नन्ही छोटी मुट्ठी
मुट्ठी में कुछ तो बंद थे
बंद थे कुछ छोटे– छोटे दाने
बंद मुट्ठी पर ताले
सरक रहे है पीछे
फिर भी गिर गए थे कुछ नीचे
डरे हुए जज्बात लिए
ठंडे– ठंडे हाथ लिए
दबे पांव वो चुपके
धीरे – धीरे घिसक रहे वो छुपके
लेकिन लगता है चोरी पकड़ी गई
नज़रे मम्मी पर जब जा अटके
घूर रही थी आंखों में डांट लिए
लंबी सी छड़ी वो हाथ लिए
खींच रही थी कान
बिलकुल भी नही तू सुनता मेरी
बोली तू हो गया शैतान
✍️ रिंकी उर्फ़ चंद्र विद्या
#चोरीपकड़ीगई #बालकविता