चांद तेरा रुप देख कर तो,
हमारे महबूब,शरमा के चले गए।
पुराना किस्सा सुनने आए थे,
और एक नया
फ़साना बना के चले गए।
चांद तेरा रुप
देख कर तो,
हमारे महबूब भी,
शरमा के चले गए।
दुनिया में रहते हुए भी
हम सपनों के बादलों में दूर कहीं खो गए।
चांद तेरा रुप देख कर तो,
हमारे महबूब,शरमा के चले गए।
अपनी अदाओं से
हमको कायल बना के चले गए।
नैनों के उन तिरछें तीरों से
हमें घायल बना के चले गए।
चांद तेरा रुप
देख कर तो,
हमारे महबूब भी,
शरमा के चले गए