समय किसी से भेदभाव नहीं करता
क्या राजा और क्या रंक
इसने किसी को ना बख्सा है।
हर एक पर इसने
अपना कोप बराबर बरसा है।
पर र्निदयी नहीं है स्वभाव से
बस दंड देते समय कठोर है।
जो पार कर ले इसकी चुनौति
वो वीर नहीं कोई और है।
अच्छे और बुरे हर एक का
अहसास ये दिलाता है ।
अपना मोल ये
बात बात पर समझाता है।
- vrinda