‼️ अष्ट सिद्धि जिनकी पहचान,‼️
‼️ वो हैं संकट मोचन हनुमान। ‼️
#हनुमान_विजयोत्सव ...
भगवान शिव के 11 वें अवतार और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के सर्वप्रिय भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव आज (चैत्र मास की पूर्णिमा) मनाया जा रहा है, लेकिन हम में से अधिकांश लोग नहीं जानते कि बाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को स्वाति नक्षत्र में हुआ था। और उसके अनुसार उनका जन्मोत्सव तभी मनाया जाता है। अर्थात इस प्रकार हनुमान जी एकमात्र देव हैं जिनका जन्मोत्वस दो बार मनाया जाता है।
दरअसल आज मनाए जाने वाले जन्मोत्सव को विजयोत्सव का रूप माना जाता है, जिसके मूल में उनसे जुड़ी कथा का विशेष महत्व माना जाता है जो इस प्रकार है, और शायद लगभग हम सभी उसे जानते भी हैं।
इस कथा के अनुसार एक बार बाल्यावस्था में भूख लगने पर अपनी अतीव शक्तियों के दम पर 'सूर्य' को उन्होंने फल समझकर खा लिया था। यह वही समय था जब राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने आया था लेकिन जब उन्होंने हनुमान जी को सूर्य निगलते हुए देखा तो राहु ने देवराज इंद्र से जाकर यह बात बता दी। और इस बात से इंद्रदेव ने क्रोधित होकर हनुमान जी को दंड देने के लिए उन पर वज्र का प्रहार किया। यह वज्र हनुमानजी की ठोड़ी में लगा जिससे वे बेहोश हो गए। पवन देव ने जब अपने बेटे को इस तरह से संकट में देखा तो उन्होंने क्रोधस्वरूप पूरे ब्रह्मांड में प्राणवायु को रोक दिया। इस आपात स्थिति में स्वयं ब्रह्माजी पवन देव के पास गए और बाल हनुमान को जीवनदान दिया। और मान्यता है कि वह दिन चैत्र मास की पूर्णिमा का ही दिन था। अब क्योंकि इस दिन बजरंगबली को नया जीवन मिला था, ऐसे में यह दिन उनके जन्मोत्सव (विजयोत्सव) के रूप में मनाया जाने लगा।
༺꧁ ◆ ॐ हं हनुमते नमः ◆ ꧂༻
हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई के साथ। __/\__
.... वीर।