दिल में तेरे प्यार की दुनिया दफन है
सो रहा किसी कोने ओढ़े कफन है
मेरे गीत उनको जिलाने का जतन है
दिल में तेरे प्यार की दुनिया दफन है
जुड़ना नहीं उसे घट जाना हीं था
घट को तो घट घट जाना हीं था
चरमरायेंगे कल चीखेगे भी
टूटने का आज तो प्रश्न हीं नहीं है
देखे कभी थे जो हाथों में हाथ हो
तो कड़ी धूप में भी सुनहरी बरसात हो
नींद से जगे तो फिर झूठे सपन है
-Vikash 'Bihari'