✨ कविता: खुद से प्यार करना भी जरूरी है
जब थक जाऊँ दुनिया की भीड़ में,
तो खुद से मिल बैठ जाना जरूरी है।
हर रिश्ते को निभाते-निभाते,
कभी खुद को भी सुलाना जरूरी है।
आईने में जो चेहरा दिखता है,
वो अनमोल है, ये जानना जरूरी है।
हर आंसू को चुपचाप पी लेने से पहले,
कभी खुद को भी समझाना जरूरी है।
जो खुद से न हारा हो अब तक,
वो ही सच्चा विजेता कहलाता है।
इस दुनिया की तानों से डरने से बेहतर,
खुद से प्यार निभाना जरूरी है।
जब सारे रास्ते अजनबी लगें,
तो खुद की छांव बन जाना जरूरी है।
खामोशी में भी जो आवाज़ सुने,
ऐसा अपना बनाना जरूरी है।
खुद के ग़लत फैसलों को माफ़ करो,
हर इंसान से पहले इंसान हो तुम।
दुनिया कहे कुछ भी — पर याद रखना,
अपने लिए सबसे खास हो तुम।