#loveyoumummy
माँ
माँ कहीं नहीं जाती जाकर भी
वो बसी रहती है घर के किसी कोने में
झांकती रहती है किसी फ्रेम से
या बैठी होती है मुंडेर पे, आले पे
दरवाजे के पीछे या रसोई में
टुकुर -टुकुर निहारती
अपने बच्चों को
उनके अपनों को
जहाँ उसके प्राण बसते हैं
जिन्हें वो संभालती है जीवन भर
और उसके बाद भी
माँ से नहीं छूटते उसके बच्चे कभी भी।
माँ कहीं नहीं जाती जाकर भी।।
( माँ की याद में.... राजन द्विवेदी )