मी है दिल मगर शिकवा करें तो
किससे करें, कि हर नज़र में छुपी है
कहानी दर्द की,
वो आए थे मरहम लगाने मगर, ये
क्या जानें, हर सांस मेरी है एक
निशानी दर्द की,
तमन्ना थी कि भर जाए ये ज़ख्म-ए-
मोहब्बत, मगर हर आह में है इक
रवानी दर्द की,
न पूछो कैसे गुजरी है हर एक पल
तन्हा, हर धड़कन सुनाती है ज़बानी
दर्द की,
कभी जो मुस्कुराए भी हम तो ये न
समझना, कि होंठों पे सजी है जो,
वो निशानी दर्द की,
वो क्या समझेंगे इस दिल के हाल
को 'ज़ख्मी' जिन्होंने देखी ही नहीं
जवानी दर्द की...🔥
╭─❀🥺⊰╯
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☞#LoVeAaShiQ_SinGh 😊°
⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
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