"दिल का झूठा हाल"
अपने दिल का मैं झूठा हाल लिख रही हूँ,
तुम्हे फ़साने के लिए यारों मैं जाल लिख रही हूँ।
कभी इश्क़ नहीं किया मैंने किसी से,
पर इश्क़ पर उठे जो, वो सवाल लिख रही हूँ।
ना कभी दिल टूटा है ना किसी का साथ छूटा है,
लेकिन देखो कैसे टूटे दिलों का हाल लिख रही हूँ।
मेरी बातों में मत आना, दिमाग़ घूम जाएगा तुम्हारा,
मैं तो बस सबके दिलों का दर्द और मलाल लिख रही हूँ।
मैं तो शायरा हूँ, कल्पना को भी सच लिख देती हूँ,
अपने झूठ से सच्चाई को निहाल लिख रही हूँ।
कुछ ख़ास नहीं है मेरे पास, बस शब्दों की हेरा फेरी है,
अब ये मत बोल देना के कमाल लिख रही हूँ।
“कीर्ति” अच्छी शायरा है क्या, बताओ ना दोस्तों,
ये सच है या मैं बस ख्याल लिख रही हूँ।
Kirti Kashyap"एक शायरा"✍️