“दो दोस्तों और पहाड़”🌄
दो सबसे अच्छे दोस्त थे—अनिकेत और सौरभ। दोनों ने सोचा कि वे एक ऊँचे पहाड़ की चोटी तक चढ़ेंगे।
रास्ता मुश्किल और खतरनाक था। बीच में अनिकेत ने थकान महसूस की और बोला,
“चलो लौट चलते हैं, ये हमारे बस की बात नहीं।”
लेकिन सौरभ ने मुस्कुराते हुए कहा,
“अगर हम अब रुक गए, तो कभी चोटी का नज़ारा नहीं देख पाएंगे। थोडा और कोशिश करते हैं।”
सौरभ ने धीरे-धीरे अनिकेत का हाथ पकड़ा और दोनों ने मिलकर कदम बढ़ाए।
कई कठिनाइयों के बाद, वे पहाड़ की चोटी पर पहुँचे। वहाँ से उन्होंने सूरज उगते हुए देखा और दोनों के चेहरे पर खुशी और गर्व झलक रही थी।
कहानी का संदेश:
*“मुश्किल रास्ते और थकावट अस्थायी हैं, लेकिन मेहनत और विश्वास से मिली सफलता हमेशा याद रहती है।”* 🏔️✨