कभी किसी दिन दिल करता हैँ
के आज़ाद आसमानो मे बे परवाह
उड़ जाऊं
बस खुद के लिए जीना चाहती हूँ
बे खौफ...
दिल करता हैँ के खूब हसु
बिना किसी के टोक से
दिल खोल कर रोलु
सभी मर्यादो को लांघ
खुद मे जीना चाहती हूँ
क्या गलत क्या सही
सब छोड़
बस कुछ पल सुकून से जीना चाहती हूँ
- SARWAT FATMI