#आधा
आधे नर...आधे नारी..
जुकता इनके चरणों में, हर कोई
हो वैरागी या संसारी,
नाग की माला है गले में,
शीश पे है गंगा धारी,
डमरू बजा के नाचते जब जब,
मग्न हो जाती धरती सारी..
करते सारे पापो का नाश,
भूल भी कर देते है माफ़,
इतने प्यारे है हमारे भोले भंडारी 🙏😊
कामिनी वर्मा