सुबह आँख भी ना खुली हो,
लबों पे जो पहले नाम आए… वो तुम।
रात को नींद हमें अपनी आगोश में ले ले उससे पहले,
हमारी आँखों में समाने वाला ख़याल हो तुम।
सोने के बाद भी जो मुझ में,
हमेशा जागता रहे वो एहसास हो तुम।
हर वक़्त इस दौड़-धाम वाली और बिज़ी लाइफ़ में,
सुकून का प्यारा सा पल हो तुम।
हर वक़्त दिल में जिसको खोने का डर बना रहता है,
वो पल-पल की फ़िक्र हो तुम।
बताओ तो,
इससे ज़्यादा कैसे बताएँ कि,
हमारे लिए क्या हो तुम??
— Anurag Basu
- Anurag Basu