इन लोगों के कमिटमेंट कहां गए जो इन्होंने अपनी पत्नी को बहुत साल पहले दिए थे।क्या इनकी जवान की कोई वैल्यू नही ।ऐसा प्रतीत होता हैं ऐसे लोग दिमाग से अपंग ,हो चुके है जो ये सब करते है ।
कहाँ आसां होता हैं
पैंतालिस पार पुरुष के लिए
डेट पर जाना
उसे बोलने पड़ते हैं
एक हज़ार झूठ
वह जाता है पार्लर
अपने सफ़ेद बाल
छुपाने के लिए
कराता है स्किन को ट्रीट
रिंकल्स हटाने के लिए
असलियत को छुपाने के करता है
लाख जतन
त्वचा की ताज़गी के लिए
खरीदता है
इश्तहार में सुझाये प्रोडक्ट
पत्नी को बताता है
कितना काम है,,, पैसा कमाता हूं
सारा दिन मोबाइल पर अपना सिर खपाता हूं
इसलिए घर देर से लौट कर वापस आता हूं
कभी लेता है बहाना
पुराने साथियों के पास रियूनियन में जाने का
तो कभी भाई, बहनों के कामों की देता है दलीलें
आसान नहीं होता
चालीस पार पुरुष के लिए
डेट पर जाना
डेट पर आई स्त्री से
भी बनाने पड़ते हैं बहाने
उसके विषयों में होते हैं
पत्नी द्वारा दी पीड़ा के मर्मान्तक किस्से
कलह के रेडीमेड कैप्सूल
निरीह प्राणी होने के प्रमाण
और रोने के अभिनय के प्रपंच
अपनी प्रेमिका को
तुम्ही हो एकमात्र
टि्वन फ्लेम और रानी साहिबा
कहकर सुनाता है
अपने दर्द की कहानी ,,,,
कहाँ आसां होता है
चालीस पार पुरुष के लिए
डेट पर जाना