की वो नूर जिसपे मरते थे हम,
उसके बाद वैसा कुछ दिखा ही नहीं...
ये दिल दुबारा किसी पे लगा ही नहीं...
मिलते दुबारा तो बताते ज़रूर...
थोड़ा ही सही पर जताते ज़रूर...
हमारा दर्द तुमसे छुपाते ज़रूर...
तुम्हें आख़िरी बार मनाते ज़रूर...
पर तुम हमेशा की तरह हमें नकार दोगी...
हम तुम्हारे है ही कौन जो तुम हमें प्यार दोगी...
फिर भी हम तो दीवाने हैं रहेंगे भी...
अगर इश्क़ दर्द है तो सहेंगे भी...
- Kshitij daroch