“चाँद भी होगा तारे भी होंगे
फूल चमन में प्यारे भी होंगे
लेकिन हमारा दिल ना लगेगा
भीगेगी जब जब रात सुहानी
आग लगायेगी रुत मसतानी
तुहि बता कोई कैसे जिएगा
दिल के मारों को दिल के मालिक
ठोकर लगकर चल दिए
दिल के टुकड़े टुकड़े कर
के मुस्कुराके चल दि
जाते जाते यह तोह बता जा
हम जिएंगे किस के लिए
दिल के टुकड़े टुकड़े कर
के मुस्कुराके चल दिए
🥵