23 मार्च 1931
अपने
नश्वर देह को त्याग कर
आज ही के दिन
23 मार्च 1931 को
फांसी के फंदे पर झूल गए
और अमर हो गए
शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु
हमेशा के लिए,
तब की विश्व राजधानी लंदन
और ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाकर
उन्होंने फूंका था क्रांति का बिगुल
और
उनके बलिदान ने
सिखा दिया
स्वतंत्रता और निर्भीकता की शमा पर
न्योछावर हो जाना
आजादी के करोड़ों परवानों को
और
उन तीनों की जलाई शमा
आज भी जल रही है
कोटि युगों तक
प्रज्वलित ही रहेगी,
और प्रेरित होते रहेंगे
करोड़ों नौजवान
हर तरह की असमानता
परतंत्रता
और
तानाशाही के खिलाफ
देने अपना बलिदान
कि
सबसे ऊपर है राष्ट्रहित
और
मानवता।
(आज शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस पर उन्हें शत-शत नमन 🇮🇳🙏)
डॉ.योगेंद्र कुमार पांडेय©