तेरे संग अच्छा लगता है,
जैसे धूप में ठंडी छाँव मिल जाए,
जैसे बारिश की बूंदों में सुर मिल जाए,
जैसे अधूरी धड़कनों को धुन मिल जाए।
तेरे संग हर लम्हा खास लगता है,
जैसे वक्त भी ठहरने को तैयार हो,
जैसे हवाएं भी तेरा नाम पुकारें,
जैसे हर राह तुझ तक ही जाए।
तेरे संग हँसी भी मीठी लगती है,
दर्द भी जैसे अपना सा लगता है,
खामोशियाँ भी बातें करती हैं,
और हर शाम गुलाबी लगती है।
तेरे संग बस यूँ ही चलना है,
बिना वजह, बिना किसी मंज़िल के,
बस तेरा हाथ हो मेरे हाथ में,
और दुनिया से बेखबर सफर चलता रहे।
तेरे संग हर सुबह नई लगती है,
सूरज की पहली किरण जैसे मुस्कुराती है।
तेरी बातें किसी मीठी धुन सी बजती हैं,
और हर सांस में तेरी खुशबू बस जाती है।
तेरे संग हर लम्हा रोशनी सा लगता है,
चाहे अंधेरे हों, पर उजाला सा लगता है।
तेरी एक नजर जैसे कोई जादू कर जाए,
दिल की हर उलझन को चुपचाप सुलझाए।
तेरे संग दुनिया और भी हसीन लगती है,
जैसे ख्वाबों ने हकीकत का हाथ थाम लिया हो।
बस तेरा साथ हो, और कुछ न चाहिए,
क्योंकि तेरे संग… जिंदगी का हर पल अच्छा लगता हैं।