एक मजदूर नया नया दिल्ली आया।
पत्नी को किराए के मकान मे छोडकर काम की तलाश मे निकला पड़ा। थोडी दूर चलने के बाद उसे एक गुरुद्वारा दिखा । उस गुरुद्वारे में सेवा चल रही थी। उस मजदूर ने
कुछ लडकों को काम करते देखा उनसे पूछा
"क्या मैं भी यहाँ काम कर सकता हूँ?"
लडको ने 'हाँ' कहा।
मजदूर-
"तुम्हारे मालिक कहाँ हैं?"
लडको के दिमाग मे शरारत सूझी और बोले-
"मालिक बाहर गया है। तुम बस काम पर लग जाओ। जब मालिक आयेगे तो हम लोग बता देंगे कि तुम आज से काम पर लगे हो।"
मजदूर खुश हुआ और काम करने लगा।
अब रोज सुबह समय से आता शाम को जाता।
पूरी मेहनत लगन से अपना काम करता।
ऐसे हफ्ता निकल गया।
मजदूर ने फिर लडकों से पूछा- मालिक अभी तक आते नही "मालिक कब आयेंगे?"
लडकों ने फिर भी उसे सच नही कहा और फिर से मजदूर को एक हफ्ता कह दिया।
फिर से हफ्ता निकल गया।
मजदूर लडकों से बोला-
"भैया आज तो मेरे घरपर खाने को कुछ भी नही ।
बचा हैं। पत्नी बोली कुछ पैसे लाओगे तभी खाना बनेगा।
भैया मालिक से हमें मिलवा दो।"
लडकों ने कुछ सोच कर बात अगले दिन तक टाल दी।
मगर मजदूर के जाते ही उन्हें अपनी गलती का एहसास होने लगा और उन्होने आखिर फैसला किया कि वो कल मजदूर को सबकुछ सच सच बता देंगे। की ये गुरूदा्रे की सेवा है। यहाँ कोई किसी का मालिक नहीं होता हैं। यहां सब अपनी मर्जी से काम और सेवा करते है।
ये तो हम अपने गुरु महाराज जी की सेवा कर रहे हैं।
अगले दिन जब मजदूर आया तो सभी लडकों के चेहरे उतरे थे।
वो बोले-
"अंकल जी, हमें माफ कर दो।
हम अबतक आपसे मजाक कर रहे थे।"
और सारी बात बता दी।
मजदूर हंसा ओर बोला- भैया आप लोग
"मजाक तो आप अब कर रहे हो।
हमारे मालिक तो सचमुच बहुत अच्छे इंसान हैं।
वो कल दोपहर मे हमारे घर आये थे।
हमारी पत्नी को 1 महीने की पगार ओर 15 दिनों का राशन देकर गए।
कौन मालिक मजदूर को घर पर पगार देता है, राशन देता है।
सचमुच हमारे मालिक बहुत अच्छे इंसान हैं।"
और फिर इतना कहे कर फिर से अपने काम पर मेहनत से जुट गया।
लडको को बहुत आश्चर्य हुआ मजदुर की बात सुन कर, उन्हें अपने किए पर पछतावा भी हुआ । लेकिन फिर लडकों की समझ में आ गया जो बिना स्वार्थ के सच्चे मन से गुरु की सेवा करता है, गुरू हमेशा उसके साथ रहते हैं और उसके दुख तकलीफ को भी दूर करते रहते हैं। कभी भी अपने बच्चो को परेशान नही होने देते है।
जब आप किसी की मदद करते हैं तो
परमात्मा भी आपकी मदद करते है
इसीलिए किसी भी परिस्थिति हों हमे
घबराना नही चाहिए।
आपने गुरु पर पूर्णतः विश्वास रखना चाहिए।
वो हमेशा हर परिस्थिति मैं हमारे साथ होते है।
कभी हमे अकेला नही छोड़ते हैं।
##@"गुरु साहेब जी के चरणों में मेरा शत-शत नमन"
##जय गुरु देव
¶¶[किरण जाधव] ¶¶